अगर आप हरिद्वार घूमने जा रहे है और वह पर ठहरने के लिए किसी ऐसे होटल या आश्रम की खोज कर रहे है जो आपको बाहर रहकर भी आपको अपने घर जैसा लगे तो आज हम आपको एक ऐसे आश्रम के बारे में बताने जा रहे है। जो आपको आपके घर की याद दिला देगा आपको आपके घर से भी ज्यादा सुकून मिलेगा इस आश्रम में पहुच के जिसमे रुकने के लिए आपको बहुत ही कम पैसे भी खर्च करने पड़ेंगे इस आश्रम में आपको रुकने के लिए एक रूम नही बल्कि पूरा घर ही मिलेगा जिसमे नहाने के लिए आपको एक गंगा जी का एक घाट मिलेगा जो सिर्फ आश्रम में रुकने वाले लोग ही उपयोग कर सकते है।इस आश्रम में आपको ac वाले non ac वाले कूलर वाले घर मिल जाएंगे जिनको आप बहुत ही कम पैसों में बुक कर सकते है। इस आश्रम का वातावरण बहुत ही स्वक्ष है। इस आश्रम के परिसर में बिल्कुल भी गंदगी नही है। अगर आपको भी जानना है कि ये आश्रम कहा है। और इस आश्रम में रुकने का विचार बना रहे है। तो इस आश्रम में रुकने के लिए और इसके बारे में पूरी जानकारी पाने के लिए इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें। हम बात कर रहे हैं हरिद्वार के सप्त ऋषि आश्रम के बारे में जो कि हरिद्वार में ही मौजूद है। जो हरिद्वार के हरकी पैड़ी से सिर्फ 20 मिनट की दूरी पर हैं ।
सप्त ऋषि आश्रम के आस पास घूमने की जगह :-
सप्त ऋषि आश्रम के आस पास घूमने की बहुत सी जगह मौजूद है । यह आश्रम हरिद्वार में होने की वजह से आप हरिद्वार के मंदिर और मार्किट तथा घाट पर आसानी से घुमने जा सकते है।सप्त ऋषि आश्रम के आसपास बहुत से मंदिर मौजूद है। आश्रम के अंदर बहुत बड़ा बगीचा है जिसमे आप घूम सकते हैं ।
मनसा देवी टेम्पल :- आश्रम से करीब 20 मिनट ड्राइव कर के या टैक्सी से आप हर की पौड़ी पहुच जाए वहा से 2 किमी का पैदल ट्रेक कर के आप मनसा देवी टेम्पल घूमने जा सकते है। जहाँ से प्यूर हरिद्वार और गंगा नदी का एक मनोरम दृश्य देख सकते है। आप चाहे तो मंदिर तक पहुचने के लिए केबल कार भी ले सकते है। जिसका किराया 180 रुपये प्रतिव्यक्ति आने जाने का लगता हैं।
चांडी देवी टेम्पल :- चांडी देवी टेम्पल जाने के लिए आपको सप्त ऋषि आश्रम से टैक्सी मिल जाएगी जो कि आपको चांडी देवी पैदल मार्ग पर आपको छोड़ देगी वहाँ से आप पैदल चल के मंदिर तक जा सकते है। और मंदिर में दर्शन कर सकते है। आप चाहे तो आप केबल कार से भी मंदिर जा सकते हैं । चांदी देवी में दर्शन करने के बाद उससे थोड़ा ऊपर अंजनी माता मंदिर है। आप वहाँ भी जा सकते है।
हर की पौड़ी हरिद्धार :-
