दोस्तों, भारत में आपको प्रकृति से जुड़े हुए ऐसे बहुत से अजूबे देखने को मिल जाएंगे जैसा आपने पहले कभी नहीं देखा होगा। ऐसे ही कुदरत के अजूबे के बारे में आज हम आपसे बात करेंगे। दोस्तों, महाराष्ट्र में एक ऐसी जगह है जहाँ झरना नीचे गिरने के बजाय ऊपर के पहाड़ों की ओर जाता है। सुनने में ये बात काफी हैरान करने वाली है, लेकिन ये सच है। अगर आप यहाँ गए हैं, तो आपको ये बात खुद पता होगी। ये अद्भुत नजारा टूरिस्ट्स को बड़ा आकर्षक लगता है, अगर आप भी इस जगह जाएंगे तो यहाँ का नजारा आप को हैरान कर देगा। अब शायद ये बात सुनकर आपको अपने कानों पर विश्वास नहीं हो रहा होगा, आप सोच रहे होंगे कि आखिर ये कैसे होता है? तो दोस्तों थोड़ा धैर्य रखिए हमारा यह आर्टिकल आपको इस जगह तक पहुंचने और उनके बारे में बताने के लिए हैं। तो चलिए आपको इस झरने के बारे में विस्तार से बताते हैं।
कहाँ है यह वॉटरफॉल?
दोस्तों यह खूबसूरत झरना महाराष्ट्र के मशहूर सह्याद्रि पर्वत श्रृंखला में स्थित नाने घाट में है, स्थानीय भाषा में नाने घाट को “कॉइन पास” के नाम से भी जाना जाता है। वाटरफॉल महाराष्ट्र राज्य में मौजूद है, जो कोंकण समुद्र तट और जुन्नर नगर के बीच स्थित है। पुणे से इसकी दूरी करीबन 150 किमी है। जबकि मुंबई से इसकी दूरी लगभग 120 किमी है।नाने घाट पर इस वॉटरफॉल का नजारा सिर्फ मानसून के सीजन में बहुत ही सुन्दर दिखता हैं। आपको बता दूं दोस्तों, इस झरने को देखने के लिए देश के कोने-कोने से टूरिस्ट आते हैं और इसकी खूबसूरती का लुत्फ उठाते हैं। इसे जादुई झरना भी कहा जाता हैं।
क्या नाम हैं वॉटरफॉल का ?
महाराष्ट्र का ये वॉटरफॉल नानेघाट वाटरफॉल के नाम से मशहूर है। इस झरने को नाना घाट और रिवर्स वाटरफॉल भी कहते हैं। इस खूबसूरत झरने तक पहुंचने के लिए आपको एक छोटा सा ट्रेक भी पार करना पड़ता है जिसे पार कर के यहाँ तक पहुंचने का अपना अलग ही आनंद है, नीचे से ऊपर की तरफ बहती झरने की धारा बेहद आकर्षण और मन को मंत्रमु्ग्ध करने वाली लगती है। आप इस झरने की फुहारों में भींग भी सकते हैं, ऐसे में प्राकृतिक खूबसूरती को इतने करीब से निहारने के लिए आपको एक बार इस अनोखे जगह की यात्रा जरूर करनी चाहिए।
क्यों उल्टा बहता है झरना
दोस्तों, वैसे तो जब भी ऊंचाई से कोई भी चीज फेंकी जाती है, तो वह गुरुत्वाकर्षण के कारण नीचे धरती पर ही जाती है। और अधिकतर सभी वाटरफॉल भी गुरुत्वाकर्षण का ही पालन करते हैं, लेकिन रिवर्स वाटरफॉल इस नियम के अधीन नहीं है, बल्कि यह वाटरफॉल गुरुत्वाकर्षण के नियमों के विपरीत काम करता है। ऊंचाई से झरना नीचे गिरने के बजाय ऊपर आ जाता है। इस नजारे को अगर आप नजदीक से देखें तो आप खुद हैरान रह जाएंगे। नानेघाट में पानी नीचे गिरने के बजाए ऊपर की ओर जाता है। इसको लेकर विज्ञान का कहना है कि नानेघाट में हवा काफी तेज चलती हैं। जिसकी वजह से झरना उल्टा बहता हुआ दिखाई देता है।
ये जगह ट्रैकिंग के लिए भी हैं मशहूर
दोस्तों, नानेघाट की सबसे खास बात यह है कि यहाँ ट्रैकिंग भी की जा सकती है। करीब 5 किलोमीटर लंबे इस ट्रैक को पार करने में करीब 5 से 6 घंटे का समय लगता हैं। वहीं, अगर आप चाहें तो पहाड़ की चोटियों तक वाहनों से भी पहुंचा जा सकता है।
