उत्तराखंड में गढ़वाल हिमालय रेंज की गोद में बसा एक ऐसा गाऊँ जो अपने आपको अभी तक बाहरी दुनिया की हलचलों से हट कर संजो कर रखने में कामयाब हुआ हैं वह हैं ओसला गाऊँ! यही कारण हैं की यह गाऊँ अभी तक अपनी खूबसूरती को बरकरार रखने में कामयाब हुआ हैं , अपने सुंन्दर देवदार और कोणधारी वनो से खुद को घेरे हुए और टिम्बर से बने कलाकृति वाले मकानों को देखते ही यहाँ की सम्पन्न कलात्मक संस्कृति के दर्शन होते हैं ,
खूबसुरत घास के मैदानों , बर्फ से ढकी चोटियों को देख कर ही मन मंत्रमुघ्ध हो जाता हैं ,
उत्तराखंड और हिमांचल की मिली जुली संस्कृति के रंगो के दर्शन यहाँ आप को होते हैं , कलात्मक और रंगात्मक जौनसारी संस्कृति को नजदीक से देखने का मौका भी आपको मिलता हैं .
यह उत्तराखंड और हिमांचल की मिलीजुली संस्कृति का अनूठा संगम हैं !
कैसे जाये , रहना और खाना , किराया !
यहाँ तक पहुंचने के लिए आपको सबसे पहले देहरादून पहुंचना पड़ेगा देहरादून रेल ,सड़क और हवाई मार्ग से जुड़ा हुआ हैं ,
देहरादून से आगे का सफर आपको सड़क मार्ग से ही तय करना पड़ता हैं,
देहरादून से सांकरी - देहरादून से सांकरी लगभग 190km किलोमीटर का सफर हैं , यहाँ आप अपनी सुविधा अनुसार होटल , होमस्टे , या फिर गेस्ट हाउस में रुक सकते हैं , जिसके लिए आपको 300/ रुपये से लेकर पांच हजार रूपये तक के कमरे प्रति दिन के हिसाब से मिल जाते हैं , भोजन के लिए भी आपको 70/ से 150/ रूपये में अच्छा खाना मिल जाता हैं, एक रात यही रुकने के बाद , यहाँ से आगे का सफर आप को करना हैं आपकी मंजिल ओसला के लिये ,
सांकरी से ओसला - सांकरी से ओसला आपको 4km. किमी. गाड़ी से और बाकि 5k. किमी ट्रैकिंग कर के पहुंचना पड़ता है!
यही सांकरी से ट्रैकिंग वाले रूट पर आपको गोविन्द बल्लभ पंत नेशनल पार्क भी देखने को मिलेगा , जो अपने संगरक्षित विविधताओं और प्रशिद्ध केदारकांठा ट्रेक के लिए जाना जाता हैं
ओसला- यह अभी पूरी तरहं सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ नहीं हैं ,
सांकरी से आधा सफर गाड़ी द्वारा और आधा सफर ट्रैकिंग कर के आप ओसला गांव पहुंचते हैं, यही आप होम स्टे , गेस्ट हाउस में अपनी सुविधा के अनुसार रुक सकते हैं , और निहार सकते हैं ओसला की असीमित खूबशूरती को ,
क्या करे - ओसला में आप अपने हिसाब से एक दिन रुकने के बाद इससे आगे प्रशिद्ध हर की दुन ट्रेक के लिए निकल सकते हैं, जो की पांच दिनों का हैं ,
कब जाये - यहाँ का सबसे सही समय अप्रैल से जून, और अक्टूबर से नवंबर तक का हैं बाकि के महीनो में मानसून में भारी बारिश , शर्दियो में बर्फ़बारी होती हैं !