राजस्थान घूमने आने वाले पर्यटकों के लिए सरकार बहुत जल्द स्मार्ट कार्ड की सुविधा उपलब्ध करवाने वाली है। जिसके बाद एक कार्ड की मदद से पर्यटक राजस्थान के कई स्मारकों को घूमने के अलावा परिवहन भी कर सकेंगे। गौरतलब है कि राजस्थान सरकार एक ऐसी प्रणाली पर काम कर रही है जिसके तहत पर्यटकों को एक ही स्मार्ट कार्ड के माध्यम से कई स्मारकों में प्रवेश और परिवहन सुविधाएं मिल सकेंगी। योजना के तहत सूचना प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा एक पोर्टल विकसित किया जाएगा, जिसमें पर्यटन विभाग नोडल एजेंसी है तथा परिवहन विभाग भी इसका हिस्सा है। गौरतलब है कि पर्यटन राजस्थान के प्रमुख उद्योगों में से एक है। राजस्थान में किले और महलों के अलावा वन्यजीव, झीलें और धार्मिक स्थल अमेरिका, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली, जर्मनी, स्पेन और ऑस्ट्रेलिया सहित देश-विदेश से बड़ी संख्या में पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
पर्यटकों को सफर में होगी आसानी
स्मार्ट कार्ड की वैधता इस तरह से तय की जाएगी कि इससे स्मारकों पर भीड़ प्रबंधन में भी मदद मिल सके। सिस्टम की प्रतिक्रिया के आधार पर, सेवा का विस्तार किया जाएगा और निजी संग्रहालयों या स्मारकों को भी इसके अंतर्गत कवर किया जाएगा। इससे टिकट के लिए कतार में खड़े होने की जरूरत खत्म हो जाएगी और समय और संसाधनों की बचत होगी। उदयपुर के एक पर्यटक गाइड गजेंद्र सिंह ने कहा कि टिकट खरीदना पर्यटकों के लिए एक समय लेने वाली प्रक्रिया बन गई है। खासकर, पीक सीजन के दौरान और अगर यह प्रणाली शुरू हो जाती है तो इससे यात्रियों को काफी आसानी होगी। उन्होंने बताया कि ऐसी प्रणाली निश्चित रूप से राज्य के पर्यटन उद्योग के बारे में एक सकारात्मक संदेश देगी।
स्मार्ट कार्ड को समय-समय पर रिचार्ज कराना होगा
पर्यटन विभाग के अधिकारी ने बताया कि इस सुविधा के तहत पर्यटकों को प्रत्येक स्मारक पर बिना टिकट खरीदे वहां भ्रमण करने की सुविधा होगी। राज्य में सरकारी संरक्षित स्मारकों पर एक ही कार्ड मान्य होगा। इस कार्ड का एकीकरण रोडवेज की सेवाओं के साथ किया जाएगा। उन्होंने बताया कि शुरुआती चरण में अंतरराज्यीय यात्रा के लिए केवल ‘सुपर लग्जरी बसों’ को ही सेवा में शामिल किया जाएगा। पर्यटन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि शुरुआत में पर्यटकों को एक स्मार्ट कार्ड के जरिए कई स्मारकों तक पहुंच मिलेगी, जिसे समय-समय पर रिचार्ज कराना होगा। उन्होंने बताया कि इस प्रणाली का दायरा बड़ा है। छोटे पैमाने पर सफल कार्यान्वयन के बाद राजस्थान पर्यटन विकास निगम (आरटीडीसी) के स्वामित्व वाले होटल, निजी होटल और रिजॉर्ट में रहने, कैब सेवा जैसी अन्य पर्यटक सेवाओं का एकीकरण भी किया जा सकता है।
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