भारत का नॉर्थ ईस्ट हिस्सा अपनी स्वच्छ,साफ और सुंदर प्राकृतिक नजरो के लिए जाना जाता है।नॉर्थ-ईस्ट के राज्यों में ऐसी कई अद्भुत और बेमिसाल जगहें हैं जहां जाने के बाद एक अलग ही दुनिया में घूमने का एहसास होता है।चारो ओर ऊंचे ऊंचे पहाड़,नदी,झरने और यहां की शुद्ध प्रकृति अनायास ही पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती हैं।नॉर्थ-ईस्ट के मणिपुर में मौजूद सेनापति एक ऐसी ही छोटी जगह है,जहां का प्राकृतिक सौंदर्य आपका मन मोह लेगी।प्रकृति प्रेमियों से लेकर रोमांच के शौकीनों के लिए यहां बहुत कुछ है।यह जगह खासकर उन लोगो के लिए है जो नए गंतव्य की तलाश कर रहे हैं। हरी-भरी पहाड़ियों से लेकर नदियों का कोलहाल, सेनापति में सबकुछ मौजूद है। चूंकि यहां 80% घना जंगल क्षेत्र है तो यहां विभिन्न वनस्पति और जीव-जन्तु भी पाएं जाते हैं। तो आइए जानते हैं मणिपुर के इस छुपे हुए खजाने के बारे में।
मणिपुर में स्थित सेनापति एक जिला है और यह एक छोटा सा पहाड़ी गांव है जोकि चारो ओर से प्राकृतिक सौंदर्य से घिरा हुआ है।आप चाहे तो अपने परिवार या दोस्तो के साथ यहां शांति के कुछ पल बिता सकते है।
सेनापति के मुख्य आर्कषण
माओ
माओ को मणिपुर का प्रवेश द्वार कहा जाता है। यह सेनापति शहर से करीब 45 किमी दूर स्थित है।यह एक पहाड़ी क्षेत्र है।जिसकी प्राकृतिक सुंदरता देखते बनती है।इस जगह के बारे में कहा जाता है कि जीवंत हरियाली, मनमोहक झरनों, अद्भुत दृश्य और स्थानीय परिवेश का संगम किसी एक शहर में देखना हो तो सेनापति में इससे बेहतरीन कोई अन्य जगह नहीं है।अगर आप माओ जनजाति और हसीन वादियों से रूबरू होना चाहते हैं तो आपको यहां जरूर जाना चाहिए।साथ ही यह जगह नागा राजा मिर्च के लिए भी बेहद फेमस है।
दज़ुकौ घाटी
फूलों की घाटी आपने उत्तराखंड में तो देखी ही होगी पर क्या आपको पता नॉर्थ ईस्ट के इस फूलो की घाटी के विषय में।मणिपुर और नागालैंड की सीमा पर मौजूद यह घाटी धुंधले बादलों और हसीन पहाड़ों के लिए लोकप्रिय है। जब मौसमी फूल यहां खिलते है तो ऐसा लगता है कि आप किसी फूलो की दुनिया में आ गए है।यह घाटी एडवेंचर एक्टिविटीज के लिए भी बेहद फेमस है। आपको बता दें कि यहां जाने के लिए आपको मुख्य शहर से टैक्सी और ऑटो लेना होगा।
यांगखुलेन
यह सेनापति से 26 किमी दूर स्थित एक छोटा सा गांव है । इसे ऐतिहासिक स्थान माना जाता है। इस गांव की खासियत यह है कि यहां पूरा गांव एक परिवार की तरह रहता है।यहां के लोगों का पारंपरिक सामाजिक और आर्थिक जीवन आज भी देखा जा सकता है। ये परंपराएं सदियों बाद भी कायम हैं।कलाकृतियों को बनाने के उपकरण और ज्ञान पीढ़ियों से चले आ रहे हैं। यांगखुलेन एक सुंदर परिदृश्य के साथ खड़ी चट्टान के बीच में स्थित है। इस गांव की प्राकृतिक सुंदरता आपको इसके दीवाने कर देगी।
लिया खुलेन
लिया खुलेन सेनापति शहर से 37 किमी की दूर पर स्थित है।लिया खुलेन" नाम का शाब्दिक अर्थ होता है "सागर के लोग"। पुरातात्विक सर्वेक्षण के अनुसार, यह गांव 500 से भी अधिक वर्ष पुराना है। यह सेनापति में सबसे खास पर्यटन स्थलों में गिना जाता है।कई पत्थर के खंभे इस गांव के गौरवशाली अतीत की बात करते हैं। यहां का एक अन्य प्रमुख आकर्षण शक्तिशाली ब्रह्मपुत्र नदी का उद्गम स्थल है। बराक नदी यहां से निकलने वाली दूसरी सबसे बड़ी नदी है।
पुरुल
पुरुल का भ्रमण आपको मणिपुर की समृद्ध और जीवंत परंपराओं की शानदार झलक देगा।यह सेनापति का एक सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में से एक है।यहां के प्राकृतिक खजानों में कुछ ऐसी जगहें भी मौजूद हैं जिनकी खूबसूरती आपको कुछ पल ठहरने के लिए जरूर विवश करेगी।बता दें कि यहां कुश्ती और टौटौ(Toutou) का भी खेल भी खेला जाता है। मई में कुश्ती और नए साल के दौरान टौटौ खेला जाता है।इस दौरान आप इन खेलों का मजा भी ले सकते है।
सेनापति में घूमने का सबसे अच्छा समय
वैसे तो आप साल के किसी भी समय यहां की यात्रा कर सकते हैं,लेकिन अगर आपको सेनापति की असली खूबसूरती देखनी हो तो आप यहां गर्मियों की शुरुआत यानी फरवरी से अप्रैल के बीच आ सकते है।जब यहां चारो तरफ फूल खिले होते है तब इसकी सुंदरता देखते बनती हैं।
सेनापति कैसे पहुंचे
फ्लाइट से
अगर आपको सेनापति हवाई मार्ग से पहुंचना है तो सबसे नजदीकी हवाई अड्डा तुलिहल हवाई अड्डा हैं जोकि मणिपुर के केंद्र में स्थित है। यह हवाई अड्डा मणिपुर का मुख्य हवाई अड्डा है। इम्फाल तुलिहल हवाई अड्डा भारत के कई मुख्य शहरों से जुड़ा हुआ है।
ट्रेन से
यदि आपने रेलवे मार्ग का चुनाव किया हैं सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन नागालैंड के दीमापुर शहर में है।इंफाल से 225 किलोमीटर दूर दीपक का एक छोटा सा शहर जिरिबाम एक और रेलवे स्टेशन है।
बस से
राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 2 सेनापति सड़क मार्ग से गुवाहाटी (असम) और दीमापुर (नागालैंड) से क्वॉर्ड है। इम्फाल से सेनापति के लिए दैनिक बस सेवा का उपयोग करके भी लोग इम्फाल से यात्रा कर सकते हैं, जो उसी एनएच 2 पर चलती है। इम्फाल लगभग 62 किलोमीटर दूर है।