हिमाचल प्रदेश की गोद में ऐसी कई अद्भुत, खूबसूरत और अनसुनी जगहें मौजूद हैं जहां भारतीय सैलानी घूमने के बाद जन्नत की तरह अनुभव करते हैं। इसलिए हिमाचल की हसीन पहाड़ों में हर दिन हजारों देशी और विदेशी सैलानी घूमने के लिए पहुंचते हैं। आज हम ऐसी एक जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जिसका नाम है भरमौर। भरमौर में घूमने के लिए सबसे बेहतरीन और मनमोहक जगह है। छोटे-बड़े पहाड़ों के बीच से बहती नदी और साइड-साइड से घने जंगल और ऊंचे-ऊंचे पहाड़ के साथ देवदार के पेड़ इस जगह की खूबसूरती में चार चांद लगाने का काम करते हैं। भरमौर चंबा से 64 किमी की दूरी पर स्थित है। शानदार प्राकृतिक सुंदरता के अलावा, यह गांव अपने कई प्राचीन मंदिरों के लिए भी जाना जाता है, जिनमें से कुछ के बारे में माना जाता है कि वे 10वीं शताब्दी के हैं।
भरमौर में देखने लायक जगहें
1. चौरासी मंदिर
मान्यता है कि चंबा के भरमौर स्थित शाम चौरासी में यमराज का इकलौता मंदिर है। यहां पर यमराज की कचहरी लगती है और मृत्य के बाद यहां पर इंसान की आत्मा आती है और तय होता कि वह स्वर्ग लोक जाएगी या नरकलोक। चौरासी मंदिर को लेकर मान्यता है कि यहां पर यमराज व्यक्ति के कर्मों का फैसला करते हैं। यह मंदिर देखने में एक घर की तरह दिखाई देते हैं और यहां पर कुल 84 छोटे बड़े मंदिर हैं। एक कमरे में यमराज विराजमान हैं तो दूसरे कक्ष चित्रगुप्त रहते हैं। इस क्षेत्र में माना जाता है कि मंदिर में चार अदृश्य द्वार हैं जो स्वर्ण, रजत, तांबा और लोहे के बने हैं।
2. मणिमहेश्वर महादेव
ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव अपने 24 योगी साथियों के साथ भरमौर में इस स्थल पर आए थे। उन्हें इस जगह की शांति और सुंदरता से प्यार हो गया और वे इसे अपना घर बनाना चाहते थे। उस समय भरमाणी माता, जिसके नाम पर इस नगर का नाम बाद में पड़ा, यहीं की निवासी थीं। जब भगवान शिव ने भरमानी से उन्हें और उनके साथियों को यह स्थान देने की विनती की, तो उन्हें ऐसा करने के लिए बाध्य होना पड़ा और स्वयं 6 किमी दूर साहर नामक स्थान पर चली गई । मणिमहेश्वर के मंदिर की नक्काशी प्रशंसा के योग्य है।
3. नरसिंह मंदिर
नरसिंह मंदिर में नरसिंह भगवान की उग्र मुद्रा देखने को मिलती है, जो भगवान विष्णु के अवतार हैं, मूर्ति ग्रेनाइट से बनी है। स्थानीय लोगों का मानना है कि इस मंदिर में झूठ बोलना या झूठी मन्नतें लेना दैवीय क्रोध को आगमन देने जैसा है।
4. हडसर वॉटरफॉल
भरमौर का हडसर वॉटरफॉल भी एक बेहतरीन जगह है। बरसात हो या बर्फ़बारी का मौसम यह वॉटरफॉल हमेशा सैलानियों के बीच आकर्षण का केंद्र रहता है। बर्फ़बारी के समय भी बर्फ पिघल कर वॉटरफॉल से पानी गिरते रहता है। यहां आप ट्रैकिंग का भी लुत्फ़ उठा सकते हैं।
5. कुगती गांव
भरमौर में स्थित कुगती गांव भी घूमने के लिए एक बेहतरीन स्थान है। कहा जाता है कि इस गांव में ऐसे कई घर हैं जो कई साल प्राचीन है और आज भी सुरक्षित है। इस गांव में अमूमन घर लकड़ी के बने हुए हैं। इस गांव को हिमाचल प्रदेश का पहला ऑर्गेनिक गांव घोषित किया है। ऐसे में अगर आप ऑर्गेनिक गांव घूमना चाहते हैं तो फिर आपको कुगती गांव ज़रूर घूमने जाना चाहिए।
6. भरमौर - कीलांग ट्रेक
भरमौर कीलांग ट्रेक काफी चुनौतीपूर्ण ट्रैक्स में से एक है जहां ट्रेकर्स कालीचो पास के माध्यम से लाहौल घाटी में प्रवेश करते हैं जो 16152 फीट की ऊंचाई पर है। कालीचो पास पर चढ़ने से पहले सभी ट्रेकर्स बन्नी देवी मंदिर जाते हैं। स्थानीय मान्यता के अनुसार देवी स्थानीय लोगों और उच्च दर्रे की ओर जाने वाले लोगों की रक्षक हैं। ट्रेकिंग ट्रेल भद्रा, बंसर, एलियास और त्रिलोकीनाथ से गुजरती है और इसमें लगभग सात दिन और छह रातें लगती हैं।
कैसे पहुंचें भरमौर
भरमौर का निकटतम हवाई अड्डा कांगड़ा हवाई अड्डा है जो 180 किमी की दूरी पर स्थित है। निकटतम रेलवे स्टेशन पठानकोट रेलवे स्टेशन और चक्की बैंक रेलवे स्टेशन हैं, जो दोनों भरमौर से 180 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं। लेकिन यह शहर पड़ोसी शहरों से नियमित सार्वजनिक बसों के आने-जाने के लिए अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।