नई दिल्ली में कबाड से कमाल (वेस्ट टू वंडर) थीम पर पहले से दो पार्क विकसित किए जा चुके है । जिन्हे लोगो ने काफी सराहा। अब इसी थीम पर और पार्क विकसित किया है । जिसका नाम है शहीदी पार्क। जैसा कि नाम से ही प्रतीत हो रहा है की ये पार्क देश के अमर सपूतों और वीरांगनाओं को समर्पित है। जिन्होंने देश के लिए अपना सर्वस्व न्यौछावर कर दिया । ये अपनी तरह का देश का पहला और एकलौता पार्क है। इस पार्क को आप एक ओपन एयर म्यूज़ियम भी बोल सकते है। इसमें भारत देश के इतिहास को उसके स्वर्णिम काल को , भारत के ऋषि मुनियों के बारे में , भारत के विभिन्न हिस्सों और क्षेत्रों के सूरमाओ के बारे में , प्राचीन राजा महाराजाओं के बारे में , भारत के महान वैज्ञानिको के बारे , स्वंधीनता संग्राम में हिस्सा लेने वाले हीरोज के बारे में
काफी सारी जानकारी दी गई हैं।
पहले आप कुछ तस्वीरे देखे। तस्वीरे अपने आप में खुद बोलती है। फिर आगे चलते है।
यहां जितनी भी कारीगरी की गई है वो सब कबाड , खराब कल पुर्जे ,इत्यादि से बनाई गई है। और देखने में काफी सजीव लगती है। आप इन्हे कलाकारी का बेजोड़ नमूना नही कहेंगे तो क्या कहेंगे। क्या कोई सोच भी सकता था की इस तरह कबाड़ से कलाकारी भी की जा सकती है। इस पार्क में न सिर्फ हमारे महापुरोषों और वीरांगनाओं को दर्शाया गया है
वरन उनके बारे में जानकारी भी दी गई है । जैसे उनका क्या योगदान था । उनका संघर्ष कैसा था इत्यादि। वैसे भी देश आजादी की सालगिरह की 75 वी वर्षगाठ मना रहा है। और इन सच्चे हीरोज का इस्तकबाल तो बनता है। जिन लोगो की वजह से आज हम आजाद भारत में सांस ले पा रहे है ।
सवा चार एकड़ में फैला है पार्क। सवा चार एकड़ में फैले इस पार्क को भारत का पहला मैदान संग्राहलय इसलिए भी कहा जा रहा है। क्योंकि यह दिल्ली नगर निगम द्वारा पहला ऐसा प्रयोग हैं। जिसमें आजादी के आंदोलनों का वर्णन खुले आसमान के नीचे। लोहे के कबाड़ से बनी प्रतिकृतियों के माध्यम से दिखाया गया है। 16 करोड़ की राशि और 200 टन लोहे के कबाड़ से इसे बनाया गया है। इस पार्क में भारत के इतिहास को 11 अलग अलग कालखंडो के रूप में दिखाया और दर्शाया गया है। आज की युवा पीढ़ी को जरूर यहां आना चाहिए। ताकि उन्हें अपने इतिहास , महान सपूतों और वीरांगनाओं के बारे में जानकारी मिले उन्हें ये पता चले की ये आजादी हमे ऐसे ही नही मिल गई कितने अनगिनत लोगो ने अपना सर्वस्व बलिदान दिया है।
टिकिट दर – लगभग 100 रुपए है । बच्चो के लिए फ्री है।
पता – शहीदी पार्क आईटीओ नई दिल्ली
कैसे पहुंचे – आप बस से दिल्ली के किसी भी कोने से आसानी से आईटीओ आ सकते है जहा से आप पैदल ही इस पार्क को देखने आ सकते है। नजदीकी मेट्रो भी आईटीओ मेट्रो स्टेशन वायलेट लाइन पर ही पड़ेगा ।