
भारत सदियों से विभिन्न धर्मों , संस्कृतियों का संगम स्थली रहा है। लोग यहां आते गए इस देश में रचते बस्ते गए। कितने ही धर्म यही से शुरू हुए और कितने ही धर्मो को यहां संरक्षण प्राप्त हुआ। यही इस देश की खासियत रही है। भारत और और दुनिया के प्राचीन धर्मो की बात की जाए तो
जैन धर्म उन सभी में अपनी अलग पहचान रखता है। ये धर्म भी अति प्राचीन रहा है। और अहिंसा और परोपकार का प्रचार और प्रसार करता है। जैन धर्म की संस्कृतिक धरोहर देश भर में फैली हुई है। उन्ही कुछ खास धरोहरों में से एक है
उदयगिरी और खंडगिरी गुफा समूह । ये ओडिशा के भुवनेश्वर में स्थित है।



ओडिशा की राजधानी भूवनेश्वर में मुख्य केंद्र से लगभग 12 से 15 किलोमीटर दूर एक पहाड़ पर स्थित है। ये दो अलग अलग गुफा समूह परिसर है। दोनो गुफा समूह में 15 से 20
अलग अलग गुफाएं है। ये गुफा समूह काफी पुराने हैं। ये लगभग दूसरी सदी के आस पास की है। प्राचीन काल में उस समय के राजाओं ने जैन मुनियों और भिक्षुको के रहने और पठन पाठन के लिए इन गुफाओं का निर्माण करवाया था ।



कहा तो ये भी जाता है की कभी ये गुफाएं एक तरफ का आध्यात्मिक केंद्र हुआ करती थी ।जैन भिक्षु यहां ध्यान और ज्ञान प्राप्त करने दूर दूर से करने आते थे। लगभग 2 हजार सालो से ये अभी भी मौजूद है ये अपने आप में बड़ी बाते है।
ये जगह एक दम शांत इलाके में है । तो सोचा जा सकता है की जैन मुनियों ने इसे क्यों चुना होगा । क्योंकि शांति में रहकर , प्रकृति से सामंजस्य स्थापित करके प्रभु की भक्ति की जा सकती है। और उनसे संबंध स्थापित किया जा सकता है।



यहा मुख्य रूप से रानी गुफा , व्याग्र गुफा देखने योग्य है।
ये सिर्फ एक ऐतिहासिक गुफा समूह परिसर ही नही
वरन धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। कई विख्यात जैन मुनियों ने यहां तप किया था। इसीलिए जैन धर्म के लोगो के लिए तो ये एक तीर्थ क्षेत्र भी है। यकीन मानिए ये बहुत सुंदर और आकर्षक जगह है। आपको खुद भी ऊपर वाले से प्रकृति से जुड़ाव महसूस होगा।
कभी आपका जाना ओडिशा हो विशेषकर भुवनेश्वर और पुरी तब इस जगह के लिए आप थोड़ा समय निकाल सकते है।
उदय गिरी – खंडगिरी गुफा समूह, भुवनेश्वर ओडिशा।