उत्तराखण्ड का वो मंदिर जहां ऋषियों ने दिया था भगवान शिव को श्राप

Tripoto
1st Jun 2023
Photo of उत्तराखण्ड का वो मंदिर जहां ऋषियों ने दिया था भगवान शिव को श्राप by Yadav Vishal
Day 1

उत्तराखंड जिसको हम पहले उत्तरांचल के नाम से भी जानते थे। अपने आसिम प्राकृतिक सुंदरता और देवों की भूमि के लिए जाना जाता हैं। यहां के हर क्षेत्र में आपको एक मंदिर मिल जायेगा, जो अपने अन्दर एक कहानी समेटे हुए हैं। ऐसे ही एक मंदिर हैं जागेश्वर का जिसे दंडेश्वर महादेव के नाम से अधिक जानते हैं। कहा जाता हैं कि यह वह स्थान हैं जहां ऋषियों ने भगवान शिव को श्राप दिया था।

दंडेश्वर महादेव मंदिर

दंडेश्वर महादेव मंदिर अल्मोड़ा से 38 किलोमीटर की दूरी पर और अरटोला गांव से 200 मीटर की दूरी पर है जहां जागेश्वर धाम के मंदिर शुरू होते हैं। उत्तराखंड के प्रमुख देवस्थालो में जागेश्वर धाम प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। यह उत्तराखंड का सबसे बड़ा मंदिर समूह हैं। जागेश्वर को उत्तराखंड का पाँचवा धाम भी कहा जाता हैं। जो कि भगवान शिव को समर्पित मंदिरों का एक समूह हैं। यहां 124 छोटे और बड़े मंदिर हैं। इनमे से दंडेश्वर मंदिर सबसे प्रमुख मंदिर माना जाता हैं। इस मंदिर की सबसे ख़ास बात यह हैं कि यहां भोलेनाथ लिंग रुपी न होते हुए, शिला रूप में स्थापित हैं।

Photo of उत्तराखण्ड का वो मंदिर जहां ऋषियों ने दिया था भगवान शिव को श्राप by Yadav Vishal

दंडेश्वर मंदिर का इतिहास

जागेश्वर धाम से दंडेश्वर मंदिर का परिसर लगभग एक किलोमीटर हैं। जागेश्वर धाम में एक बड़ा मंदिर व 14 अधीनस्थ मंदिर का समूह हैं। दंडेश्वर मंदिर यहां का सबसे बड़ा मंदिर हैं। कहा जाता है मंदिर का नाम दंडेश्वर दण्ड शब्द से लिया गया है। क्योंकि यहां ऋषियों ने भगवान शिव को श्राप दे दिया था। इस मंदिर में भगवान शिव शिला रूप में विराजमान हैं। जागेश्वर धाम और दंडेश्वर मंदिर दोनों एक ही समय के मंदिर हैं। बताया जाता है कि कत्यूरी शासकों ने इन मंदिरों का निर्माण कराया था। इस मंदिर में कई प्राचीन मूर्तियां आज भी देखने को मिलती हैं।

यहीं पे ऋषियों ने भगवान शिव को दिया था श्राप

कथा अनुसार, बताया जाता हैं कि जब भगवान शिव यहाँ के जंगल में ध्यानमग्न समाधिस्थ थे। उस वक्त जंगल में रहने वाले ऋषियों की पत्नियां उन पर मोहित हो गयीं थीं। ये बात जब ऋषियों को पता चली तो वो इस बात से क्रोधित हो गए और ऋषियों ने शिव को शिला में परिवर्तित कर दिया। इसलिए शिव यहाँ शिला रूप में स्थापित हैं। तब से यह स्थान तीर्थ स्थल बन गया हैं।

Photo of उत्तराखण्ड का वो मंदिर जहां ऋषियों ने दिया था भगवान शिव को श्राप by Yadav Vishal

कैसे पहुंचे?

हवाई मार्ग से-निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर हवाई अड्डा हैं। यहाँ से अल्मोड़ा की दूरी लगभग 116 किलोमीटर है। यहाँ से आप आसानी से टैक्सी अथवा बस से जा सकते हैं।

ट्रेन मार्ग से-निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्टेशन हैं। यहाँ से अल्मोड़ा की दूरी लगभग 82 किलोमीटर हैं। यहाँ से आप आसानी से टैक्सी अथवा बस से जा सकते हैं।

सड़क मार्ग से- जागेश्वर प्रमुख उत्तरी शहरों के साथ मोटर योग्य सड़कों के माध्यम से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। दिल्ली से अल्मोड़ा के लिए विभिन्न बस सेवाएं उपलब्ध हैं।

क्या आपने हाल में कोई की यात्रा की है? अपने अनुभव को शेयर करने के लिए यहाँ क्लिक करें

बांग्ला और गुजराती में सफ़रनामे पढ़ने और साझा करने के लिए Tripoto বাংলা और Tripoto ગુજરાતી फॉलो करें।

Further Reads