भगवान शिव की नगरी विश्व के प्राचीन शहरों में से एक वाराणसी- जानिए कया देखे वाराणसी में

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Photo of भगवान शिव की नगरी विश्व के प्राचीन शहरों में से एक वाराणसी- जानिए कया देखे वाराणसी में by Dr. Yadwinder Singh

वाराणसी उत्तर प्रदेश में गंगा नदी के तट पर बसा हुआ भारत का एक पवित्र शहर है| वाराणसी को काशी और बनारस के नाम से भी जाना जाता है| काशी भगवान शिव की नगरी है| वाराणसी गंगा, वरूणा और असी जैसी पावन नदियों के बीच में बसी हुई है| वाराणसी भारत ही नहीं पूरे विश्व की प्राचीनतम नगरों में से एक है| तीर्थ के रूप में वाराणसी एक महत्वपूर्ण स्थान है| गंगा के किनारे पर बने हुए घाट भी देखने लायक है| बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक विश्वनाथ मंदिर वाराणसी में ही है| काशी संसार के सबसे प्राचीन नगरी मानी जाती है| वाराणसी में बहुत कुछ देखने लायक है जो निम्नलिखित अनुसार है|

वाराणसी

Photo of वाराणसी by Dr. Yadwinder Singh

काशी विश्वनाथ मंदिर हिन्दू धर्म के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है| वाराणसी का यह सबसे महत्वपूर्ण जगह है| सिख महाराजा रणजीत सिंह ने इस मंदिर पर सोना चढ़ाया था| ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर की पुनर्स्थापना भगवान शंकर के अवतार भगवान आद्य शंकराचार्य ने ख़ुद अपने हाथों से की थी| यह मंदिर बड़ा भव्य और सुंदर है| मंदिर का शिखर लगभग साठ फीट ऊंचा है| मंदिर में मुख्य शिवलिंग अंदर स्थित है जहाँ श्रदालु दूध, जल, बेलपत्र फूल आदि चढ़ाकर पूजा करते हैं| अन्नपूर्णा देवी का मंदिर भी पास ही है| अब वाराणसी में नया कोरिडोर बन गया है जिससे आप असानी से विश्वनाथ मंदिर के दर्शन कर सकते हो|

काशी विश्वनाथ मंदिर वाराणसी

Photo of Kashi Vishwanath mandir by Dr. Yadwinder Singh

काशी विश्वनाथ मंदिर के सामने घुमक्कड़ अपने दोस्तों के साथ

Photo of Kashi Vishwanath mandir by Dr. Yadwinder Singh

वाराणसी शहर मंदिरों का शहर है जहाँ आपको हर जगह मंदिर दिखाई देगें| संकट मोचन मंदिर वाराणसी का प्रसिद्ध मंदिर है| जहाँ हनुमान जी की सुंदर मूर्ति है| कहा जाता है कि इसकी स्थापना तुलसीदास जी ने की थी| इसके पास ही राम मंदिर है| वाराणसी यात्रा पर इस मंदिर के दर्शन जरूर करें|
इसके अलावा वाराणसी में बहुत सारे मंदिर है जैसे कालभैरव मंदिर, दुर्गा जी मंदिर, काशी देवी, धूपचंडी आदि जो दर्शनीय है|

संकट मोचन मंदिर वाराणसी

Photo of Sankat Mochan Hanuman Mandir by Dr. Yadwinder Singh

वाराणसी को घाटों का शहर भी कह सकते हैं| वाराणसी के पवित्र घाट देखने लायक है| काशी के घाट हजारों सालों से काशी की महिमा और गंगा जी का गुणगान कर रहे हैं| काशी के इन जीवंत घाटों पर आज भी कथा, कीर्तन, भाषण आदि सुना और देखा जा सकता हैं| इस समय इन घाटों की संख्या लगभग 80 है| पक्के घाटों का निर्माण आज से 400 साल पहले बताया जाता है| इन खूबसूरत घाटों का श्रेय काशी नरेश श्री बलवंत सिंह को जाता है जिन्होंने भारत के अलग अलग देशी राजाओं को गंगा तट पर घाट बनवाने के लिए आमंत्रित किया था| कुछ प्रमुख घाट निम्नलिखित अनुसार है|

