हमारे देश में शायद ही ऐसा कोई कोना हो जहा लोगो ने महाकाव्य महाभारत के बारे में न सुना हो । महाभारत सिर्फ भारत में ही नही अपितु दुनिया भर में जानी पहचानी जाती है। जिन्दगी में हमे क्या करना चाहिए , क्या नहीं इत्यादि का ज्ञान हमे महाभारत से मिलता है। कहा जाता है । महाभारत का भीषण युद्ध लगभग 5000 वर्ष पूर्व लडा गया था ।
इसकी कोई ज्ञात तिथि तो नही है। सिर्फ पौराणिक कथाओं और मान्यताओं के आधार पर कहा जाता है। इस पूरे घटना क्रम का केन्द्र बिंदु था। "हस्तिनापुर राज्य" इस ऐतिहासिक राज्य पर अधिकार के लिए ही इतना भयंकर अति विनाशकारी युद्ध लडा गया । हस्तिनापुर राज्य उस कालखंड का सबसे प्रसिद्ध, ताकतवर और महान राज्य था । कोई इस
राज्य से दुश्मनी नही मोल सकता था । लेकिन आपसी पारिवारिक कलह के के कारण महाभारत का युद्ध लडा गया । कभी आपने सोचा की अब ये राज्य या शहर कहा है। कैसा है। कौन यहां रहता हैं। क्या इतना पुराना ,प्राचीन शक्तिशाली राज्य अभी है भी या नही ।
तो चलिए चलते है। हस्तिनापुर राज्य का भ्रमण करने के लिए।
हस्तिनापुर शहर उत्तर प्रदेश के मेरठ महानगर के नजदीक पड़ता है । मेरठ से इसकी दूरी लगभग 30 किलोमीटर हैं ।
ये शहर अति प्राचीन हैं। महाभारत के अलावा भी इसका अलग इतिहास भी हैं। सबसे शालीन धर्मो में एक जैन धर्म के लिए भी हस्तिनापुर काफी महत्त्वपूर्ण हैं। जैन धर्म के 3 प्रमुख तीर्थंकर भगवान शांति नाथ , भगवान अर्हनाथ,और भगवान कुंथु नाथ जी की जन्मस्थली भी हस्तिनापुर ही है।
इसीलिए जैन धर्म के लिए तो ये एक तीर्थ स्थल है ।
वर्तमान में यहां काफी सारे भव्य जैन मंदिर विद्यमान हैं।
मन्दिर इतने खूबसूरत है। की कहने ही क्या । इनकी बनावट और शैली इतनी शानदार और अनोखी है । की अपने शायद ही आधुनिक समय में इनसे अच्छे मंदिर देखे हो । पूरा का पूरा तीर्थ क्षेत्र बड़ा ही मनोरम और रमणीक हैं। कुछ मंदिर तो अपनी स्थापत्य कला शैली के कारण आपको अचंभित
कर देंगे
जैन धर्म के बारे में आप कुछ देखना और समझना चाहते है तो इससे बेहतर जगह आपको नही मिलेगी । मंदिरों का रख रखाव भी बड़े अच्छे तरीके से किया हुआ है। कालांतर में यहां कई बार खुदाई हुई हैं। जिसमे महाभारत कालीन ऐतिहासिक चीजे और विवरण प्राप्त हुए हैं। आप सिर्फ अंदाजा ही लगा सकते है की प्राचीन युग में इस राज्य का क्या महत्व था । कितना शक्तिशाली और ऐतिहासिक राज्य ये था। शत्रु इस राज्य के नाम से ही कापते थे । लेकिन आज ये राज्य , शहर बड़ा शांत और सौम्य हैं। अभी भी एक पांडव कालीन प्राचीन मंदिर यहां स्थित हैं। कहा जाता है । पांडवो ने इस मंदिर की रचना की थी । , एक प्राचीन कुंड भी हैं।
और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण का एक ऑफिस भी हैं।
दिल्ली एनसीआर से हस्तिनापुर की दूरी बहुत ज्यादा नही है । आराम से 2 से 2.30 घंटे में हस्तिनापुर पहुंचा जा सकता हैं। वैसे तो दुनिया में देखने को बहुत कुछ हैं। लेकिन हमे कम से कम अपने देश की प्राचीन धरोहर रूपी जगहों को पहले देखना और समझना चाहिए । कई बार हम अपने आस पास की महत्व पूर्ण जगहो के बारे में नही जानते और दुनिया देखना चाहते हैं। पहले हमे अपने ऐतिहासिक जगहों को देखने का प्रयास करना चाहिए । जिससे की हम अपने धर्म , कर्म, संस्कृति इत्यादि से जुड़े रह सके ।
कैसे पहुंचे – हस्तिनापुर सड़क मार्ग से दिल्ली से या आस के प्रमुख शहरों से सीधा जुड़ा हैं। आप दिल्ली से वाया मेरठ , मवाना होते हुए आसानी से हस्तिनापुर पहुंच सकते है ।
सड़के अच्छी बनी हुई हैं।
सबसे नजदीकी बड़ा शहर मेरठ ही हैं। जहा से नियमित बसे चलती है । जो आपको आसानी से हस्तिनापुर तीर्थ क्षेत्र छोड़ सकती है। आप अपनी गाड़ी या मोटर साइकिल इत्यादि से भी आसानी से आ सकते हैं। यहां के पावन और खुबसूरत मंदिर यकीनन आपका दिल जीत लेंगे ।
तो आप कब आ रहे है । हस्तिनापुर ।
क्या आपने पहले हस्तिनापुर की यात्रा की हैं। तो जरूर बताइए।