असम हिमालय की गोद में बसा एक खूबसूरत कस्बा।
टूटिंग जैसा नाम वैसे ही यहाँ जाने का रास्ता पूरा टुटा पूटा। रास्ता भले ही टुटा पूटा हो लेकिन यहाँ के लोगों के दिल में बहुत जगह है।
शांति की चादर ओढे है ये जगह चारों ओर एक सुकून फैला हुआ। सियाँग नदी यानी ब्रह्मपुत्र यहाँ की खूबसूरती को कई गुना बढ़ा देती है। सियाँग की भयानक आवाज़ यहाँ की शांति में थोड़ा विघ्न जरूर डालती हैं लेकिन कुछ समय बाद ऐसा प्रतीत होता है जैसे सियाँग की आवाज यहाँ के वातावरण में एक अलग शांति बिखेर रही है।
सियाँग नदी के ऊपर बना झूलता हुआ सस्पेंनशन पुल इस जगह की खूबसूरती पर चार चाँद लगाता है। अरुणाचल एक ऐसी जगह है जहाँ आप किसी भी ओर निकल जाइये एक न एक चाइना का बॉर्डर आपको मिल ही जायेगा। वैसे ही टूटिंग से 22 km आगे गेलिंग गाँव है जो की उस तरफ से भारत का आखिरी गाँव है और भारत चाइना का बॉर्डर भी यहाँ से पास ही है।
गेलिंग के पास से ही ब्रह्मपुत्र नदी तिब्बत से भारत में प्रवेश करती है। गेलिंग गाँव में एक मोनेस्ट्री भी है। यहाँ से पास में ही नोरबूलिंग गाँव है जहाँ पर देखने के लिए एक मोनेस्ट्री और एक झील भी है।
टुटिंग में आपको अधिकतर लोग बौद्ध धर्म को मानने वाले मिल जाएंगे। टुटिंग में एक बहुत ही सुन्दर मोनेस्ट्री है जहाँ पर एक म्यूजिम और स्कूल भी है।
टुटिंग में भारतीय वायुसेना की एक ALG यानी advance landing ground यानी अग्रिम हवाई पट्टी भी है जो यहाँ की शोभा बढ़ाती है। टुटिंग में आप सियाँग नदी के किनारे टहल सकते हैं और सियाँग के विकारल रूप को निहार सकते हैं। लोकल लोग इस जगह को सियाँग बीच बोलते हैं और यहाँ पर बहुत पार्टी करते हैं।
टुटिंग में रुकने के लिए गिने चुने 2 होटल हैं। यहाँ एक सर्किट हॉउस भी है लेकिन यहाँ पर रुकने के लिए सबसे बढ़िया है अम्मा होमस्टे। यहाँ आने का रास्ता बेहद ख़राब है। यहाँ आने का सबसे बढ़िया समय है नवंबर से मार्च।
यहाँ पहुंचने के लिए आपको सबसे पहले पासीघाट पहुँचना होगा। पासीघाट से पहले दिन पब्लिक ट्रांसपोर्ट पकड़ कर yiongkiong अगले दिन yiongkiong से टुटिंग।