
चैल एक छोटा सा कस्बा है हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में जो तीन पहाड़ियों के ऊपर बसा हुआ है| इसमें से एक पहाड़ी पर चैल महल बना हुआ है| कहा जाता है कि पटियाला के महाराजा को जब शिमला से निकाल दिया गया था तो उन्होंने चैल को बसाकर अपनी राजधानी बनाया था| चैल अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए मशहूर है| कालका शिमला मार्ग में सोलन से 45 किमी दूर चैल एक रमणीय जगह है| चैल में आपको पहाड़, हरियाली, ऊंचे ऊंचे पेड़, आकाश में तैरते हुए बादल और सर्दियों में बर्फ मिलेगी| विश्व का सबसे ऊंचा क्रिकेट मैदान भी चैल में है| आप यहाँ शिमला या चंडीगढ़ से बस या टैक्सी से भी पहुँच सकते हो| जब आप चैल जाए तो रास्ते में साधुपुल भी जरूर जाना जो पिकनिक मनाने के लिए बढिया जगह है| चैल की समुद्र तल से ऊंचाई 2265 मीटर है| चैल में आप चैल पैलेस, काली का टिब्बा, चैल गुरुद्वारा क्रिकेट मैदान आदि जगहें देख सकते हो| अछूते वनों के बीच बसा छोटा सा पहाड़ी सैरगाह चैल कुफरी के रास्ते शिमला से 42 किमी और कंण्डाघाट के रास्ते सोलन से 45 किमी दूर है|

चैल पैलेस- यह खूबसूरत पैलेस चैल की सबसे महत्वपूर्ण टूरिस्ट प्लेस है| 1891 ईसवीं में लार्ड किचनर ने पटियाला के महाराजा भूपेंद्र सिंह का शिमला में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया था इसलिए महाराजा पटियाला ने शिमला से भी अच्छा सैरगाह बनाने का निर्णय लिया| घने देवदार के वृक्षों के बीच हरी छत वाले इस खूबसूरत पैलेस का निर्माण 1891 ईसवीं में किया गया| इसे अब हिमाचल प्रदेश टूरिज्म के हैरीटेज होटल में तब्दील कर दिया गया है| इस शानदार पैलेस को देखने के लिए आपको 100 रुपये टिकट देनी पड़ेगी| यह पैलेस बाहर से बहुत खूबसूरत दिखाई देता है| अंदर से भी यह पैलेस शानदार बना हुआ है| इस पैलेस में राजा महाराजा से संबंधित कीमती स्थान रखा गया है| इस पैलेस में अलग अलग कमरे बने हुए हैं जहाँ पर आप बुकिंग करके रुक भी सकते हो| यहाँ पर आप अपनी फैमिली के साथ फोटोग्राफी कर सकते हो| इस पैलेस को राजमहल भी कहा जाता है|



क्रिकेट मैदान चैल - यह क्रिकेट मैदान समुद्र तल से 2444 मीटर की ऊंचाई पर बना हुआ है| इस मैदान को 1893 ईसवीं में बनाया गया| यह क्रिकेट और पोलो का पूरे विश्व का सबसे ऊँचा मैदान है| आप चैल में आकर इसको देख सकते हो|
चैल वन्यजीव अभयारण्य - यहाँ के प्रमुख जीव है गोपाल, चकारा, सांभर, चेड़ और जंगली लाल मुर्गा आदि| यह सेंचुरी 11000 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली हुई है|

गुरुद्वारा साहिब चैल - चैल के बस स्टैंड से मात्र 200 मीटर दूर एक शानदार गुरुद्वारा बना हुआ है| इस खूबसूरत गुरुद्वारा साहिब को महाराजा पटियाला ने 1907 ईसवीं में बनाया था| गुरुद्वारा साहिब की ईमारत बहुत सादी और खूबसूरत है| यहाँ का वातावरण बहुत खूबसूरत है| आप जब भी चैल आए तो इस गुरुद्वारा साहिब के दर्शन करना मत भूलना|



काली का टिब्बा- यह जगह चैल से 8 किमी दूर एक ऊंची पहाड़ी पर है| यहाँ पर महाकाली का मंदिर बना हुआ है इसलिए इस जगह को काली का टिब्बा कहा जाता है| यहाँ महाकाली का खूबसूरत मंदिर बना हुआ है| मंदिर का चौगरिदा बहुत शांतमयी और रमणीक है| यहाँ से दूर पहाडों के खूबसूरत नजारे दिखाई देते हैं | यहाँ से आपको सोलन, सिरमौर और शिमला जिले की पहाडि़यों के खूबसूरत नजारे दिखाई देते हैं|

चैल कैसे पहुंचे- चैल शिमला से 42 किमी और सोलन से 45 किमी दूर है| यहाँ आप चंडीगढ़ से बस या टैक्सी लेकर पहुंच सकते हो | अगर आप रेल द्वारा चैल आना चाहते हैं तो आपको कालका से रेलगाड़ी पकड़कर कंण्डाघाट उतरना होगा| वहाँ से आप सड़क मार्ग से चैल आ सकते हो| रहने के लिए चैल में हर बजट के होटल मिल जाऐंगे|