दिल्ली शहर की बात ही कुछ और है । ये शहर भले ही आज
21 वी सदी के साथ तेजी से दौड़ रहा है ।लेकिन इसने अभी भी अपनी जड़े नही छोड़ी है। ये शहर सदियों से संस्कृतियों की संगम स्थली रहा है । अब तो इस शहर का काफी विस्तार भी हो चुका है ।लेकिन अभी भी ये शहर अपने पुराने इलाको में ही बस्ता है । दिल्ली शहर का दिल है । पुरानी दिल्ली ।
जी हा ... पुरानी दिल्ली
कभी पुरानी दिल्ली की इन्ही गलियों में महफिल जमती थी।
वैसे अगर देखा जाए तो अब पुरानी दिल्ली भी सिकुड़ रहा है । गलियां अब पहले की तरह आबाद नहीं रही ।पुराने मकान अब नए हो चले है । या बहुत जर्जर हालत में है । कही कही तो कोई उनकी सुध लेने वाला नही है ।
चलिए आज फिर आपको सैर कराई जाए पुरानी दिल्ली की
वैसे तो अब पुरानी हवेलियां या पुराने घर कम ही बचे है ।
अगर है भी तो वो अब रहने लायक नही है ।
लेकिन पुरानी दिल्ली की हवेली धरमपुरा को एक नया जीवन दान मिला है । कहना कोई अतिशयोक्ति नहीं होगा की आज के दौर में ये चांदनी चौक पुरानी दिल्ली की सबसे बेहतरीन और प्रशंसनीय जगह है।
पहले आप कुछ तस्वीरे देखें तब आगे बढ़ते है ।
ये हवेली अब एक बुटीक होटल की तरह है । आप एक अच्छी खासी रकम चुका कर इस हवेली की मेहमान नवाजी का भी लुफ्त उठा सकते है ।ये हवेली लगभग 150 साल पुरानी है। ये लगभग 1886 –87 में बनी थी ।
पुरानी दिल्ली की पतली गलियों में आप सोच भी नही सकते की इतनी शानदार हवेली भी यहां हो सकती हैं। इसे कुछ सालो पहले बीजेपी के एक नेता विजय गोयल ने खरीदा तब ये बिलकुल जर्जर हालत में थी विजय गोयल ने काफी मेहनत से इसे दोबारा सजाया और संवारा इसके मेहराब, छज्जे, कमरों को बड़े की करीने से सजाया गया है ।
इसकी पहचान के साथ ज्यादा छेड़ छाड़ नही की गई हैं
हवेली का मूल स्वरूप वैसा का वैसा ही है ।
आप इसे देखकर इसकी तारीफ किए बिना रह नहीं पाएंगे।
जनाब इसकी तारीफ तो यूनेस्को भी कर चुका है । तथा इसे अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है ।अब ये एक बुटीक 5 स्टार होटल के समकक्ष हवेली है। अगर आपको भी पुरानी इमारतें पसंद है ।तो आप यहां आ सकते है । तथा रुक सकते है। हवेली में कमरों की बुकिंग आनलाइन माध्यम से की जा सकती है। इसमें आपके आराम का पूरा खयाल रखा गया है । आप यहां रुकने के अनुभव को भूल नही पाएंगे।
छोटी छोटी चीजों का बड़े ही ढंग से खयाल रखा गया है।
यहा रुकना किसी महल में रुकने जैसा है । आपको इसकी छत से जामा मस्जिद तथा और भी पुरानी दिल्ली की इमारतों के दर्शन हो जायेंगे। काफी फिल्मों की शूटिंग भी यहां हो चुकी है ।
यहां पर रेस्टुरेंट भी है। जिसका नाम "लाखौरी "है ।
यहां पर आपको पुरानी दिल्ली की सभी प्रसिद्ध मिठाईयां, स्नैक्स तथा खाद्य पदार्थ मिल जायेंगे । लाखौरी रेस्टोरेंट का स्वाद कभी नही भूल पाएंगे । जब आप यहां होंगे आपको लगेगा की आप 18 वी या 19 वी सदी में वापस आ गए है ।
यहां पर समय समय पर लाइव म्यूजिक भी होता है । जहां पुरानी दिल्ली के फनकार अपनी कला का जादू बिखेरते है।
और अपने मेहमानों के लिए यहां क्लासिकल नृत्य का भी आयोजन होता है।
जब से पुरानी हवेली दोबारा अपने वजूद में आई है । तब से एक बहस सी छिड़ गई है की अगर चीजे पुरानी हो जाए तो उनको तोड़ा या छोड़ा नही जाता । आप पुरानी चीजों से थोड़ी मोहब्बत तो कीजिए जनाब फिर देखिए। आज इस हवेली में रुकने तथा खाना खाने के लिए देश दुनिया के कोने कोने से लोग आते है। आज के समय में ये हवेली पुरानी दिल्ली की सबसे बेहतरीन हवेली है ।
अगर आपका आना हो पुरानी दिल्ली की तरफ तो इस हवेली को देखना न भूलें।