दोस्तों, कोलकाता के पश्चिम बंगाल में बांकुरा जिले में मौजूद बिष्णुपुर एक बहुत ही सुंदर जगह है।यहाँ पर कई सारे मंदिर हैं, जिन्हें देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। दोस्तों,यहाँ पर मौजूद मंदिरों की खास बात यह है कि यहाँ पर अधिकतर मंदिर टेराकोटा से बने हैं। इन टेरारकोटा मंदिरों का आर्किटेक्चर बस देखते ही बनता है। साथ ही, इनका अपना ऐतिहासिक महत्व भी है। और यहाँ पर मौजूद अधिकतर मंदिर श्री कृष्ण भगवान को समर्पित हैं और 17वीं और 18वीं शताब्दी के दौरान मल्ल राजाओं द्वारा बनाए गए थे। जब आप इन मंदिरों में दर्शन के लिए जाते हैं तो आपको एक अलग ही अनुभव होगा।तो चलिए हम आपको बिष्णुपुर में मौजूद कुछ मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं।
1.रासमंच
यह मन्दिर बिष्णुपुर में ईंटों से बना सबसे पुराना मंदिर है, जिसे 1600 ई. में राजा हम्बीर द्वारा स्थापित किया गया था। यह पूरे बंगाल के साथ-साथ देश में भी अपनी तरह का अनोखा मंदिर है। और यहाँ एक अनोखी संरचना है जिसका उपयोग रास उत्सव मनाने के लिए किया जाता हैं, और यह स्थान श्री कृष्ण भगवान को समर्पित है।
2.श्याम राय मन्दिर
दोस्तों श्याम राय मंदिर भगवान कृष्ण को समर्पित एक मंदिर है। यह मंदिर अपने खूबसूरत डिजाइन वाले टेराकोटा पैनलों के लिए जाना जाता है, जो कृष्ण के जीवन के प्रसंगों को दर्शाते हैं। यह मंदिर 1643 में राजा रघुनाथ सिंह द्वारा बनवाया गया था। इसे पंच-चूरा मंदिर के रूप में जाना जाता है क्योंकि इसमें पांच शिखर हैं। और इस मंदिर का एक आकर्षण विशाल रासचक्र है जो गोपियों के बीच राधा-कृष्ण लीला के विभिन्न रूपों को दर्शाता है।
3.मदनमोहन मंदिर
4.जैसा कि आप को बता दें,यह बिष्णुपुर के बहुत पुराने मंदिरों में से एक है, जिसकी स्थापना मल्ल राजा दुर्जन सिंह देव ने 1694ईस्वी में भगवान मदन मोहन के नाम पर की थी। दोस्तों ,यह रामायण और महाभारत के दृश्यों को चित्रित करने वाले अपने सुंदर टेराकोटा पैनलों के लिए जाना जाता है। और जब आप बिष्णुपुर में हैं तो ऐसे में आपको इस मंदिर को अवश्य देखना चाहिए।
4.जोरबंगला मंदिर
जैसा कि आप को बता दें,जोर बंगला मंदिर की स्थापना 1655 ईस्वी में राजा जगत मल्ल और रघुनाथ सिंह ने की थी। यह मंदिर पश्चिम बंगाल की टेराकोटा कला के सुंदर उदाहरणों में से एक है। और इसे केष्टा रॉय मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। इसकी विशेषता इसकी घुमावदार छतें हैं, जो पारंपरिक बंगाल की झोपड़ी के आकार से मिलती जुलती हैं। इस मंदिर की दीवारों पर महाभारत, रामायण और कृष्ण के बचपन के कई दृश्यों को चित्रित करने वाली टेराकोटा की विस्तृत मूर्तियो को भी देखने का मौका आपको ज़रूर मिलेगा।
5.मृणमयी मंदिर
दोस्तों,मृणमयी मंदिर बिष्णुपुर का सबसे पुराना और प्रसिद्ध मंदिर है, जिसे 997 ईस्वी में राजा जगत मल्ल द्वारा बनवाया गया था। जैसा कि आप को बता दें, मां मृणमयी ने राजा को सपने में मंदिर बनाने का आदेश दिया था। और यहां देवी दुर्गा को मां मृणमयी के रूप में पूजा जाता है। अगर आप भी यहाँ आए,तो बंगाल की इस सबसे पुरानी दुर्गा पूजा और पूजा के दौरान आध्यात्मिक भावना का अनुभव करें।
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