बनारस के घाट पर घुमक्कड़

Photo of बनारस by Dr. Yadwinder Singh

बनारस के घाट

Photo of बनारस by Dr. Yadwinder Singh

अस्सी घाट- यह बनारस के प्रमुख घाटों में से एक है| यह घाट पहले कच्चा था अब पक्का हो गया है| इस घाट से लोग पंचकोसी यात्रा शुरू करते हैं| यहाँ पर शाम को गंगा आरती भी होती है|
तुलसी घाट - इस घाट पर तुलसीदास जी का मंदिर बना हुआ है| यहाँ उनकी खडाऊं भी रखी हुई है| संकट मोचन मंदिर का निर्माण भी तुलसीदास जी ने ही करवाया था|

अस्सी घाट के पास घुमक्कड़

Photo of Assi ghat by Dr. Yadwinder Singh

मणिकर्णिका घाट - इस घाट को इंदौर की महारानी अहिल्याबाई ने 1795 ईसवीं में बनाया था| यह घाट पूरी तरह बना नहीं था और उनका देहांत हो गया था| इस घाट का एक हिस्सा अभी भी अधूरा है| यहाँ पर लोगों के अंतिम संस्कार किए जाते हैं| यहाँ आकर ऐसा लगता है जैसे जिंदगी का सत्य हमारे सामने हो | हमारी आखिरी मंजिल कया है| यहाँ जिंदगी ठहर जाती है| ऐसा प्रतीत होता है|
मुंशी घाट- यह घाट नागपुर के दीवान मुंशी श्रीधर नारायण ने बनाया था| इस घाट पर की हुई पत्थर की कारीगरी बहुत आकर्षित करती है|

मनीकर्णिका घाट वाराणसी

Photo of Manikarnika ghat by Dr. Yadwinder Singh

दशाश्वमेध घाट- यह वाराणसी का प्रमुख घाट है| यहाँ पर होने वाली गंगा आरती देखने लायक है| ऐसा माना जाता है कि ब्रह्म जी ने यहाँ पर दस अशवमेध यज्ञ किए थे| यहाँ श्रदालु गंगा जी में स्नान करते हैं|

गंगा आरती का दृश्य

Photo of दशाश्वमेघ घाट by Dr. Yadwinder Singh

सारनाथ - उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर से 10 किमी दूर सारनाथ बौद्ध धर्म का एक महत्वपूर्ण स्थान है| सारनाथ का नाम भी बौद्ध धर्म के चार महत्वपूर्ण स्थानों में आता है| ऐसा कहा जाता है बोध गया में ज्ञान प्राप्ति के बाद महात्मा बुद्ध सारनाथ में आए थे जहाँ बुद्ध ने अपना पहला प्रवचन दिया था| सम्राट अशोक ने महात्मा बुद्ध की याद में सारनाथ में बोधी स्तूपों का निर्माण करवाया था| सारनाथ में भी हर साल लाखों टूरिस्ट आते हैं |
दामेख स्तूप- यह वह जगह है जहाँ पर महात्मा बुद्ध ने अपना पहला प्रवचन दिया था| इसका निर्माण सम्राट अशोक ने करवाया था| अपनी सारनाथ यात्रा के समय मैं भी इस जगह को देखने आया था|
चौखंडी स्तूप- यह वह जगह है जहाँ पर महात्मा बुद्ध अपने शिष्यो से आकर मिले थे| यहाँ पर भी एक स्तूप बना हुआ है|
इसके अलावा सारनाथ में एक बहुत बढ़िया मयुजियिम बना हुआ है|

सारनाथ

Photo of सारनाथ by Dr. Yadwinder Singh

वाराणसी कैसे पहुंचे- वाराणसी रेलवे मार्ग से भारत के अलग अलग शहरों से जुड़ा हुआ है| आप भारत के किसी भी कोने से रेलवे मार्ग से वाराणसी पहुँच सकते हो| वाराणसी में एयरपोर्ट भी है आप वायु मार्ग से भी वाराणसी आ सकते हो| रहने के लिए वाराणसी में आपको हर बजट के होटल, धर्मशाला आदि मिल जाऐंगे|

वाराणसी में घुमक्कड़

Photo of वाराणसी जंक्शन by Dr. Yadwinder Singh

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