कर्नाटक में पश्चिम घाट की हरी पहाडियों में बसा है तालकावेरी जो कावेरी नदी का उदगम स्थान है|

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Photo of कर्नाटक में पश्चिम घाट की हरी पहाडियों में बसा है तालकावेरी जो कावेरी नदी का उदगम स्थान है| by Dr. Yadwinder Singh

कावेरी नदी दक्षिण भारत की प्रमुख नदी है| कावेरी नदी का नाम भारत की सात पवित्र नदियों में भी आता है| कावेरी नदी दक्षिण भारत में कर्नाटक और तामिलनाडु राज्य में बहती है| कावेरी नदी का उदगम स्थान पश्चिमी घाट की ब्रह्मागिरी पहाड़ी पर समुद्र तल से 1341 मीटर की ऊंचाई पर कर्नाटक राज्य के कुर्ग जिले में तालकावेरी नामक जगह है| कावेरी नदी का बहाव आरंभ में कुर्ग जिले में काफी घुमावदार है| कावेरी नदी के ऊपर पहला बांध कर्नाटक के मैसूर शहर के पास कृष्णराजसागर बना है| यहाँ से कावेरी श्रीरंगापट्टनम से होती हुई आगे बढ़ती है| कावेरी नदी तकरीबन 64 किलोमीटर के लगभग कर्नाटक और तमिलनाडु की सीमा बनाती है| कावेरी नदी बहुत सारे झरनों का निर्माण भी करती है जिसमें होगेनकेल झरना काफी प्रसिद्ध है| तमिलनाडु में कावेरी नदी की चौड़ाई काफी अधिक है| तमिलनाडु में कावेरी को अखंडा कावेरी के नाम से भी जाना जाता है| तमिलनाडु में ही कावेरी पटनम के पास यह नदी बंगाल की खाड़ी में विलीन हो जाती है| कावेरी नदी का उदगम स्थान अरब सागर से मात्र 100 किलोमीटर दूर है लेकिन यह नदी 760 किलोमीटर का सफर तय करके बंगाल की खाड़ी में गिरती है|

ताल कावेरी से दिखाई देता खूबसूरत दृश्य

Photo of Talacauvery by Dr. Yadwinder Singh

कर्नाटक टूरिज्म का कुर्ग पैकेज लेकर बंगलौर से हमारी बस सुबह 6.30 बजे चलती है| कुर्ग की खूबसूरत जगहों को देखते हुए हम रात को आठ बजे के आसपास भाग मंडला नामक जगह पर पहुंचते है| यहाँ पर हम रात के लिए KSTDC के होटल मौर्य तालकावेरी भागमंडला में रुके थे| यह होटल कर्नाटक टूरिज्म का है| रात का डिनर हमने इसी होटल में किया| अगले दिन सुबह 7 बजे हमने तालकावेरी केके लिए जाना था| हमारे गाईड ने हमें रात को ही बोल दिया था कि कल सुबह 7 बजे हम तालकावेरी जाऐंगे जो कावेरी नदी का उदगम स्थान है| अगले दिन सुबह 7 बजे हमारी बस भागमंडलम के होटल से तालकावेरी के लिए रवाना हो जाती है|

भाग मंडला कर्नाटक के KSTDC मौर्य ताल कावेरी होटल की तस्वीर जहाँ हम रुके थे|

Photo of Bhagamandala by Dr. Yadwinder Singh

भाग मंडला कर्नाटक के होटल में घुमक्कड़

Photo of Bhagamandala by Dr. Yadwinder Singh

भाग मंडला से सुबह 7 बजे चलकर हम तालकावेरी के लिए रवाना हो जाता है| भाग मंडला से तालकावेरी की दूरी 8 किलोमीटर के आसपास है| पूरा रास्ता पहाड़ी है और हरे भरे जंगलो से भरा हुआ है| उस दिन बारिश भी हो रही थी| बारिश की वजह से थोड़ी ठंड भी लग रही थी| सुबह साढ़े सात के आसपास हम तालकावेरी पहुँच जाते हैं| जब हमारी बस तालकावेरी पहुंची तो वहाँ बहुत तेज़ बारिश हो रही थी| दस मिनट तो हम देखते रहे शायद बारिश कम हो जाए लेकिन बारिश कम नहीं हुई| फिर हम बस से उतर कर सामने बनी हुई दुकान में चले गए| वहाँ हमने चाय पी | चाय पीते पीते ही मैंने उस दुकान पर छतरी को देखा| मैंने दुकानदार को छतरी का रेट पूछा तो उसने बताया दो सौ रूपये| अब हम या तो बारिश में छतरी लेकर तालकावेरी जगह पर जाकर आते या फिर बारिश के रुकने का इंतजार करते| बारिश जयादा हो रही थी तो लग नहीं रहा था कि यह बारिश रुकेगी| हमारे साथ बस में दूसरे टूरिस्ट्स ने भी छतरी खरीद ली| छतरी लेकर मैं अपनी बेटी और वाईफ के साथ सीढ़ियों को चढ़कर तालकावेरी की ओर चलने लगे| कुछ ही देर में हम तालकावेरी तालाब के पास पहुंच गए| तालकावेरी एक पवित्र तालाब है जो पश्चिमी घाट की ब्रह्मगिरी की पहाडियों में बना हुआ है| ऐसा माना जाता है कि इसी तालाब में से कावेरी नदी निकलती है| तालाब के एक साईड में से एक जलधारा छोटे झरने के रुप में दिखाई देती है जो कावेरी नदी है| यही जलधारा जंगल पहाड़ों से होकर भाग मंडला में पहुंचती है| ताल कावेरी कुंड पर कावेरी अम्मा का छोटा सा मंदिर बना हुआ है| यहाँ पर अगस्त्य ऋषि के साथ गणेश जी का मंदिर भी बना हुआ है|

