महाराष्ट्र के मुंबई के समीप बहुत सारे जगह है जो अपने आप में अलग शहर है, जैसे वसई , विरार, नालासोपारा, दहिसर, बिआंदर, मीरा रोड आदि।
इस में एक सुंदर शहर है वसई जो मुंबई की उत्तरी हिस्से में है।
वसई में रेलवे ट्रैक भी है जो वसई रोड के नाम से प्रसिद्ध है। बहुत सारी रेल जहां आती है। लोकल ट्रेन भी बहुत चलती है। जिससे आप जहां आसानी से आ जा सकते हो।
वसई को 2 भागों में विभाजित किया गया है वसई पूर्व ( vasai East) और वसई पश्चिम ( vasai West)।
दोनों भाग साथ साथ ही है, बीच में है कुछ ही दूरी।
वसई वेस्ट स्टेशन के जायदा क़रीब है।
अब जानते है वसई के बारे में।
वर्तमान में पालघर जिले में स्थित वसई पहले थाने का हिस्सा था। 2014 में वसई पालघर के हिस्से में आ गया था।
वसई में देखने के लिए मंदिर , बीच, रिजॉर्ट्स, वाटर पार्क, वाइल्डलाइफ संचुआरी , किले बहुत कुछ है।
वसई में देखने लायक जगह है:
1. वसई किला: वसई किले एक पुरातिन किला है जो पुरतगाल को शैली से बना है। अब यह किला पहले जैसा नहीं है, इसके अवशेष ही बचे है। इसको बसेन दुर्ग भी कहा जाता है। यह काफी विशाल दुर्ग है। पुर्तगाली के शबद से ही इस दुर्ग का नाम पड़ा है, जिसका अर्थ था उत्तरी कोंकण।
2. सरुचि बीच: वसई दुर्ग के पास ही है सरूचि बीच जो साफ , सुथरा है, जहां पर आप भीड़ भाड़ से दूर समुंदर को देख सकते है, समुंद्री लहरों को निहार सकते है। शाम के समय बहुत लोग जो लोकल जा आस पास के होते है, यहां पर घूमने आते है। खाने पीने की वैरायटी भी मिल जाती है जैसे पानी पुरी, रगड़ा पुरी, सेव पुरी, भुट्टा, गोला, आईस क्रीम, भेल ओर भी बहुत कुछ मिल जाता है जो आप की शाम को रंगीन बना देता है।
सूर्य अस्त होने का दृश्य बहुत ही खुबसूरत दिखाए देता है, जिस के लिए शबद ही नहीं मिलते। गहरे लाल रंग से आसमान बहुत लुभावना दिखाई देता है।
सूर्य अस्त और चंद्रमा का उदय दोनो ही आसमान में बहुत सुंदर दिखाई देते है, एक साथ एक का उदय दूसरे का अस्त।
3. छिन छोटरी वाटरफॉल: वसई के करीब ही छिन छोटरी वाटरफॉल है जिसका ऑरोजिन तुगकेश्वर संचुरी में है।
घने जंगलों के बीच में पानी के लहरे पथरों से टकरा कर मधुर संगीत उत्पन करती है जो मन को बहुत सकून देती है।
बहुत सारे लोग इस में नहा रहे थे। बहुत एन्जॉय कर रहे थे। कुछ लोग पिकनिक के लिए खाने पीने का समान लेकर आते है।
4. तुगकेश्वर : हिंदू मिथ के अनुसार जहां भगवान परशराम जी ने एक दानव तुंगा का वध किया था। यहां पर भगवान परशुराम का मंदिर बना हुआ है। भगवान परशुराम इसी जगह पर तपस्या किया करते थे। कुदरती नजारों से भरी यह जगह बहुत ही सुंदर है। इस जगह को वन संरक्षण के आधीन रखा गया है। मंदिर तक जाने के लिए ट्रेक करना पढ़ता है।
5. चंडिका देवी मंदिर : नायगांव और वसई के पास चंडिका देवी माता का मंदिर है। यह मंदिर एक पहाड़ी पर बना हुआ है। कुछ लोगों का मत यह है कि यह मंदिर पांडव काल का है। यहां नवरात्रि को बहुत ही उत्साह से मनाया जाता है।यह भी माना जाता है कि वसई दुर्ग बनाने के लिए जो पत्थर थे इसी जगह से लाए गए थे।
6. ग्रेट एस्केप वाटर पार्क ( Great escape water park) : वसई विरार के पास बहुत बड़ा वाटर पार्क है जिसका नाम है ग्रेट एस्केप वाटर पार्क। बच्चे बहुत एन्जॉय करते है वाटर राइड्स को। काफी ऐकड़ में फैला यह पार्क बच्चों और बड़ों के लिए अच्छा पिकनिक स्पॉट है।