आप सभी ने जरूर सुना होगा की जीवन में किये गए आप के कर्मों के आधार पर ही आपको धरती पर इस जीवन के पार आगे स्वर्ग या नरक में जाना पड़ता है और जाना तो हर कोई सिर्फ स्वर्ग में ही चाहता है। अब किसकी ये इच्छा पूरी होगी और किसकी नहीं ये तो कोई नहीं बता सकता तो क्यों न हम कोई ऐसी जगह चले जाएँ जहाँ इस धरती पर ही हमें स्वर्ग सा एहसास हो !
और अगर इसकी बात शुरू हो ही गयी है तो आप सभी ने कभी न कभी सुना जरूर होगा कि "अगर इस धरती पर कहीं स्वर्ग है तो वो कश्मीर में है " अब अगर आपको इस बात पर जरा भी शक हो तो आज का हमारा ये लेख आपके इसी संदेह को दूर कर देगा। आज हम हमारे इस आर्टिकल में आपको बताएँगे कि अगर आपको कश्मीर को स्वर्ग क्यों कहते हैं ये वाकई जानना है तो बस एक बार आप इस खूबसूरत ट्रेक पर चले जाएँ !
जी हाँ हम बात कर रहे हैं धरती के स्वर्ग कश्मीर में सोनमर्ग में स्थित थाजीवास ग्लेशियर ट्रेक की। कश्मीर में वैसे तो खूबसूरत प्राकृतिक जगहों कि कोई कमी नहीं है। जहाँ आपकी नज़र जाएगी वहां सिर्फ बेहद खूबसूरत नज़ारे ही आपको दिखाई देंगे। लेकिन उन सभी शानदार जगहों में हमारे अनुसार थाजीवास ग्लेशियर ट्रेक, पुरे ट्रेक में चारों ओर के अत्यधिक सुन्दर नज़ारों और ट्रेक के अंत में दिखने वाले अद्भुत दृश्य के साथ अपने आप में कश्मीर को स्वर्ग कहने कि वजह आपको समझा देता है।
थाजीवास ग्लेशियर ट्रेक की शुरुआत
सोनमर्ग के मार्केट से करीब 2 -3 किलोमीटर दूर जाने के बाद हमें एक बोर्ड पर "थाजीवास ग्लेशियर ट्रेक" कि दिशा दिखाता हुआ एक बोर्ड दिखायी दिया। वहीं रोड के एक तरफ कार पार्क करके हम ट्रेक कि ओर चलने लगे। ट्रेक कि शुरुआत में ही हमें बहुत से घोड़े वाले मिले जो हमें मनाने लगे कि ट्रेक दोनों ओर करीब 3-3 किलोमीटर का है और हमें उसके लिए घोड़े ले लेने चाहिए। अब चूँकि हमें इस ट्रेक के खूबसूरत नज़ारों कि थोड़ी जानकारी थी इसलिए हम इस ट्रेक को बिना किसी टाइम लिमिट के पैदल हमारी इच्छानुसार हर नज़ारे का अच्छे से अनुभव भी लेना चाहते थे और वैसे भी हमने कश्मीर कि वादियों में घोड़े कि सवारी का आनंद पहले से ही गुलमर्ग में ले चुके थे सो हमने पैदल ही इस ट्रेक को पूरा करने का मन बना लिया था।
हालाँकि अगर आप चाहें तो घोड़े के साथ भी इस ट्रेक को पूरा कर सकते हैं क्योंकि कश्मीर में घोडा सवारी का अपना एक अलग ही आनंद होता है बस आपको उसके लिए घोड़े वालों से अच्छे मोल भाव के लिए तैयार रहना होगा :)
ट्रेक की कठिनाई का स्तर
ट्रेक कि शुरुआत में थोड़ी चढ़ाई है लेकिन ये बिलकुल भी मुश्किल नहीं है। ट्रेक कि शुरुआत से ही आपको प्राकृतिक दृश्य तो लाजवाब दिखने वाले हैं ही, फिर करीब 1 किलोमीटर चलने के बाद एक छोटी नदी ट्रेक के बीच में से बहती हुई हमें दिखाई दी जिसे घोड़े आसानी से पार कर रहे थे और वैसे भी नदी का जलस्तर काफी कम था जिस वजह से पैदल भी आप इसे आसानी से पत्थरों पर पैर रखते हुए पार कर सकते है। वैसे भी अगर आप प्रकृति प्रेमी हैं तो इतने खूबसूरत प्राकृतिक नज़ारों को देखते हुए इस ट्रेक पर आपका जोश किसी घोड़े से कम बिलकुल नहीं पड़ने वाला :)
यहाँ से ट्रेक में चढ़ाई लगभग ख़त्म हो जाती है और बाकी के करीब 2 किलोमीटर आप बिना किसी मुश्किल के आसानी से पूरा कर सकते हैं।
