गुजरात से मेरे स्टूडेंट्स मेरे पास पंजाब घूमने आए थे | वह चार स्टूडेंट्स थे | मेरे घर पहुंचे और फिर मैंने अपनी गाड़ी से उनको पंजाब और हिमाचल प्रदेश घुमाया| पहले दिन हम घर से आनंदपुर साहिब पहुँच गए थे| हमने तख्त श्री केश गढ़ साहिब में माथा टेका | गुरु घर का लंगर छका और विरासत ए खालसा मयूजियिम भी देखा| पहली रात हमने माता जीत कौर निवास में गुजारी | हम काफी थक चुके थे मैंने सुबह पांच बजे का अलार्म लगा दिया| स्टूडेंट्स को मैंने बोल दिया था | हम सुबह पांच बजे उठेंगे | मैं गीजर आन कर दूंगा | फिर एक घंटे में हम सब नहा धोकर ठीक छह बजे सुबह अपनी अगली मंजिल की ओर रवाना हो जाऐंगे| हम सुबह नहा धोकर तैयार हो कर सुबह छह बजे आनंदपुर साहिब से माता नैना देवी के लिए निकल पड़े| आनंदपुर साहिब पंजाब का एक ईतिहासिक शहर है और माता नैना देवी हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में एक ऊंची पहाड़ी पर स्थित है| गुजरात के स्टूडेंट्स पहली बार पंजाब आए थे और हिमाचल प्रदेश घूमने के लिए काफी उतसाहित हो रहे थे| सुबह सुबह काफी ठंड थी | मैं गाड़ी चला रहा था | थोड़ी देर बाद एक बैरीयर आया जहाँ हमने हिमाचल प्रदेश में एंट्री फीस का शुल्क अदा किया| जैसे ही सड़क पर बोर्ड लिखा आया कि हिमाचल प्रदेश में आपका स्वागत है तो स्टूडेंट्स खुशी से झूमने लगें| अब पहाड़ भी दिखाई दे रहे थे| सुबह सुबह सड़क बिलकुल खाली थी | अब गाड़ी पहाड़ी सड़क पर चल रही थी| थोड़ी थोड़ी देर बाद तीखे मोड़ आ रहे थे| आसपास के नजारे खूबसूरत हो रहे थे| स्टूडेंट्स में जोश बढ़ रहा था वह गुजराती में कुछ कह रहे थे एक दूसरे को| ऐसे ही चलते चलते मैं गाड़ी को माता नैना देवी मंदिर के पास बनी हुई पार्किंग पर ले आया | अगर आप गाड़ी ऊपर नहीं लेकर जाना चाहते तो आप रोपवे से भी आ सकते हो| रोपवे भी इस कार पार्किंग के पास ही खत्म होता है| लगभग सात बजे सुबह हम माता नैना देवी पहुँच गए थे| माता नैना देवी मंदिर पहाड़ी के बिलकुल ऊपर बना हुआ है| मंदिर के नीचे बाजार बना हुआ है| आप सीढ़ियों को चढ़ते चढ़ते इस बाजार में माता का प्रसाद आदि ले सकते हो| हम जब यहाँ पहुंचे थे तओ काफी दुकानें बंद थी | कुछ कुछ दुकानें खुल रही थी| जल्दी ही हम माता नैना देवी मंदिर भवन पर पहुँच गए| सुबह का समय था भीड़ बिलकुल नही थीं| हमारे बहुत बढ़िया दर्शन हुए| मैं पहले भी कई बार माता नैना देवी मंदिर में दर्शन कर चुका हूँ| हर बार मंदिर में भीड़ मिलती थी | दर्शन करने के लिए दो तीन घंटे लगते थे लेकिन इस बार किस्मत अच्छी थी जो बीस मिनट में दर्शन हो गए| माता नैना देवी मंदिर बहुत भव्य है | मंदिर का चौगिरदा बहुत आलौकिक है | माता नैना देवी मंदिर से पहाड़ों के बहुत खूबसूरत दृश्य दिखाई देते हैं| यहाँ से गोबिंद सागर झील का भी अद्भुत दृश्य दिखाई देता है| अब सूर्य भी चढ़ रहा था | चढ़ते हुए सूर्य में धूप की किरणें जब पहाड़ पर पड़ रही थी तो बहुत शानदार नजारा दिखाई दे रहा था| कुछ समय हम पहाड़ों के इन नजारों को निहारते रहे|
नैना देवी मंदिर
नैना देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में एक ऊंची पहाड़ी पर बना हुआ है जिसकी ऊंचाई 900 मीटर है | इस क्षेत्र की नैना देवी पहाड़ी सबसे ऊंची जगह है| माता नैना देवी मंदिर का नाम 51 शक्तिपीठों में आता है| ऐसा कहा जाता है जब भगवान शिव माता सती के शरीर को लेकर पूरे ब्राहमंड में तांडव कर रहे थे तो विश्व में उथल पथल हो रही थी| उस समय भगवान विष्णु ने अपने तीर से माता सती के 51 हिस्से कर दिए| यह 51 हिस्से जहाँ जहाँ गिरे वह जगहें शक्ति पीठ बन गई| माता नैना देवी में माता सती के नेत्र गिरे थे| इसलिए इस जगह को माता नैना देवी कहा जाता है| इस मंदिर का निर्माण आठवीं शताब्दी में राजा बीर चंद ने करवाया था| पहले इस मंदिर तक पैदल ही चलना पड़ता था| अब मंदिर के पास तक आप गाड़ी से जा सकते हो लेकिन थोड़ा पैदल फिर भी आपको चलना पड़ेगा| अब तो आप रोपवे में बैठ कर कुदरती नजारों का आनंद लेते हुए भी यहाँ आ सकते हो |
दर्शन करने के बाद हम सीढ़ियों से उतरते हुए माता नैना देवी मंदिर न्यास के लंगर घर में पहुँच गए| सात बजे का समय था | सुबह सुबह चाय और बिसकुट का भंडारा चल रहा था| हमने भी लंगर में बैठ कर गरमा गरम चाय के साथ बिसकुट का आनंद लिया| फिर हम नैना देवी के बाजार की सीढ़ियों को उतरते हुए वापस कार पार्किंग के पास पहुंच गए| यहाँ एक छोटे से ढाबे में हमने आलू के परांठे के साथ ब्रेकफास्ट किया| फिर मैंने गाड़ी नैना देवी से भाखड़ा डैम वाले रोड़ की तरफ दौड़ा ली | जल्दी ही हम गोबिंद सागर डैम, भांखडा बांध को बाहर से देखते हुए नंगल की ओर बढ़ गए | आप आनंदपुर साहिब के साथ माता नैना देवी, गोबिंद सागर झील, भांखडा बांध और नंगल का टूर एक साथ बना सकते हो| दो तीन दिन में आप इन सभी जगहों को देख लेंगे|
कैसे पहुंचे- नैना देवी बिलासपुर जिले में एक तहसील है जो हिमाचल प्रदेश में है| नैना देवी बिलासपुर शहर से 70 किमी, आनंदपुर साहिब से 22 किमी, नंगल से 35 किमी दूर है| आप यहाँ बस से या अपनी गाड़ी से पहुँच सकते हो| नैना देवी के लिए निकटतम रेलवे स्टेशन आनंदपुर साहिब और नंगल डैम है| निकटतम एयरपोर्ट चंडीगढ़ है | रहने के लिए आपको नैना देवी में मंदिर न्यास की धर्मशाला के साथ होटल आदि की सुविधा भी मिल जाऐगी|