विश्व विख्यात रोहतांग दर्रा जिसे पर्यटकों की पंसदीदा जगहों में से एक माना जाता है, इन दिनों यह पर्यटन स्थल किसी जन्नत से कम नहीं है। इसे 'जब वी मेट' और 'ये जवानी है दीवानी' जैसी बॉलीवुड की मशहूर फिल्मों में देखा गया है। कुल्लू मनाली घूमने आने वाले पर्यटकों को जून के महीने में भी बर्फ के दीदार हो रहे हैं। ऐसे में मनाली में बढ़ती पर्यटकों की तादाद को देखते हुए अब प्रदेश सरकार ने रोहतांग जाने वाले पर्यटकों के लिए इलेक्ट्रिक बस सेवा शुरु कर दी है। रोहतांग जाने वाले पर्यटक अब एचआरटीसी में अपनी एडवांस बुकिंग करवाकर 500 रुपये प्रति सीट रोहतांग घूम सकते है।
परमिट लेने की नहीं होगी टेन्शन
ऑनलाइन परमिंट के लिए भी पर्यटकों को भारी जदोजहद करनी पड़ती है। लेकिन इस बार ऐसा नहीं होगा। पर्यटकों को पर्यटक वाहन के साथ- साथ बस के रुप मे एक अतिरिक्त सुविधा मिल गई है। इलेक्ट्रिक बस को इसकी अनुमति की जरूरत भी नहीं होगी। इलेक्ट्रिक बस से रोहतांग का पर्यावरण भी खराब नहीं होगा और रोहतांग दर्रे के शौकीन पर्यटकों को भी इधर- उधर नहीं भटकना पड़ेगा। इसमें ख़ास बात यह है कि रोहतांग दर्रे के लिए डीजल व पेट्रोल वाहनों को अनुमति लेना अनिवार्य रहेगा, जबकि एचआरटीसी की इलेक्ट्रिक बस को इसकी अनुमति की जरूरत भी नहीं होगी। निगम की यह बसें मनाली से सुबह 7:30 बजे से लेकर सुबह 10:00 बजे तक रवाना होती हैं। प्रथम चरण में निगम से छह बसों का संचालन शुरू किया है और एक बस में 25 यात्री सफर कर सकते है।
इन रास्तों से होकर गुजरेगी बस
मनाली से रोहतांग दर्रे तक की चढ़ाई सुबह शुरू होगी और यात्रियों को कोठी, गुलाबा और मढ़ी शहरों से होकर ले जाएगी। रोहतांग दर्रे के बाद लाहौल घाटी के कोकसर में भी कुछ देर रुकेंगे। लौटते समय इलेक्ट्रिक बसें अटल टनल से होकर आएंगी, जो 10,000 फीट से ऊपर दुनिया की सबसे लंबी हाईवे टनल होने के लिए मशहूर है।
सेवा का दिन: मंगलवार को छोड़कर सप्ताह में छह दिन (रोहतांग दर्रे पर रख-रखाव के कारण)
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