फरवरी महीने में World Wetlands Day मनाया जाता है जो दुनिया भर में वेटलैंड्स की खराब हालातों को देखते हुए 2 फरवरी 1971 को ईरान में वेटलैंड कन्वेंशन को अपनाया गया था.
2 फरवरी को दुनिया भर में वर्ल्ड वेटलैंड्स डे मनाया जाता है।
यह वेटलैंड्स डे दुनिया में जितने भी वेटलैंड है उन सब को बचाने के लिए और उनकी महत्ता लोगों को बताने के लिए मनाया जाता हैं.।
वर्ल्ड वेटलैंड्स डे की शुरुआत :
2 फरवरी 1971 को रामसर, ईरान में वेटलैंड कन्वेंशन की शुरुआत की गई थी। इस दिन को वेटलैंड्स को बचाने के लिए शुरू किया गया था।
क्या होते है वेटलैंड्स?
वेटलैंड का मतलब ऐसी जगह होता है,जहां साल भर पूरी तरह या फिर आंशिक तौर पर पानी भरा रहता हैं।
यह इंसान के जीवन के लिए बहुत जरुरी जगह होती है। सिर्फ इंसान ही नहीं जानवर भी अपने रोज़ के कामों के लिए
इस से लाभ लेते है। ऐसे भूभाग में जलीय पौधों का बाहुल्य रहता है।
भारत के वेटलैंड्स:
भारत के 75 वेटलैंड्स है जिस में से निमनलिख्त परमुख है:
1.चिल्का झील उड़ीसा
2.वूलर झील जम्मू कश्मीर
3.हरीके पंजाब
4.सांभर झील राजस्थान
5.कंजली झील पंजाब
6.रोपड़ पंजाब आदि।
उत्तर भारत का सबसे बड़ा वेटलैंड:
उत्तर भारत का सबसे बड़ा वेटलैंड है हरीके जिस को हरीके पट्टन भी कहा जाता है।
इसके गहरे हिस्से में हरिके झील कहा जाता है।
पंजाब राज्य के तरनतारन साहिब जिले और फिरोजपुर जिले की सीमा पर है यह वेटलैंड है।
हरिके वेटलैंड्स का इतिहास:
हरिके पट्टन सतलुज और बियास नदियों का संगम है। इस झील का निर्माण 1953 में हुआ था । इसका निर्माण सतलुज हेडक्वाटर्स के समय हुआ था। यह हेडवर्क्स हरिके गांव में ब्यास और सतलुज नदियों के संगम के नीचे की ओर स्थित है।
जल पंछियों का निवास, जैव विविधता से भरपूर इस वेटलैंड्स को 1990 में मान्यता मिली थी।
हरिके वेटलैंड्स का क्षेत्रफल:
मानव निर्मित यह वेटलैंड्स पंजाब के तीन जिलों तरनतारन साहिब , फिरोजपुर और कपूरथला में फैला हुआ है।
इस वेटलैंड्स का कुल क्षेत्रफल 4100 हेक्टेयर है।
क्यों है हरिके वेटलैंड्स खास?
हरि के वेलैंड्स का नाम भारत के प्रमुख वेटलैंड्स में आता है। जिसके निम्नलिखत कारण है:
1. 4100 हेक्टेयर जैसे बड़े क्षेत्र में फैला हुआ है।
2.पंजाब के तीन जिलों तरनतारन साहिब , फिरोजपुर और कपूरथला में फैला हुआ है।
3.सर्दियों के मौसम में पक्षियों की 200 प्रजातियाँ यहां आती हैं।
4.कुछ प्रसिद्ध प्रजाति जैसे कॉटन पिग्मी गूज़ , गुच्छेदार बत्तख , पीले-मुकुट वाले कठफोड़वा , पीली-आंखों वाला कबूतर आदि भी आते है।
5. Bio diversity मतलब जैव विविधता का भरपूर श्रोत है।
6. कुछ संकटकालीन प्रजाति भी जहां पाई जाती है।
7. कुछ समय पूर्व जहां पर सुखबीर सिंह बादल द्वारा पानी में चलने वाली बस भी चलाई गई थी।
8. कोई टिकट फीस नहीं है, बस सिर्फ पास लेना पढ़ता है, जंगल में जाने के लिए।
परवासी पंछियों का नाम आया था क्या आप को पता है परवासी पंछी के बारे में?
चलिए जानते है परवसी पंछियों के बारे में
जो पक्षी खाना और कठिन मौसम से बचने के लिए अपना देश छोड़कर दूसरे देश में हजारो किमी की उड़ान भर करके आते हैं उनको प्रवासी पक्षी कहते हैं। मौसम ठीक होते ही अपने देश वापिस लौट जाते है यह migratory birds अर्थात परवासी पंछी।
वैसे तो सभी पक्षी खाना ढूढ़ने या आशियांना के लिए उड़ान भरके घूमते रहते है। लेकिन परवासी पंछी थोड़े खास होते है, ऐसे पक्षी हर साल एक ही जगह पर हजारों किलोमीटर तह करके आते है। जैसे साइबेरियन क्रेन, ग्रेटर फ्लेमिंगो और डेमॉस्सेल क्रे आदि।
भारत उप महाद्वीप प्रवासी पंछियों की पसंद की जगह है।
भारत साइबेरियाई पक्षियों के लिए सर्दियों का घर है।
ये सुंदर प्रवासी पक्षी हर साल सर्दियों के मौसम में भोजन, प्रजनन और घोंसले के शिकार के लिए भारत आते हैं। सर्दियों के मौसम में वेटलैंड्स, बैक वाटर्स आदि इन पंछियों की पसंदिया जगह होती है।
कौन कौन से पंछियों का रहन बेसेरा है हरिके:
1. Pied kingfisher (किलकिला)
2.Purple heron (किरमची नड़ी)
3. Large egret ( बड़ा बगला)
4. Darter or snake bird (बॉबी)
5. Large cormorant ( बड़ा जलका)
6. Cattle egret(बादामी बगला)
कौन सा महीना उत्म है हरिके जाने के लिए:
वैसे तो आप कभी भी जा सकते हो मगर अगर आप को परवासी पंछी देखने हो तब फरवरी महीना सही रहता है।
रास्ते में आप को सरसों के पीले फूलों से लदे खेत मिल जाएंगे। वीर जारा मूवी के गीत 'ऐसा देश है मेरा' की वीडियो जैसे लुभावने दृश्य मिल जाएंगे। एक अच्छा पिकनिक डे बन सकता है।
कैसे पहुंचे:
अमृतसर से हरिके की दूरी 60 किलोमीटर है।
अमृतसर देश के विभिन्न शहरों से रेल , सड़की और हवाई मार्ग से जुड़ा हुआ है।
बठिंडा से हरिके की दूरी 131 किलोमीटर है।
चंडीगढ़ से हरिके की दूरी 215 किलोमीटर है।
आप भी पिकनिक मनाने और कुदरत को नहारने आए कभी हरिके वेटलैंड्स और झील।
धन्यवाद।