नवरात्रि में करें पहाड़ों पर बसें देवी माता के इन प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन, हर मुराद होगी पूरी।

Tripoto
15th Sep 2023
Photo of नवरात्रि में करें पहाड़ों पर बसें देवी माता के इन प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन, हर मुराद होगी पूरी। by Smita Yadav
Day 1

दोस्तों, त्योहारों का सीजन चल रहा है। पितृ पक्ष के समापन के पश्चात शारदीय नवरात्रि मनाई जाएगी। सभी लोग हर साल बड़े ही धूमधाम से नवरात्रि का पर्व मनाते हैं इस बार शारदीय नवरात्रि का पर्व 15 अक्टूबर 2023, रविवार के दिन से शुरू होने जा रहा है इसके पश्चात दीपावली, छठ पूजा समेत कई अन्य पर्व मनाए जाएंगे। इस मौके पर लोग धार्मिक यात्रा पर जाना पसंद करते हैं। देवी मां के दर्शन करने के लिए किसी दिन विशेष की जरूरत नहीं होती बस श्रद्धा चाहिए लेकिन नवरात्र को खास माना गया है। क्योंकि इन दिनों में मां के दर्शन और पूजन से विशेष फल मिलता है। इसलिए आज इस आर्टिकल में हम आपको माता वैष्णो देवी मंदिर के अलावा पहाड़ों पर स्थित माता के ऐसे मंदिरों के बारे में बताने वाले हैं, जहाँ आपको ट्रैवल करना काफी पसंद आएगा। क्योंकि ये प्रसिद्ध मंदिर भी वैष्णो देवी मंदिर की तरह ही पहाड़ों पर बसे हुए हैं। इसलिए इस नवरात्रि आपको माता के दर्शन के लिए इन मंदिरों में जाने का प्लान जरूर बनाना चाहिए।

1. चामुंडेश्वरी मंदिर, कर्नाटक

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चामुंडेश्वरी मंदिर भारत में कर्नाटक राज्य में मैसूर शहर से लगभग 13 किलोमीटर दूर चामुंडी पहाड़ियों की चोटी पर स्थित एक हिंदू मंदिर हैं चामुंडेश्वरी मंदिर समुंद्र तल से लगभग 3300 मीटर ऊंचाई पर स्थित हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार जिस चामुंडी पहाड़ी पर यह मंदिर स्थित है, उसी स्थान पर माता चामुंडा ने महिषासुर का वध किया था। इसके अलावा यह तीर्थ स्थान 18 महा शक्तिपीठों में से एक माना जाता है। 1000 साल से भी अधिक पुराना यह मंदिर माँ दुर्गा के चामुंडा रूप को समर्पित है। अगर आप इस नवरात्रि यहाँ आना चाहते हैं तो आप मैसूर तक ट्रेन या फ्लाइट के जरिए आ सकते हैं। मैसूर आने के बाद आपको बस या कैब के जरिए मंदिर दर्शन के लिए जाना होगा।

2. अर्बुदा देवी मंदिर, राजस्थान

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अर्बुदा देवी मंदिर राजस्थान के माउंट आबू का एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। अर्बुदा देवी को कात्यायनी देवी का अवतार माना जाता है। यहां माता के छठे स्वरूप मां कात्यानी की गुप्त रूप की पूजा होती है। पौराणिक कथा के अनुसार, माना जाता है कि इस जगह पर माता पार्वती के होंठ गिरे थे, जिसकी वजह से इस मंदिर को अधर शक्तिपीठ के नाम से भी जाना जाता है। माता के दर्शन करने के लिए आपको करीब 365 सीढ़ियों की चढ़ाई करके जाना होता है। यह भारत में रॉक-कट मंदिरों के सर्वश्रेष्ठ नमूनों में से एक है। नवरात्री के समय इस मंदिर में बहुत भीड़ रहती है, इस दौरान माता के भक्त दर्शन के लिए घूमने आते हैं। अगर आप भी इस नवरात्रि पर माता के दर्शन के लिए आना चाहते है तो आपको यहाँ ज़रूर आना चाहिए।

3. बम्लेश्वरी देवी मंदिर, छत्तीसगढ़

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दोस्तों, बम्लेश्वरी देवी का मंदिर डोंगरगढ़ में एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। डोंगरगढ़ भारत के छत्तीसगढ़ राज्य में राजनांदगांव जिले का एक शहर हैं।1600 फिट की ऊंचाई पर एक पहाड़ी के उपर स्थित मां बम्लेश्वरी देवी का मंदिर डोंगरगढ़ का प्रमुख आकर्षण और तीर्थ स्थान है। मंदिर तक पहुंचने के लिए आपको 1100 सीढ़ियों से जाना होगा। मां बम्लेश्वरी देवी मंदिर का इतिहास का काफी पुराना बताया गया है लेकिन मंदिर से जुडी किवदंती के अनुसार, माना जाता है कि मां बम्लेश्वरी देवी मंदिर का निर्माण लगभग 2000 साल पहले उज्जैन के राजा विक्रमादित्य द्वारा करवाया गया था। दशहरा के दौरान और चैत्र के नवरात्रों के समय मंदिर में हजारों भक्तों की भीड़ यहाँ आती है। आप भी इस नवरात्रि माता के दर्शन के लिए यहाँ आ सकते हैं।

4. तारा तारिणी मंदिर, ओडिसा

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दोस्तों, यह प्रसिद्ध मंदिर भारत के प्राचीन मंदिरों में से एक है, जो कि उड़ीसा के ब्रह्मपुर शहर के पास तारा तारिणी पहाड़ी पर स्थित है। यह मंदिर दो जुड़वां देवियों यानी तारा और तारिणी को समर्पित है और इस मंदिर की चारों दिशाओं में एक-एक शक्तिपीठ है। यह मंदिर रुशिकुल्या नदी के किनारे पहाड़ी पर स्थित है। ऐसा बताया जाता है कि इस मंदिर में देवी सती के स्तन की पूजा की जाती है। वहीं इस शक्ति पीठ को कल्याणी धाम के नाम से भी जाना जाता है। आपकी जानकारी के लिए बता दूं कि 17वीं शताब्दी का तारा तारिणी एक प्राचीन मंदिर है। इस मंदिर तक पहुंचने के लिए 999 सीढ़ियां चढ़नी पड़ती हैं। नवरात्रि पर तारा तारिणी मंदिर में श्रद्धालुओं की काफी भीड़ उमड़ पड़ती है। अगर आप इस मंदिर में दर्शन के लिए आना चाहते हैं तो एक बार नवरात्रि में माता के दर्शन के लिए ज़रूर आएं।

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