तुंगनाथ महादेव की हमारी यात्रा शुरू होती है केदारनाथ यात्रा के बाद केदारनाथ से शाम के 3:00 बजे सोनप्रयाग वापस आने के बाद सोनप्रयाग से शेयरिंग बोलेरो से गुप्तकाशी पहुंचे सोनप्रयाग में लोकल लोगों ने बताया कि यहां से तुंगनाथ के लिए कोई भी डायरेक्ट गाड़ी नहीं मिलेगी आपको सबसे पहले गुप्तकाशी जाना पड़ेगा करीब 1 घंटे के बाद हम गुप्तकाशी पहुंच चुके थे गुप्तकाशी पहुंचने के बाद पता चला कि गुप्तकाशी से कल सुबह मिलेगी तुंगनाथ के लिए डायरेक्ट sharing में कोई भी गाड़ी हम लोगों ने गुप्तकाशी में ही रुकने का पूरा प्लान कर लिया था कि अगले दिन सुबह सेरिंग में चोपता के लिए निकल जाएंगे लेकिन तभी थोड़ी देर में एक लोकल व्यक्ति आए और उन्होंने हमें बताएं कि आप यहां से ऊंची मठ के लिए निकल जाओ वहां से आप गाड़ी बुक करके आज शाम को ही चोपता तुंगनाथ के लिए जा सकते हो थोड़ी ही देर में हम उखीमठ पहुंच चुके थे वह की मार से एक हमने बुलेरो बुक की जो तकरीबन ₹45 में हमने बुक की थी बोलेरो वाले भैया ने हमें लगभग 9:00 बजे चोपता तुंगनाथ छोड़ दिया था
गाड़ी वाले भैया ने ही हमारे लिए होटल का भी अरेंजमेंट कर दिया था जहां से तुम नाथ महादेव की चढ़ाई शुरू होती है वही मेन गेट के सामने ही एक रेस्टोरेंट है वहीं पर हमने रूम ले लिया था अगले दिन सुबह हम तुम नाथ की चढ़ाई के लिए निकलेंगे अगले दिन सुबह 5:00 फ्रेश और तैयार होने के बाद हम निकल चुके थे तुंगनाथ की चढ़ाई के लिए तुंगनाथ में थोड़े ऊपर चढ़ते ही बहुत ही अद्भुत नजारे देखने को मिलते हैं यहां से जो नजारे दिखते हैं वह केदारनाथ यात्रा में भी नहीं नजर आते हैं
तकरीबन ढाई 3 घंटे की चढ़ाई चढ़ने के बाद हम पहुंच चुके थे तो नाथ महादेव मंदिर पहुंचते ही एक अलग ही अनुभव एवं शांति प्राप्त होती है मंदिर में पूजा पाठ करने के बाद थोड़ी देर मंदिर प्रांगण में ही बैठे
तंगनाथ टेंपल दुनिया का सबसे ऊंचाई पर स्थित भगवान शंकर का मंदिर है लगभग 1 घंटे वहीं बैठने के बाद हमें आगे चंद्रशिला पीक भी देखने जाना था यहां से चंद्रशिला पीक लगभग 1 घंटे के पैदल ट्रेक के बाद है