काली शिला ट्रैक – भक्ति और रोमांच का अनूठा संगम ।

Tripoto
6th May 2023
Photo of काली शिला ट्रैक – भक्ति और रोमांच का अनूठा संगम । by KAPIL PANDIT
Day 1

उत्तराखण्ड को देव भूमि यूंही नही कहा जाता। यहां के कण कण में शंकर और अन्य देवी देवता विद्यमान है । उत्तराखण्ड में हमारी आस्था के प्रतीक कई सारे महत्त्वपूर्ण मंदिर और दिव्य जाग्रत जगहें मौजूद है । आज उत्तराखंड में आस्था के साथ साथ साहसिक खेलों और अलग अलग कई सारे ट्रेक
काफ़ी मशहूर है । ऊंचे ऊंचे पहाड़ों को अपने दो कदमों से नापने को ही ट्रेकिंग कहा जाता है । जो की आजकल काफी लोकप्रिय है । लोगो को पहाड़ शुरू से ही अचंभित करते आ रहे है। रोमांच पसंद लोगो को और क्या चहिए । उन्हें तो हमेशा कुछ नए ट्रेक, पहाड़ी रास्तों की तलाश रहती हैं।
इस बारे में मुझे एक वक्तव्य याद आया। 
अंधा क्या चाहे । दो आंखे । ठीक उसी प्रकार रोमांच पसंद लोगो को भी हमेशा कुछ नया देखने , नया करने का कीड़ा कुलबुलाता रहता है। 😉 और अगर उसमे भक्ति का तड़का लग जाए तो क्या कहना । क्योंकि जब भक्ति आपके साथ होती है।  तो एक अदृश्य ताकत हमेशा आपके साथ होती है।  जो हर पल आपकी सहायता करती हैं।
आज एक नए भक्ति से भरपूर ट्रेक की यात्रा पर चलते है।
जिसका नाम है । काली शिला ट्रैक।

Photo of उखीमठ by KAPIL PANDIT
Photo of उखीमठ by KAPIL PANDIT

आपको तस्वीरे देखकर इस ट्रेक के बारे में कुछ तो पता लग ही गया होगा । उत्तराखण्ड राज्य में रुद्रप्रयाग जिले में उखीमठ से लगभग 20 किलोमीटर दूर मां काली को समर्पित एक सिद्ध पीठ है। यहां तक आप अपने वाहन से आ सकते हैं । एक छोटा मोटरेबल रोड इस जगह को उखीमठ से जोड़ता है । इसी शक्ति पीठ मंदिर से शुरू होती हैं।
काली शिला ट्रैक ये लगभग 8 किलोमीटर की मध्यम प्रकार की ट्रेक है।  काली शिला ट्रेक अपने आप में खास हैं।
इसके बारे में कुछ कथाएं प्रचलित हैं।

"  काली शिला वो पावन जगह है । जहा देवी पार्वती ने राक्षस शुंभ निशुंभ और रक्तबीज का वध किया था । "
ये वो जगह है । जहा देवी पार्वती ने महाभयानक, महाविंधवंशक , महाकाली का रूप धरा था । इसीलिए काफी सारे भक्त इस ट्रेक को पूरा करने आते हैं। जिससे की
मां काली का आशीर्वाद भी मिल सके ।

Photo of काली शिला ट्रैक – भक्ति और रोमांच का अनूठा संगम । by KAPIL PANDIT
Photo of काली शिला ट्रैक – भक्ति और रोमांच का अनूठा संगम । by KAPIL PANDIT

ट्रेक बेहद की खूबसूरत है।  थोड़ा अनदेखा और अनछुआ भी है।  जो की इसको और भी खूबसूरत बनाते हैं।
काली शिला ट्रेक के अंत में जहा ये ट्रेक खत्म होता हैं। वहा ऊपर कोई मंदिर इत्यादि नही हैं। मां काली को समर्पित एक ऊंची,विशाल काली चट्टान है।  जिसकी पूजा की जाती हैं।
तथा मां काली का प्रतीक माना जाता है। ट्रेक की ऊंचाई समुद्र तल से लगभग 2800 मीटर है।  तथा इतनी ऊंचाई से हिमालय की काफी ऊंची, ऊंची चोटियों के बड़े ही सुखद दर्शन होते हैं
सर्दियों में अच्छी खासी बर्फ भी रहती है।  जो की इस ट्रेक को और भी खूबसूरत बना देती है।  नवरात्रि में यहां अलग ही चहल पहल रहती हैं। भक्त काफी दूर दूर से अपनी मुरादे लेकर मां से मिलने आते हैं। मां भी किसी को निराश नही करती । ट्रेक पूरा करने पर आपको स्वर्ग सरीखे दृश्य दिखते है। 

Photo of काली शिला ट्रैक – भक्ति और रोमांच का अनूठा संगम । by KAPIL PANDIT
Photo of काली शिला ट्रैक – भक्ति और रोमांच का अनूठा संगम । by KAPIL PANDIT

पहाड़ी रास्ते होते तो दुर्गम और कठिन है।  लेकिन आपको काफी कुछ सीखा देते है।  जैसे की सफर में या जिंदगी में
बोझ उतना ही साथ में लो जितना की चल सको । अगर हमने बहुत ज्यादा बोझ अपने साथ ले लिया तो हम ज्यादा आगे सफ़र नही कर पाएंगे।  ठीक उसी प्रकार व्यक्ति को
नकारात्मकता , असफलता,पाप का बोझ लेकर नही चलना चाहिए।  इस बोझ के साथ भी आप जिंदगी में ज्यादा आगे नही जा पाओगे। ,ट्रेक आपको शारीरिक और मानसिक दोनो रूप से मजबूत बनाते है।,  आपको अपनी शक्ति का सही अहसास होता है। 
इस ट्रेक से केदारनाथ धाम भी ज्यादा दूर नही है। तथा अन्य
काफी सारे मुख्य मंदिर भी पास ही हैं।

कैसे पहुंचे – ऋषिकेष या हरीद्वार से अपनी यात्रा शुरू करे ।
रुद्रप्रयाग पहुंचे।  फिर यहां से टैक्सी या कैब से मां काली शक्ति पीठ आए। अगले दिन सुबह अपना ट्रेक काली शिला ट्रेक के लिए कर सकते हैं। सुबह शुरू करके शाम तक आप वापस आ सकते हैं।

नोट –  ट्रेक की कठिनाई लेवल मध्यम प्रकार की हैं।
तो अगर आप फिट हैं। तो आसानी से इस खूबसूरत और पावन ट्रेक को कर सकते हैं।

आनंद । अभिनन्दन ।  आभार।

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