सप्त ऋषि आश्रम से 20 मिनट की दूरी पर आपको हरिद्वार की सबसे फेमस जगह मिल जाएगी जहाँ पर आपको जरूर जाना चाहिए आप एक बार हर की पौड़ी पर स्नान जरूर करना चाहिए । हर की पौड़ी पर आप शाम की आरती जरूर देखने जाए। उसे पास ही हरिद्वार की मार्किट है। जहाँ पर आप शॉपिंग कर सकते है। हर की पौड़ी से मार्केट वाली रास्ता पर ही आपको एक समोसे की दुकान दिखेगी जहा पर आपको हरिद्वार का सबसे बड़ा और स्वादिष्ट समोसा मिल जाएगा जिसका स्वाद आपको एक बार जरूर ट्राय करना चाहिए उम्मीद है आपको उसका स्वाद जरूर पसंद आएगा। उसके सामने ही आपको एक फालूदा की दुकान दिखेगी आप वहाँ का फालूदा भी ट्राय कर सकते है। जिसका स्वाद वाकई काबिले तारीफ है। इसके अलावा आप हर की पौड़ी पर शॉपिंग भी कर सकते है।
इन सब जगहों के अलावा आप आश्रम के समीप के कुछ मंदिरों पर भी घूम सकते है। जैसे कि भारत माता मंदिर जो कि 7 मंजिल का एक कांच के मंदिर है। , वैष्णो माता मंदिर , बाला जी मंदिर , चीला वन्य जीव अभयारण , पतंजलि योग पीठ , शांति कुंज , मायादेवी मंदिर , बिरला घाट , गौ घाट, गौरीशंकर महादेव मंदिर और भी बहुत से मंदिर है। जिनमे आप जा कर दर्शन कर सकते है।
इन सबके अलावा आप वहाँ से ऋषिकेश और नीलकंठ भी घूमने जा सकते है। जिसके लिए आप टैक्सी या ट्रैन से जा सकते है। या अपनी गाड़ी से भी जा सकते है। ऋषि केश में घूमने के लिए बहुत सी जगह मौजूद है। जैसे रामझूला, लछ्मण झूला , 13 मंजिला मंदिर, इनके अलावा आप यहाँ पर बहुत सी एक्टिविटी भी कर सकते है। जैसे रिवर राफिंग , बज्जी जंपिंग , कैंपिंग आदि
सप्तऋषि आश्रम के बारे में सारी जानकारी :-
हरकी पैड़ी से सिर्फ 5 किमी दूरी पर पड़ता है। सप्त ऋषि आश्रम जो कि प्रसिद्ध आद्यात्मिक स्थलों में से एक है। यह जगह 7 ऋषियों का आराधना स्थल था। इस आश्रम को शांत माहौल और ध्यान लगाने के लिए बहुत ही उचित माना जाता है। इस जगह पर गंगा नदी 7 धाराओं में विभाजित हो जाती है। यह आश्रम 1943 में गोस्वामी गुरु दत्त द्वारा स्थापित किया गया था। इस आश्रम में छात्रों को मुफ्त शिक्षा दी जाती है। इस आश्रम में 43 कुटी बानी हुई है। जो कि एक दूसरे से थोड़ी थोड़ी दूरी पर बनी हुई है। जिसमें 2 कमरे और 1 किचेन और बाथरूम मौजूद है। जिनको आप ac या नॉन ac में बुक कर सकते है। जिनका किराया प्रतिदिन के हिसाब से देना होता है। इस आश्रम का अपना एक प्राइवेट घाट भी मौजूद है। जिस में आप लोग वहाँ पर रुक के स्नान भी कर सकते है।
कैसे पहुचने :-
सप्त ऋषि आश्रम जाने के लिए आपको सबसे पहले हरिद्वार या देहरादून आना होगा हरिद्वार जाने के लिए आप सड़क मार्ग या ट्रैन मार्ग दोनों ही तरीके से पहुच सकते है। हवाई मार्ग से आने के लिए आप को देहरादून के एयरपोर्ट जॉली ग्रांट के लिए फ्लाइट मिल जायेगी एयरपोर्ट पर उतारने के बाद आप को सप्त ऋषि आश्रम के लिए टैक्सी मिल जाएगी जो कि मोतीचूर में पड़ता है। ट्रैन से अगर आप आ रहे है तो आप हरिद्वार स्टेशन पर उतर के टैक्सी से सप्त ऋषि आश्रम पहुच सकते है। सड़क मार्ग से आने के लिए आपको दिल्ली से हरिद्वार की बस मिल जाएगी या फिर आप अपनी कार से भी आ सकते है। आश्रम में पार्किंग की भी कोई दिक्कत नही है।आपको अपने कुटी के सामने ही गाड़ी खड़ी करने की जगह मिल जाएगी।