ये समुंद्र मेरे जीवन का पहला देखा गया beach है जहां मैने इसे पहली बार देखा है, हम अपनी यात्राओं में ऐसे कुछ पल पाते हैं जिन्हे हम छोड़ना नहीं चाहते, तो ठीक मेरे लिए भी ये समुंद्र वैसे ही था क्षितिज में देखते हुए आखें नम हो जाना एक बहुत ही भावुक पल होगा, हमारे भीतर हमारा अतीत, हमारी आत्मा पर लगे लांछन, हमारे वो रिश्ते जिनको हम कभी निभा नही सके,।
मां के साथ निस्वार्थ प्रेम का रिश्ता जिसमे अब हमारी बारी हो प्रेम करने की, लेकिन हम शायद अभी तक सोच ही रहे हैं हमने अब तक कितने लोगो को प्रेम दिया है।
समुंद्र की लहरों ने कभी नही कहा कि मैं तुमसे दूर जा रही हूं लेकिन वो जा रही थी उसने कभी नही कहा की मैं तुम्हारे पास आना चाहती हूं लेकिन वो फिर भी आई ।
कैसे ये रिश्ता था बिन बुलाए आना और चले जाना, और न कोई वायदा न कोई कसम बस इंतजार एक बार जाकर वापस लौटकर आने का,
जैसे कोई मां अपने बच्चे को स्कूल छोड़कर आ रही हो,
लहरे जैसे भी उठती मेरे दिल की धड़कन भी बढ़ती जाती है
ऐसा लगता मानो तुम मेरे करीब आ रही हो, और में तेजी से सांस लेने लगा हूं
समुद्र जब सुबह सूर्योदय के समय वापस चला जाता है और लगभग जैसे जैसे सूरज ऊपर आता जाता है वैसे वैसे लहरे जो रात को सो जाती है लौटकर आती हैं
फिर शाम को चली जाती है वहां कोई शोर न होता पानी का दूर दूर तक नमो निशान भी नही होता सिर्फ हवाएं जैसे उसकी आवाज हो और कह रही हो की यही बैठो मेरे आने तक,
और मैं हाथो में सिगरेट लेकर बैठ जाता । उसके आने के इंतजार में उसके इंतजार की वो शाम खत्म हो गई लेकिन सिगरेट अभी भी जल रही थी उसको खत्म कर पाना बहुत मुश्किल हो जा रहा था ।
बहुत सुंदर होता है जब शाम को बिना पानी के बीच देखना और रात की चांदनी में पानी की लहरों को उठते हुए देखना बहुत रोमांटिक होता है ये पल