अगर आप यहाँ की यात्रा करते है तो आपको कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए।
1. जब आप इस वाटरफॉल को देखने जा रहें हो तो फिसलन वाली सतहों से सावधान रहें, खासकर बरसात के मौसम में।
2. जब यहाँ जाएं तो किसी भी दुर्घटना से बचने के लिए बताए गए रास्तों पर ही चलें।
3. यहाँ मौसम बदलता रहता हैं इसलिए बदलते मौसम की स्थिति पर नजर रखें और अचानक हो रहें बदलाव के लिए तैयार रहें। ताकि आप अपनी यात्रा को सुरक्षित बना सकें।
4. यहाँ के चट्टानों के किनारों से दूर रहें और खड़ी ढलानों से अपनी दूरी बनाकर रखें।
5. अगर आप नाने घाट में घूमने का प्लान करने जा रहे हैं, तो अपने साथ पीने का पानी, सनस्क्रीन और स्नैक्स रखें।
6. अगर आप यहाँ जा रहें हैं तो अपनी ट्रिप को वीकेंड में ही प्लान करें।
7. यहाँ के खूबसूरत नजारों को कैप्चर करने के लिए कैमरा या स्मार्टफोन भी अपने साथ रखें।
रिवर्स वॉटरफॉल देखने का सबसे अच्छा समय
दोस्तों, मानसून के दौरान यहाँ आना सबसे अच्छा माना जाता है। क्योंकि, इस समय रिवर्स वॉटरफॉल की अजीब प्रक्रिया देखने को मिलती है और मानसून के दौरान यहाँ हवाएं भी बहुत तेज चलती हैं। जिसके चलते यहाँ की खूबसूरती और भी ज्यादा बढ़ जाती हैं।
कहाँ रूकें?
नानेघाट के पास एक रिसॉर्ट है जिसे नानेघाट वैली हेरिटेज रिज़ॉर्ट के नाम से जाना जाता है। यह इस क्षेत्र का एकमात्र रिसॉर्ट है जो पर्यटकों के लिए होमस्टे प्रदान करता है। यह रिज़ॉर्ट ग्राहकों की सभी बुनियादी ज़रूरतों का ख्याल रखता है और ग्राहकों की संतुष्टि उनका मुख्य उद्देश्य है। इस रिज़ॉर्ट में एक समय में 40 से 45 लोगों के लिए जगह उपलब्ध हो सकती है।
कैसे पहुंचे?
दोस्तों, नानेघाट भारत के महाराष्ट्र के जुन्नार क्षेत्र में स्थित है, और यहाँ सड़क या ट्रेन द्वारा पहुंचा जा सकता है। आप अपनी सुविधानुसार यहाँ जाने का कोई भी साधन चुन सकते हैं।
सड़क द्वारा:
1. मुंबई से:
दोस्तों, अगर आप मुंबई से नानेघाट जा रहे हैं तो मुंबई से नानेघाट लगभग 150 किमी दूर है सड़क मार्ग से लगभग 3 घंटे में आप यहाँ पहुंच सकते है। सबसे पहले आप यहाँ जाने के लिए मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे लें और खालापुर से बाहर निकलें। फिर वहाँ से, जुन्नार की ओर राज्य राजमार्ग लें और नानेघाट तक सड़क संकेतों का पालन करें।
2. पुणे से:
दोस्तों, नानेघाट पुणे से लगभग 95 किमी की दूरी पर स्थित हैं सड़क मार्ग से यहाँ लगभग 2 घंटे में पहुंचा जा सकता है।यहाँ जाने के लिए आप पुणे से मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे लें और खालापुर से बाहर निकलें। वहाँ से, जुन्नार की ओर राज्य राजमार्ग लें और नानेघाट तक सड़क संकेतों का पालन करें।
ट्रेन से:
नानेघाट का निकटतम रेलवे स्टेशन कल्याण रेलवे स्टेशन है, जो लगभग 70 किमी दूर है। इस स्टेशन से आप अपनी सुविधानुसार नानेघाट पहुँचने के लिए टैक्सी या स्थानीय परिवहन ले सकते हैं।
हवाई जहाज़ से:
नानेघाट में कोई एयरबेस नहीं हैं। लेकिन निकटम हवाई अड्डा पुणे में हैं। ऐसी कई एयरलाइंस है जो भारत के अन्य शहरों और देश के बाहर से पुणे के लिए लगातार उड़ान भरती हैं। यहाँ पहुंचने के बाद आप अपनी सुविधानुसार साधन से इस वाटरफॉल तक पहुंच सकते हैं।
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