'बजरंजी भाईजान' मूवी शूटिंग पॉइंट
इसी नदी के पास घोड़े वालों को हमने बाकी के पर्यटकों को बताते हुए सुना कि "बजरंगी भाईजान" मूवी में क्लाइमेक्स सीन में वो बॉर्डर वाला सीन यहीं पर शूट हुआ था। इस नदी को पार करने के बाद हमने जो दृश्य हमारी खुली आँखों से देखे वो किसी भी प्रकृति प्रेमी के बंद आँखों से देखे गए सपनो से बिलकुल भी कम नहीं थे।
यहाँ से आगे बढ़ते ही आपको अच्छे से समझ आ जायेगा कि आखिर क्यों प्रकृति कि अद्भुत देन कश्मीर को इस धरती पर मौजूद जन्नत कहा जाता है। एक बेहद काल्पनिक दुनिया जैसे दिखने वाले चारों ओर के अद्भुत नज़ारे, नीचे की ओर घनी हरियाली वाले खूबसूरत आकृतियों वाले पहाड़ी मैदान और दूर दिखने वाले बेहद ऊँचे ऊँचे विशाल हिमालय के हरे भरे और कुछ बर्फ से ढके पर्वत..
इन सभी के साथ जो नज़ारा आपको यहाँ देखने को मिलता है वो किसी भी फोटो या फिर शब्दों द्वारा समझाया नहीं जा सकता। बस एक बार आप यहाँ अपनी आँखों से इस नज़ारे को देख लेंगे तो हम यकीन दिला सकते हैं कि वो नज़ारा आपके मन में हमेशा के लिए बस जायेगा।
कुछ देर बाद हम 'सत्ते पे सत्ता' मूवी शूटिंग पॉइंट पर पहुँच जाते हैं जहाँ वैसे देखने को कुछ अलग नहीं है बस बताया जाता है की फेमस मूवी सत्ते पे सत्ता की शूटिंग यहाँ हुई थी और इस जगह के चारों ओर तारबंदी की हुई है।
स्वर्ग से नज़ारे
यहाँ से कुछ दूर चलने पर हम एक ओर किसी खूबसूरत पेंटिंग में देखे गए दृश्य जैसी जगह पहुँच जाते है। यहाँ एक ओर तेज़ बहती बेहद और एकदम साफ़ पानी कि सुन्दर नदी दिखाई देती है और एक ओर बेहद ऊँचे और खूबसूरत पर्वत आपको आपकी सपनो कि दुनिया में पहुँचाने के लिए काफी रहते हैं। यहां के नज़ारे देखकर हमें वास्तव में विश्वास नहीं हो रहा था कि हम सच में ऐसी किसी जगह मौजूद हैं।
फिर इस ट्रेक के अंत पर मौजूद घोडा स्टैंड कि जहाँ काफी सारे घोड़े खड़े दिखे। घोड़े से जाने वाले पर्यटकों को वो यही उतार देते हैं और अगर इसके आगे ग्लेशियर का बेहद पास से नज़ारा आप देखना चाहते हैं तो आप कुछ दूर पैदल चलकर एक ऊँचे स्थान पर जा सकते हैं जहाँ से वास्तव में इस ग्लेशियर का नज़ारा बेहद शानदार दिखाई देता है।
साथ ही जहाँ घोड़े खड़े रहते हैं वहीं पास में आपको नदी किनारे कुछ छोटी दुकाने मिल जाएँगी जहाँ आप नदी किनारे बैठकर चाय, मैगी आदि ले सकते है।
नदी किनारे कुछ सुकून भरे पल
यहाँ बैठकर इन नज़ारों के बीच बैठकर आप अपने आप को प्रकृति के बेहद करीब तो महसूस करेंगे ही लेकिन साथ ही इतनी खूबसूरत बहती नदी में बिना सोचे कूदकर आपका नहाने का मन भी जरूर करेगा। हमारा भी मन तो हुआ लेकिन जब नदी के पानी को हाथ से छूकर देखा तो पानी इतना ज्यादा ठंडा था कि नहाना तो दूर यहाँ 1 मिनट आप हाथ भी पानी में नहीं रख पाएंगे। आखिर क्यों नहीं, इतने पास में ग्लेशियर से बहकर आते हुए पानी को छूने का हमारा ये पहला मौका था:)
फिर बस यहाँ कुछ देर प्रकृति की गोद में बैठने के अनुभव के साथ हमने देखा कि मौसम तेजी से बदल रहा था तो हम फिर से हमारे होटल कि और चल दिए और इसी तरह इस अद्भुत यात्रा कि यादें हमेशा के लिए हमारे मन में सेव हो गयीं। तो अगर आप भी कश्मीर जा रहे हैं तो इस ट्रेक पर जाना बिलकुल भी मिस न करें।
ट्रेक की शुरुआत कहाँ से होगी ?
