हमारे देश में नदियों को पूजने की परंपरा रही हैं। नदिया वैसे भी हमारी सहयोगी रही हैं। पुरातन काल से ही सभी प्रमुख
मानव सभ्यता , संस्कृति किसी न किसी नदी के नजदीक ही रही हैं। मनुष्य को जीवन के लिए , पीने के लिए , कृषि के लिए नदियों की हमेशा जरूरत रही है । हम सभी मनुष्यों का क्रमिक विकास भी नदियों के नजदीक ही हुआ हैं। नदिया हमारी सच्ची दोस्त और हितेषी ही रही हैं। भारत में यू तो कई नदिया हैं। लेकिन गंगा नदी का दर्जा कुछ और ही है। गंगा सिर्फ एक नदी नही हैं। अपितु उससे भी बड़कर कुछ और है। पुरातन कहानियों के अनुसार भगीरथ के अथक प्रयासों के फलस्वरूप ही स्वर्ग से गंगा नदी का आगमन पृथ्वी लोक पर हुआ । हिंदू धर्म में गंगा नदी और गंगा जल का पवित्र स्थान हैं। गंगा नदी में स्नान करना हमेशा ही पवित्र माना गया हैं। गंगा नदी अपनी यात्रा गौमुख ग्लेशियर उत्तराखंड से शुरू करके लगभग आधे भारत की प्यास बुझाते हुए उत्तर प्रदेश,बिहार , झारखंड, बंगाल होते हुए । बंगाल की खाड़ी में समाप्त करती हैं। अगर मैं दिल्ली एनसीआर के लोगो की बात करू तो सबसे नजदीक जगह हैं। बृजघाट( जिला हापुड़ ) जहा आप मां गंगा से मिलने आ सकते हो । दिल्ली से इसकी दूरी लगभग 100 किलोमिटर है ।
दिल्ली एनसीआर से हरिद्वार की दूरी 200 किलोमीटर से ज्यादा हैं। इसलिए गंगा स्नान के लिए बृजघाट एक अच्छा
विकल्प हैं। यहां तक पहुंचना भी सरल हैं। आप सीधे सड़क मार्ग से या रेलवे के माध्यम से आसानी से बृजघाट आ सकते हो। ये जगह धीरे धीरे अपना स्वरूप बदल रही हैं। और विकसित हो रही हैं। आने वाले कुछ सालों में ये जगह हरिद्वार की तर्ज पर ही दिखाई देगी। इस जगह की पौराणिक मान्यता भी है। ये जगह किसी जमाने में हस्तिनापुर राज्य के अंतर्गत आता था । जो की यहां से ज्यादा दूर नही हैं। महाभारत युद्ध के उपरांत पांडव अपने सगे संबंधियों, भाईयो, रिश्तेदारों की हत्या से दुखी थे ।तब उन्होंने इसी स्थान पर एक यज्ञ किया गंगा नदी के किनारे।
ये वोही जगह है ।
यहा पर यात्रियों के नहाने के लिए पक्के घाट बने हुए हैं।
रुकने के लिए काफी सारी अच्छी धर्म शालाएं और होटल हैं
काफी सारी अच्छी और पुरानी खाने पीने की दुकानें हैं।
आप गंगा में बोटिंग का लुत्फ भी ले सकते हो। काफी सारे धार्मिक कर्म काण्ड भी किए और करवाए जाते हैं। यहां का गंगा जल भी काफी साफ और स्वच्छ हैं। भविष्य में ये जगह
साहसिक खेलों के लिए भी प्रसिद्ध होगी । ऐसा में कह सकता हु क्योंकि मैं खुद इसी क्षेत्र का रहना वाला हु ।
ये मेरे गृह जनपद का ही एक हिस्सा हैं। विभिन्न तीज त्यौहार और अवसरों पर यहां मेलो का आयोजन किया जाता हैं। लाखों की संख्या में लोग यहां पहुंचते हैं। मां गंगा से मिलने।
शाम के समय यहां भव्य गंगा आरती का आयोजन भी किया जाता हैं। यहां काफी सारे अच्छे मंदिर भी हैं जिनको देखा जा सकता है। अगर आप दिल्ली एनसीआर या आस पास की किसी जगह से ताल्लुक रखते है। तो आपके और आपके परिवार के लिए ये एक अच्छा यात्रा विकल्प हो सकता है। जहा आप मां गंगा के पावन सानिध्य में कुछ पल बैठ सकते हो। और आत्मिक शांति का सुख भोग सकते हो।
यहां गंगा में हमारे राज्य का प्रादेशिक जलीय जीव डॉल्फिन जिसे स्थानीय भाषा में सूस मछली भी कहा जाता है । देखी
जा सकता है । ये गंगा क्षेत्र रामसर साइट के अंतर्गत आता हैं।
कैसे पहुंचे – सड़क मार्ग से दिल्ली से राष्ट्रीय राजमार्ग 24 जिसे अब राष्ट्रीय राजमार्ग 9 भी कहा जाता है । के द्वारा आसानी से पहुंचा जा सकता हैं। पूरा हाईवे बहुत ही शानदार और बढ़िया हैं। दिल्ली से लगभग 2 घंटे की ड्राइव करके आप आसानी से बृजघाट पहुंच सकते हैं।
रेलवे – दिल्ली से वाया रेल भी यहां पहुंचा जा सकता हैं। कुछ ट्रेन आपको यहां तक डायरेक्ट छोड़ सकती हैं। अन्यथा
नजदीकी रेलवे स्टेशन जैसे गढ़ मुक्तेश्वर , हापुड़, गजरौला इत्यादि से आसानी से आ सकते है ।
तो आप कब आ रहे है। मां गंगा से मिलने ।