माधवपुर बीच
गुजरात के पोरबंदर शहर के बस स्टैंड से गुजरात रोडवेज़ की बस में बैठ कर मैं माधवपुर की तरफ चल पड़ा| गुजरात में घूमने के लिए मैं अक्सर GSTRC की एप का ईसतमाल करता हूँ जिसमें आनलाईन बस बुकिंग की सुविधा भी है और साथ में बसों के समय , रूट के बारे में जानकारी मिल जाती है| गुजरात रोडवेज की बस किफायती भी है बजट ट्रेवल के लिए| इस बार जैसे ही मैं पोरबंदर के बस स्टैंड पर पहुंचा तो पोरबंदर-माधवपुर बस लगी हुई थी जिसमें मैं बैठ गया| पोरबंदर से माधवपुर की दूरी 55 किमी है जो एक या सवा घंटे का खूबसूरत सफर है| कुछ ही देर में बस चल पड़ी पोरबंदर से माधवपुर का रास्ता बहुत खूबसूरत है कभी समुद्र का किनारा साथ चलता है कभी समुद्र थोड़ा दूर हो जाता है कोई गाँव आ जाता है | सारे रास्ते समुद्र आपके साथ ऑंख मिचोली खेलता रहता है| खिड़की वाली सीट पर बैठ कर इस बस सफर में मैं कुदरत के खूबसूरत नजारों का आनंद लेता रहा| मैंने बस कंडक्टर को माधवपुर बीच पर उतार देने के लिए बोल दिया था| माधवपुर बीच माधवपुर कस्बे से दो -तीन किलोमीटर पहले ही आ जाती है| कुछ देर में मैं माधवपुर बीच के पास पहुँच गया जहाँ मुझे बस कंडक्टर ने उतार दिया| माधवपुर बीच सोमनाथ से पोरबंदर वाले हाईवे के साथ ही है| माधवपुर बीच गुजरात की सबसे खूबसूरत बीचों में से एक है| माधवपुर बीच में आपको लम्बा रेतीला समुद्री तट मिलेगा| जहाँ आप तीन चार किलोमीटर तक पैदल चल सकते हो| जब मैं यहाँ पहुंचा था तो माधवपुर बीच पर जयादा भीड़ नहीं थी| मैं काफी समय तक समुद्र की आती जाती लहरों को देखता रहा| काफी दूर तक रेत पर मैं नंगे पांव चला | मेरे पैरों के निशान उस रेत पर छप गए थे जिसकी मैंने फोटो खींच ली |
माधवपुर बीच
यह बीच जितनी खूबसूरत है उतनी खतरनाक भी है| यह बीच नहाने के लिए या समुद्र में आगे जाकर खेलने के लिए सही नहीं है कयोंकि यहाँ काफी गहरा पानी है| आप दूर से ही इसकी खूबसूरती को निहार सकते हो खासकर अगर आपको तैरना नहीं आता हो तो | माधवपुर बीच पर उच्च जवार आने की वजह से तैराकी के लिए यह बीच जयादा सुरक्षित नहीं है| माधवपुर बीच में रेतीली मीटी के साथ समुद्र का किनारा काफी लम्बा है| मैंने काफी दूर तक इस किनारे के साथ चल कर समुद्र की आती जाती लहरों का आनंद लिया| माधवपुर बीच पर मुझे काफी सारे ऊठ दिखाई दिए जिनकों बहुत खूबसूरत तरीके से सजाया गया था| वहाँ एक दस बारह साल की लड़की थी जो ऊठ के सवारी के बोल रही थी 100 रुपये में| फिर मैंने ऊठ की सवारी की उस लड़की ने ऊठ के साथ मुझे माधवपुर बीच का एक गेड़ा लगा दिया| उसने ऊठ सवारी के साथ मेरी कुछ यादगार तस्वीरें भी खींच दी| आखिर में मैं हाईवे के पास बने ठेले के पास बैठ गया| जहाँ मैंने नारीयल पानी पिया| इसके बाद मैं पैदल ही कछुआ हैचरी साईट देखने के लिए चल पड़ा| गुजरात वन विभाग की मदद से माधवपुर में कछुआ हैचरी साईट विकसित की गई है| जिसमें कछुए के संरक्षण के लिए काम किया जाता है| थोड़ी देर बाद मैं कछुआ हैचरी साईट के गेट पर पहुँच गया| गेट को पार करके मैं अंदर चला गया| वहाँ मैंने अधिकारियों से कछुए के बारे में बात की | उन अधिकारियों ने बताया यहाँ पर गरीन सागर कछुए और ओलीव कछुए का संरक्षण किया जाता है| जब मौसम अनुकूल होता है तो बहुत सारे कछुए अंडे देने के लिए सागर तट के पास आते हैं| यहाँ पर उन अंडों और छोटे कछुए का पालन पोषण किया जाता है| जब वह थोड़े बड़े हो जाते हैं तो वापस समुद्र में भेज दिया जाता है| जब मैं वहाँ गया था तो अप्रैल का महीना था उस समय वहाँ पर कछुए नहीं थे| अगर आप सर्दियों में माधवपुर जाओगे तो आपको इस कछुआ हैचरी साईट में कछुए दिखाई देगे| खैर मुझे यहाँ कछुए के बारे में काफी जानकारी मिली| इससे पहले मैंने बाली इंडोनेशिया में टर्टल आईलैंड पर बहुत सारे कछुए देखे थे| जहाँ गाईड ने उनके बारे में बहुत अच्छी जानकारी दी थी| माधवपुर बीच पर तीन चार घंटे बिताने के बाद मैं माधवपुर गाँव की ओर चल पड़ा|
कैसे पहुंचे- माधवपुर बीच सोमनाथ से द्वारका जाने वाले हाईवे पर है| माधवपुर बीच पोरबंदर से 55 किमी दूर है| सोमनाथ मंदिर से माधवपुर बीच की दूरी 77 किमी है| राजकोट से 180 किमी और अहमदाबाद से 400 किमी है| आप यहाँ बस मार्ग से पोरबंदर, राजकोट, अहमदाबाद, वेरावल आदि जगहों से पहुंच सकते हो| माधवपुर में रहने के लिए आपको होटल आदि मिल जाऐंगे|