
भारत की राजधानी है |सदियों से लेकर दिल्ली की सलतनत पर कब्जा करने के लिए बहुत राजाओं महाराजाओं ने दिल्ली के ऊपर हमला किया| दिल्ली बहुत बार उजड़ी और फिर बसती रही| दिल्ली के हर हिस्से में ईतिहास छुपा हुआ है | दिल्ली में देखने के लिए बहुत कुछ है लेकिन आज हम इस पोस्ट में दिल्ली के यूनेस्को विश्व विरासत धरोहर स्थलों के बारे में बात करेंगे| भारत में दिल्ली, मुंबई और आगरा शहरों में तीन तीन यूनेस्को विश्व विरासत धरोहर स्थल हैं| दिल्ली में कुल तीन यूनेस्को विश्व विरासत धरोहर स्थल है जो निम्नलिखित अनुसार है|
1. कुतुब मीनार
2. हुमायूँ का मकबरा
3. लाल किला

1. कुतुब मीनार
दिल्ली के महरौली ईलाके में 1193 ईसवीं में कुतबुद्दीन ऐबक ने कुतुब मीनार का निर्माण करवाया| यह दिल्ली की सबसे ऊंची मीनार है| कुतुब मीनार पांच मंजिला मीनार है इसको जीत की खुशी में बनवाया गया| 1311 ईसवीं में उलाउदीन खिलजी ने अलाई दरवाजे का निर्माण करवाया| यह दरवाजा कुतुब मीनार कंपलैकस का दरवाजा था| कुतुब मीनार के पास ही लोह स्तंभ बना हुआ है| ऐसा माना जाता है कि लोह स्तंभ को चौथी सदी में बनाया गया| कुतुब मीनार की ऊंचाई 73 मीटर है| कुतुबुद्दीन ऐबक ने इसका आधार ही बनाया था जब उसकी मृत्यु हो गई थी|उसके बाद इल्तुतमिश ने अगली तीन मंजिलें बनवाई | आखिरी पांचवी मंजिल फिरोजशाह तुगलक ने बनाई| 1993 ईसवीं में इसको यूनेस्को विश्व विरासत धरोहर स्थल की सूची में शामिल कर लिया गया| जब भी दिल्ली घूमने जाए तो कुतुब मीनार भी जरूर देखने जाना|


2. हुमायूँ का मकबरा
हुमायूँ दूसरा मुगल शासक था जो बाबर का बेटा था | हुमायूँ को इस जगह पर दफनाया गया| यहाँ पर हुमायूँ का मकबरा बना हुआ है| मुगल गार्डन कला का यह शानदार नमूना है| यह मकबरा हुमायूँ की बेगम हमीदा बानो बेगम के आदेश पर बना| इस मकबरे के आसपास अन्य राजसी लोगों की भी कबरें बनी हुई है| इसका निर्माण कार्य 1565 ईसवीं में शुरू हुआ और 1572 ईसवीं में पूरा हुआ| इसको ईरानी वास्तुकार मिराक मिर्जा घियास ने डिजाइन किया| इसी कंपलैकस में ईसा खान की मस्जिद बनी हुई है| मकबरे के ऊपर शानदार और बड़ा गुंबद बना हुआ है जो ईरानी वास्तुकला का प्रतीक है| मकबरे की बाहरी दीवारों में पत्थर की जालियों को बनाया गया है| हुमायूँ के मकबरे के बाहर खूबसूरत बाग बनाया गया| मुगल वास्तुकला का शानदार नमूना है हुमायूँ का मकबरा|


3.लाल किला
लाल किला दिल्ली का ईतिहासिक किला है| इसका निर्माण मुगल बादशाह शाहजहाँ ने 12 मई 1638 ईसवीं में शुरू करवाया जब राजधानी को आगरा से दिल्ली में शिफ्ट किया था| लाल किले का निर्माण 1648 ईसवीं में पूरा हुआ| इसको बनाने वाले आर्किटेक्ट उस्ताद अहमद लाहौरी जिन्होंने बाद में ताजमहल का निर्माण भी किया| लाल किला यमुना नदी के पास ही बना हुआ है| लाल किले में बहुत सारे दरवाजे और ईतिहासिक जगहें देखने लायक है जैसे दीवार ए आम, दीवान ए खास आदि| 15 अगस्त 1947 को भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने लाल किले पर तिरंगा फहराया था| हर साल 15 अगस्त को लाल किले पर भारत के प्रधानमंत्री तिरंगा फहराते है|
