दिल्ली के दक्षिण भाग में कमल के आकार में बना हुआ लोटस टेंपल कला का अद्भुत नमूना है| यह खूबसूरत मंदिर बहाई धर्म के लोगों के लिए बनाया गया था लेकिन इसके शांतमयी वातावरण और खूबसूरत कलाकारी को देखने के लिए किसी भी धर्म के लोग यहाँ आ सकते हैं| अगर आप दिल्ली घूमने आ रहे हो तो लोटस टेंपल भी अपनी लिस्ट में शामिल कर लीजिए| बहाई धर्म विश्व के सभी स्वतंत्र धर्मों में से छोटा धर्म है| बहाई धर्म वाले प्रभु बहाउल्लाह को मानते हैं| बहाउल्लाह का अर्थ होता है 'ईश्वर का दूत'| प्रभु बहाउल्लाह ने जो उपदेश दिया है उसका सार यहीं हैं कि परमात्मा एक है, मानव जाति एक है और सभी धर्मों का सार भी एक है| प्रभु बहाउल्लाह का मानना था कि हमें सबको मिलकर ऐसे संचार का निर्माण करना है जिसमें जाति, धर्म, पंथ और राष्ट्र जैसे पारंपरिक बंधनों से मुक्त होकर वैश्विक नागरिकता का जन्म हो सके| हम सब एक है यह प्रभु बहाउल्लाह का उपदेश है| उनका दिया हुआ यह उपदेश सफल भी होता दिखाई देता है जब हर धर्म के लोग इस मंदिर में आकर उनके संदेश पढ़ते और सुनते हैं|
लोटस टेंपल के निर्माण में 10 साल का समय लगा | कनाडा में रहने वाले मूल रूप से ईरानी आर्किटेक्ट फैरीबार्ज ने लगभग 800 इंजीनियरों, कारीगरों और मजदूरों की टीम के साथ मिल कर इस खूबसूरत ईमारत का निर्माण किया| लोटस टेंपल की यह ईमारत सफेद मार्बल से बनी हुई है| इसमें 27 पंखुड़ियों को बनाया गया है जो अधखुले कमल के फूल की तरह दिखाई देती है| इन पंखुड़ियों पर की गई नक्काशी को देखकर ऐसा लगता है कि जैसे असली कमल के फूल को लाकर मंदिर की छत पर रख दिया गया हो| इस खूबसूरत मंदिर में 2500 लोग एक साथ प्राथना कर सकते हैं| लोटस टेंपल का निर्माण 1986 ईसवीं में हुआ था| यहाँ दिन में चार बार प्राथना सभा का आयोजन किया जाता है| हर धर्म से संबंधित प्राथना यहाँ आयोजित की जाती है|
कमल की सत्यता - कमल ईश्वर की अभिव्यक्ति को प्रदर्शित करता है| कमल स्नेह और कोमलता का प्रतीक है| कमल का संदेश हर भारतीय के दिल में बसा हुआ है| विष्णु भगवान की नाभि में से श्री ब्रह्मा को कमल के फूल पर बैठकर अवतरित होते हुए दिखाया गया है| इस फूल को पवित्र माना जाता है और ईश्वर की पूजा में प्रयोग किया जाता है| सोमवार को यह मंदिर बंद रहता है| बाकी दिन सुबह 9 बजे से लेकर शाम के 6 बजे तक यह मंदिर खुला रहता है| अगर आप दिल्ली में किसी शांतमयी सकून भरी जगह पर जाना चाहते हैं तो लोटस टेंपल बहुत बढ़िया विकल्प है|
दिल्ली कैसे पहुंचे- दिल्ली भारत की राजधानी है और बहुत बड़ा महानगर है| आप दिल्ली बस, रेलवे और वायु मार्ग से पहुंच सकते हो| दिल्ली में अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट है आप विदेश से भी फलाईट लेकर दिल्ली आ सकते हो| दिल्ली रेलवे मार्ग से भी भारत के अलग अलग शहरों से जुड़ा हुआ है| बस मार्ग से भी दिल्ली भारत के शहरों से जुड़ा हुआ है| रहने के लिए आपको दिल्ली में हर बजट के होटल आदि मिल जाऐंगे|