ताल कावेरी

Photo of तालकावेरी मंदिर by Dr. Yadwinder Singh

ताल कावेरी कुंड

Photo of तालकावेरी मंदिर by Dr. Yadwinder Singh

ताल कावेरी में एक पवित्र कुंड बना हुआ है जिसमें कावेरी नदी निकलती है| कावेरी नदी को देवी का रुप समझ कर पूजा जाता है| यहाँ पर भी पवित्र ताल कावेरी में मंदिर बने हुए हैं| हमने भी इन मंदिरों के दर्शन किए| अब बारिश भी रुक गई थी| ताल कावेरी में कुदरत की खूबसूरती बेमिसाल है| यहाँ से नदी, पहाड़, जंगल और उड़ते हुए बादल एक आलौकिक दृश्य पेश कर रहे थे जिसको मैंने अपने कैमरे में कैद कर लिया| ताल कावेरी दर्शन करने के बाद हम दुबारा बस में बैठ गए|

ताल कावेरी में घुमक्कड़

Photo of तलाकाउवेरी by Dr. Yadwinder Singh

ताल कावेरी दर्शन के बाद हमारी बस दुबारा भागमंडला की ओर रवाना हो गई| भागमंडला में भगंदेश्वर नाम का प्राचीन मंदिर है| कुछ ही देर बाद हमारी बस भगंदेश्वर मंदिर के सामने रुक गई| यह एक प्राचीन मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है| भगंदेश्वर मंदिर का नाम भगंद ऋषि के नाम पर बना है | भगंद ऋषि ने तपस्या करके यहाँ शिवलिंग स्थापित किया था| इस क्षेत्र को भगंद क्षेत्र के नाम से भी जाना जाता है| मंदिर के बाहर जूते उतार कर हम मंदिर के विशाल गोपुरम को पार करते हुए मंदिर के आंगन में प्रवेश करते हैं| भगंदेश्वर मंदिर का गोपुरम बहुत सुंदर बना हुआ है| मंदिर में आप फोटोग्राफी नहीं कर सकते| हमने भगंदेश्वर मंदिर के दर्शन किए| यहाँ शिव मंदिर के साथ गणेश जी और दूसरे देवी देवताओं के मंदिर भी बने हुए हैं| भगंदेश्वर मंदिर का आर्कीटेकचर केरला के मंदिरों से मिलता जुलता है हालांकि यह मंदिर कर्नाटक में है| मंदिर के दर्शन करने के बाद हम अगली मंजिल की ओर चल पड़े|

भगंदेश्वर मंंदिर का प्रवेश द्वार

Photo of Bhagamandala by Dr. Yadwinder Singh

भगंदेश्वर मंंदिर में घुमक्कड़

Photo of Bhagamandala by Dr. Yadwinder Singh

भगंदेश्वर मंदिर के पास ही त्रिवेणी संगम नामक एक पवित्र जगह है| इस जगह पर तीन नदियों का संगम होता है| यहाँ पर कावेरी नदी कन्निगे और सुज्योति नदियों से मिलती है| सुज्योति नदी अदृश्य हैं जैसे उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में सरस्वती नदी मिलती है उसी तरह इस त्रिवेणी संगम में सुज्योति नदी है| यह जगह बहुत पवित्र है| भगंदेश्वर मंंदिर के दर्शन के बाद हम पैदल चलते हुए ही इस जगह पर पहुंचे थे| यहाँ कावेरी नदी की धारा भी छोटी सी है गहराई भी दो तीन फीट | मैंने अपनी तीन साल की बेटी नव किरन को लेकर कावेरी नदी के पवित्र जल को पार किया| कुछ समय तक संगम के इस आलौकिक दृश्य को देखते रहे| इस तरह हम तालकावेरी और भाग मंडला की खूबसूरत यात्रा को पूरा करने के बाद अगली मंजिल की ओर बढ़ जाते हैं|

त्रिवेणी संगम भाग मंडला कर्नाटक

Photo of Bhagamandala by Dr. Yadwinder Singh

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