बीकानेर राजस्थान का प्रमुख महांनगर है| बीकानेर शहर को राव बीका ने 1488 ईसवीं में बसाया था| राव बीका जोधपुर के संस्थापक राव जोधा के पुत्र थे| बीकानेर का पुराना नाम जांगलदेश था| बीकानेर के बाजार, भुजिया, पापड़, रसगुल्ला आदि पूरे भारत में मशहूर है| बीकानेर के ऊठ भी बहुत प्रसिद्ध है| बीकानेर को ऊठों का प्रदेश भी कहा जाता है| बीकानेर में टूरिस्ट के देखने के लिए बहुत सारी जगहें है| इस पोस्ट में हम बीकानेर शहर के टूरिस्ट प्लेस की बात करेंगे| बीकानेर में देखने के लिए जूनागढ़ किला, नैशनल रिसर्च सैंटर आफ कैमल, करणी माता मंदिर, गजनेर, लालगढ़ पैलेस, गंगा गौरमिंट मयुजियिम आदि जगहें दर्शनीय है| आप जब भी बीकानेर घूमने आए तो इन जगहों को जरूर देखने जाना|
जूनागढ़ किला बीकानेर
जूनागढ़ किला बीकानेर का सबसे महत्वपूर्ण जगह है | इस शानदार किले का निर्माण राजा राय सिंह ने 1593 ईसवीं में करवाया| सूरज पोल से आप जूनागढ़ किले में प्रवेश करते हो| इस शानदार किले में बहुत सारे खूबसूरत महल बने हुए हैं जो देखने लायक है जैसे अनूप महल, गंगा निवास, रंग महल, बादल महल आदि| अनूप महल की खूबसूरती बहुत काबिल ए तारीफ है| किले में ही हरि मंदिर बना हुआ है जो राज परिवार के पूजा करने का स्थान है| चांद महल में की हुई पेटिंग देखने लायक है| फूल महल में शीशे के ऊपर बहुत बढ़िया कारीगरी की गई है| इसके अलावा जूनागढ़ किले में दरबार हाल, गज मंदिर, शीश महल, करण महल आदि महत्वपूर्ण जगहें है| आपको बीकानेर का जूनागढ़ किला घूमते घूमते दो घंटे आराम से लग जाऐंगे| हमने भी अपनी फैमिली के साथ इस शानदार किले को बहुत बारीकी से पूरा समय लगाकर देखा था| अगर आप बीकानेर आ रहे हैं तो जूनागढ़ किले को जरूर देखना|
इसके साथ इस किले में एक मयुजियिम भी बना हुआ है| आपको इस किले के बाहर गाईड भी मिल जाऐंगे जो आपको इस किले के ईतिहास के बारे में बहुत अच्छी जानकारी देगें|
लालगढ़ पैलेस- यह खूबसूरत पैलेस बीकानेर शहर से बाहर बना हुआ है| लाल पत्थर से बने हुए इस खूबसूरत पैलेस को महाराजा गंगा सिंह ने अपने पिता महाराजा लाल सिंह की याद में बनाया था| इस पैलेस को सविंनटन जैकब ने डिजाइन किया था| इस पैलेस में आपको पुरानी तस्वीरें देखने के लिए मिलेगी| इस पैलेस के एक भाग को लगजरी होटल में तब्दील कर दिया गया है| एक हिस्से को मयुजियिम बना दिया गया है|
गंगा गौरमिंट मयुजियिम- यह मयुजियिम राजस्थान के मशहूर मयुजियिम में से एक है| इस मयुजियिम में आपको पुरानी वस्तुओं को देखने का मौका मिलेगा| हडप्पा सभय्ता, गुप्त काल और कुशान वंश से संबंधित पुरानी वस्तुएँ रखी हुई है| इस मयुजियिम में पेटिंग, हथियार, सिक्के आदि देखने लायक है|
बीकानेर की हवेलियाँ- बीकानेर शहर अपनी विरासती हवेलियों के लिए भी मशहूर है जैसे कोठारी, रामपुरिया हवेली, वैधया हवेली आदि भी देखने लायक है|
करणी माता मंदिर
बीकानेर शहर से 30 किमी दूर करणी माता का खूबसूरत मंदिर है| यह मंदिर अपने चूहों के लिए प्रसिद्ध है| इस मंदिर को चूहों वाला मंदिर भी कहा जाता है| माता करणी दुर्गा का एक रुप है| माता करणी बीकानेर के राजवंश की कुलदेवी भी है| माता करणी ने राव बीका को आशीर्वाद दिया था जिस वजह से बीकानेर रियासत आगे बढ़ी| मंदिर के दरवाजे चांदी के बने हुए हैं जिसके ऊपर देवी देवता बने हुए हैं| यह खूबसूरत दरवाजे महाराजा गंगा सिंह ने दान किए थे| मंदिर में आपको बहुत सारे चूहे घूमते हुए मिलेगें| अगर आप को वहाँ पर सफेद रंग का चूहा दिखाई दिया तो आप बहुत भाग्यशाली हो | सफेद चूहे को सफेद काबा कहा जाता है| हम यहाँ बीकानेर से आटो बुक करके पहुंचे थे| फिर हमने करणी माता मंदिर के दर्शन किए |
कैमल रिसर्च सैंटर बीकानेर- यह पूरे एशिया में ऊठों का अपने आप में अनूठा फार्म है| यह जगह बीकानेर से 8 किमी है| यहाँ पर आप ऊंठ सवारी का आनंद ले सकते हो| ऊंटनी का दूध पी सकते हो| ऊठों को देख सकते हो| यहाँ आपको ऊठों की किस्मों के बारे में जानकारी मिलेगी जैसे बीकानेर ऊठ, जैसलमेर ऊठ और कच्छ का ऊठ आदि| इस सैंटर में कैमल मयुजियिम बना हुआ है जिसमें ऊठ के बारे में सारी जानकारी दी हुई है|
बीकानेर में बहुत सारे त्योहार मनाए जाते हैं जैसे कैमल फेस्टिवल, माता करणी मेला, गंगौर मेला, कपिल मुनि मेला कोलायत आदि| आप इन खूबसूरत त्योहारों का आनंद भी ले सकते हो|
बीकानेर कैसे पहुंचे- बीकानेर राजस्थान का मशहूर शहर है| बीकानेर रेलवे मार्ग से पूरे भारत से जुड़ा हुआ है| आप बीकानेर रेलवे से भारत के अलग अलग शहरों से जुड़ा हुआ है| बीकानेर का नजदीकी एयरपोर्ट जोधपुर है| बीकानेर में रहने के लिए आपको हर बजट के होटल मिल जाऐंगे|