जब हम सुकून और संस्कृति की बात करें त हमारे दिलो दिमाग मे कुछ ऐसी बाते आएंगी जो हमे सुकून प्रदान करती है लेकिन एक यात्री के लिए सकूँ, उसकी यात्रा है किसी भी यात्रा मे जब एक यात्री शहर के भीड़ भाड़ वाले इलाकों और उस संस्कृति से ऊब जाता है तो उसे सकूँ के लिए ऐसी जगह चले ही जाना चाहिए जिससे उसकी वो यात्रा एक नया स्वरूप दें, तो एक ऐसी ही जगह पर मुझे जाने का मौका लगा और उस जगह के बारे मे आप लोगो को शायद ही पता हो, मैं यहाँ ऐसी जगह की बात कर रहा हूँ जो शहर से 1 घंटा दूरी पर हरी भरी हरियलो पैड पोधों से भरी हुई है ये एक जंगल है जहां लोग रह रहे हैं खुद ही खेती करते और खाते हैं यहाँ चीता और हाथी जैसे जानवरो का खतरा बना रहता है ।
सियाल्दह कोलकाता से अलीपुरद्वार
रात के 11.20 बजे जब स्टेशन से ट्रेन पकड़ी, जो अगले दिन सिलीगुड़ी न्यू जलपाई गुड़ी होती हुई अलीपुर द्वार दिन के 1 बजे आकार पहुंची अलीपुर द्वार एक टाउन है अब यहाँ से एक गाँव राजा भात खाबा ,ये ही वही जगह थी जहां हम दो दिन तक रुके बहुत हि प्यारी जगह सुंदर अनुभव इस जगह के बारे मे जितना कहा जाये उतना ही कम था क्योंकि ये एक जंगल के बीचों – बीच थी ये अलीपुर द्वार से 1 घंटा दूरी पर थी यहाँ से एक केब मे हम इस गाँव मे पहुंचे जहां जाते समय यहाँ के पैडो से भरे इन रस्तों को देखकर बहुत ही सुंदर अनुभव हो रहा था कोलकाता के लिए ऐसा कहा भी जाता की बंगाल को हरियाली के लिए वरदान मिला हुआ है
तभी तो देखो कितनी हरियाली है ये दिन था 31 जनवरी का, यहाँ आप अपनी बाइक या कार से आ जा सकते है लेकिन इस सफर का मजा लूटना है बाइक ही अच्छी रहेगी।
जहां हम रुके थे वो एक तरह से बहुत ही शानदार लौज था वहाँ के रूम किसी 5 स्टार होटल से कम नहीं थे
खाना ऐसा फ्रेश की पेट भर जाये लेकिन मन नही भरे ।
यहाँ लोगो खेती करते यहीं पर्राहतेहीयन यहाँ के गाँव की खास बात है की अधिकतर लोगो के घर जमीन से ऊपर होते है और लकड़ी के होते हैं ताकि जंगली जानवर आसानी से नही पहुँच पाएँ।
ऐसा मुझे खुद को भी लग रहा था की इस गाँव को लेकर यहन एक फिल्म की शूटिंग हो सकती है
ये गाँव बोकसा टाइगर रिसर्व के अंडर आता है
बक्सा टाइगर रिजर्व के उत्तरी में ए और राष्ट्रीय उद्यान है, जो 760 कl 2 (290 वर्ग मील) के क्षेत्र को कवर करता है । ऊंचाई में, यह नों में 60 मीटर (200 फीट) से लेकर उत्तर में हिमालय की सीमा से लगे 1,750 मीटर (5,740 फीट) तक है । रिजर्व में कम से कम 284 पक्षी प्रजातियां निवास करती हैं। [1] मौजूद स्तनधारियों में एशियाई हाथी , गौर , सांभर हिरण , धूमिल तेंदुआ , भारती
आप जब भी कोलकाता जाये तो इस जगह को भी अपने प्लान मे शामिल करें। मैं तो कहता हूँ की त्रिपटो कम्यूनिटी को वहाँ का टीयूर पेकज बनवान चाहिए, जहां बहुत कम लोग इस जगह के बारे मे जानते हैं, हाँ हम पहुच कर, ऐसा कर सकते हैं ।