अभी हाल के कुछ वर्षो में देश में काफी कुछ बदला है । जहा देश आधुनिकता की रेस में सरपट दौड़ रहा है। वहा अभी भी देश ने अपनी जड़े नही छोड़ी है। कहने में कोई दोराय नहीं है की देश का अपना गौरवशाली इतिहास रहा है।अपनी सभ्यता रही है। जिस पर हम सब देशवासियों को गर्व है।
भारत में जहां दुनिया की सबसे बड़ी मूर्ती स्टैच्यू ऑफ यूनिटी, सबसे बड़ा स्टेडियम नरेंद्र मोदी स्टेडियम अहमदाबाद और 10 हजार फीट ऊंचाई पर बनी विश्व की सबसे लंबी टनल अटल टनल मनाली है वहीं अब विश्व का सबसे बड़ा संग्रहालय ‘युगे युगीन भारत’ राष्ट्रीय संग्रहालय बनने जा रहा है। ये देश के लोगो के लिए एक और गर्व करने वाली बात होगी।
इस संग्रहालय में हमारी युगो युगों पुरानी गाथा को संग्रहित किया गया जाएगा। इसके बारे में जानकर हमें अवश्य ही गर्व महसूस होगा। इसमें बताया जाएगा कि हमारे पूर्वज कौन थे जिन्होंने इस प्राचीन संस्कृति और सभ्यता की नींव रखी, किन महान लोगो के मार्गदर्शन में इस वैभवशाली सभ्यता का विकास हुआ, किन लोगो के संरक्षण में ज्ञान-विज्ञान की अतुल संपदा विकसित हुई और किन महापुरुषों ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास रचा। अपने आनी वाली पीढ़ी को ये सब पता होना चाहिए तभी तो वो अपने महान देश पर गर्व कर पाएंगे ।
क्या कभी सोचा है कि क्यों भारत में पर्वतों, समुद्रों, पेड़ों और नदियों की पूजा होती रही है? हजारों साल पहले ही हमारे विद्वान ऋषि मुनि इस बात को जानते थे किन पांच तत्वों से मिलकर ये सृष्टि बनी है । वेदों, उपनिषदों में केवल अध्यात्मिक ही नहीं, वरन राजनीतिक, सामाजिक, आर्थिक, ज्योतिष और विज्ञान जैसे सभी क्षेत्रों का ज्ञान समाहित है। यही नहीं सुश्रुत की शल्य चिकित्सा, चरक के सिद्धांत और पतंजलि के अष्टांग योग की प्रासंगिकता हैरान करने वाली है। वहीं विश्व विद्यालयों का प्रचलन भारत में 2 हजार साल से भी पहले से था। तक्षशिला, नालंदा और विक्रमशिला जैसे अनेक विश्वविद्यालयों को पूरे विश्व में ख्याति प्राप्त थी। राष्ट्रीय संग्रहालय में इनकी जानकारी के माध्यम से भारतीय ज्ञान परंपरा से लोगों को परिचित कराया जाएगा।
ये अपनी तरह का अनूठा संग्रहालय होगा । जिसका देश दुनिया में कोई सानी नहीं होगा ।
विश्व के सबसे बड़े संग्रहालय को बनाए जाने की अवधि और लागत के बारे में अभी आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है, लेकिन बीते दिनों 26 जुलाई को दिल्ली के प्रगति मैदान में अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शनी सह सम्मेलन केंद्र परिसर के उद्घाटन के अवसर पर पीएम मोदी ने इसे बनाने की घोषणा की थी . वैसे इस म्यूजियम के निर्माण के लिए स्थल निर्धारण कर लिया गया है. इस संग्रहालय का निर्माण लुटियन दिल्ली स्थित साउथ और नॉर्थ ब्लॉक में किया जाएग. जहां साउथ ब्लॉक में प्रधानमंत्री कार्यालय विदेश मंत्रालय और रक्षा मंत्रालय हैं, वहीं नॉर्थ ब्लॉक में वित्त और गृह मंत्रालय हैं
शुरुआती चरण का सभी काम लगभग निपटा लिया गया है
और सरकार भी इस प्रोजेक्ट को लेकर गंभीर दिख रही है।
जब ये संग्रहालय बन कर तैयार होगा तब इसके मुकाबले का शायद ही कोई संग्रहालय दुनिया के वजूद में हो । यकीनन ये बहुत शानदार , जानकारी से भरपूर , भव्य होगा ।