यू तो गुजरात अपनी अनोखी संस्कृति, रहन सहन, खान पान, विरासत इत्यादि के लिए विश्व प्रसिद्ध है की । लेकिन
हाल फिलहाल में एक प्रचिलित संस्था यूनाइटेड नेशन वर्ल्ड टूरिज्म आर्गेनाइजेशन ( यूएनडबल्यूटीओ ) द्वारा गुजरात के कच्छ क्षेत्र के धोरड़ो गांव को दुनिया के सबसे अच्छे गांव के रूप में चुना गया है। ये गुजरात ही नही वरन पूरे देश के लिए
हर्ष का विषय है। ये प्रतिष्ठित सम्मान देने से पहले संस्था किसी जगह को काफी सारी कसौटियों पर परखती हैं। जैसे की कला और संस्कृति, प्रकृति से सामंजस्य ( सस्टेनेबिलिटी) , साफ सफाई , एतिहासिक विरासत , रहन सहन, इत्यादि इस गांव को कच्छ के रण का आधार शिविर भी है। हर वर्ष नवंबर के महीने में कच्छ में होने वाले रण उत्सव की मेजबानी ये गांव धोरड़ो ही करता है। रण उत्सव के दौरान ये गांव जीवंत हो उठता है।
आप कुछ तस्वीरे देखकर इसकी बानगी समझ सकते है ।
रण उत्सव के दौरान इस गांव धोरडो में देशी विदेशी पर्यटकों का आगमन होता है। लोग यहां सर्दियों में कच्छ के रण को निहारने आते है। तब लोग इसी गांव धोरडो में रुकते है। और यहां की मेहमान नवाजी का लुत्फ लेते है। इस गांव की
संस्कृति से आप सम्पूर्ण गुजरात की संस्कृति का अंदाजा लगा सकते है। वैसे तो ये गांव कच्छ के रण उत्सव की वजह से विख्यात है ही अब इस अंतरराष्ट्रीय स्तर के सम्मान की वजह से और भी प्रसिद्ध हो जायेगा । इस वर्ष जी – 20 की बैठको में भी इस स्थान को चुना गया था । उसके बाद अब
युनाइटेड नेशंस वर्ल्ड टूरिज्म आर्गेनाइजेशन ( यूएनडबल्यूटीओ ) द्वारा ये सम्मान मिलना इस गांव के लिए एक वरदान साबित होगा ।
कच्छ के रण में ये पूरा इलाका इतना खूबसूरत और मनमोहक लगता है की इसकी सुंदरता के क्या कहने
गुजरात का धोरडो इको विलेज इस पूरे आयोजन का केंद्र बिंदु रहता है। पर्यटकों को इसी गांव में ठहराया जाता हैं ।
और यही इनको गुजरात की संस्कृति से रूबरू करवाया जाता है। धोरडो इको विलेज में ही पर्यटक रुकते है , खाते पीते है , शॉपिंग करते है तथा कच्छ के रण में कैंपिंग करते है इत्यादि। अब इस अंतरराष्ट्रीय स्तर के सम्मान मिलने के बाद
इस गांव की ख्याति और भी ज्यादा हो जायेगी।
इस अनोखे हेरिटेज गांव में प्रकृति का पूरा खयाल रखा जाता है। परियावरण दूषित न हो इसका भी ध्यान रखा जाता है। कूड़े ( वेस्ट) का निस्तारण को लेकर भी गंभीरता से प्रयास किए जाते है। कैसे परियावर्ण को बगैर नुकसान पहुंचाए पर्यटन किया जा सकता है। ऐसा कैसे मुमकिन हो सकता है। ये इस अनोखे हेरिटेज महत्व वाले गांव ने हमे बताया ।
तो आप कब जा रहे हो धोरडो ( कच्छ का रण ) देखने