अगर आप सोनमर्ग मार्केट से ज़ोजिला पास की तरफ जायेंगे तो करीब 2-3 किलोमीटर के बाद जहाँ अंत के कुछ 2-3 होटल्स दिखते हैं वहीँ पर होटल Divine Inn के सामने रोड के दूसरी तरफ आपको थाजीवास ग्लेशियर ट्रेक का शुरुआती पॉइंट पर एक बोर्ड लगा दिखेगा साथ ही वहां कुछ घोड़े वाले भी आपको दिख जायेंगे। इसी जगह से आप अपने ट्रेक की शुरुआत कर सकते हैं।
टिकट शुल्क या एंट्री परमिट?
ट्रेक सभी पर्यटकों के लिए बिना किसी शुल्क के उपलब्ध है और आपको किसी भी तरीके का परमिट भी लेने की आवश्यकता नहीं है। अगर शुल्क की बात करें तो यहाँ सिर्फ पोनी राइड या फिर घुड़सवारी के लिए ही आपको पैसे चुकाने होते हैं तो अगर आप वो करना चाहते हैं तो उसकी शुरुआत घोड़े वाले आम तौर पर 1500-2000 प्रति व्यक्ति से करते हैं और फिर आप मोल-भाव करके बेस्ट रेट उनसे ले सकते हैं।
ट्रेक के लिए बेस्ट समय?
आम तौर पर ये ट्रेक आपको सर्दियों के मौसम में पूरी तरह बंद मिलेगा क्योंकि सर्दी के मौसम में ये पूरा ट्रेक बर्फ से ढका होता है। हर साल मार्च महीने के अंत में या फिर अप्रैल में परिस्थितियों के अनुसार इस ट्रेक खोल पर्यटकों के लिए खोल दिया जाता है। अप्रैल से लेकर अक्टूबर अंत तक या नवंबर की शुरुआत तक ये ट्रेक पर्यटकों के लिए खुला रहता है तो इस बीच आप कभी भी इस ट्रेक पर जा सकते हैं। जब आप कश्मीर में हैं तब आगामी दिनों के मौसम के मिज़ाज़ के अनुसार आप यहाँ जाने का प्लान करें क्योंकि ट्रेक के बीच में आपको रुकने की कहीं भी व्यवस्था नहीं मिलेगी।
ट्रेक में बरतने वाली सावधानियां
अगर आपके जाते समय या ट्रेक करने से 1-2 दिन पहले बारिश होती है तो आपको ट्रेक में कीचड़ जैसी परेशानी झेलनी पड़ेगी तो उसके हिसाब से तैयारी के साथ ही जाएँ। साथ ही अगर आप घोडा करके ट्रेक पर जा रहे हैं तो घोड़े पर अच्छे से सावधानीपूर्वक बैठें क्योंकि हमने कुछ लोगों को घोड़े से गिरकर चोट खाते हुए भी देखा है, हालाँकि ये घटना बहुत ही कम होती है।
क्या ट्रेक सेफ है ?
जी हाँ थाजीवास ग्लेशियर ट्रेक एकदम सुरक्षित है जिसमे पुरे रास्ते आपको पर्यटक मिल जायेंगे। अगर आपको कहीं रास्ता समझ नहीं आ रहा तो रिस्क न लें और किसी घोड़े वाले या अन्य पर्यटक से रास्ता पूछकर ही आगे बढ़ें।
अगर आप ऐसे ही कुछ और बेहतरीन स्थानों और जानकारियों के बारे में जानना चाहते हैं तो आप हमारे यूट्यूब चैनल WE and IHANA पर या फिर हमारे इंस्टाग्राम अकाउंट @weandihana पर भी जा सकते हैं।
क्या आपने हाल में कोई की यात्रा की है? अपने अनुभव को शेयर करने के लिए यहाँ क्लिक करें।
बांग्ला और गुजराती में सफ़रनामे पढ़ने और साझा करने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें।