पुरानी दिल्ली की गलियों के बारे में तो आप सबने खूब पढ़ा और सुना ही होगा । दिल्ली शहर का दिल है यह गलियां ।
दिल्ली शहर अपने आप में ही खास है । यहां पहाड़गंज में कोई पहाड़ नही। , दरियागंज में कोई दरिया नही।, नई दिल्ली में पुराना किला है । और भी न जाने क्या क्या ।
पुरानी दिल्ली के तो कई किस्से और कहानियां आपने जरूर सुने होंगे। लेकिन अब समय थोड़ा बदल रहा है । आज के यंगस्टर ( युवा वर्ग ) के लोग अब पुरानी दिल्ली की भीड़ भरी गलियों में कम ही जाना पसंद करते है।
इन्ही युवा वर्ग के लोगो के लिए अब नई दिल्ली में भी कुछ नई गलियां बसाई जा रही है ।
उन्ही में एक गली है ।– चंपा गली ।
ये गली एक अलग तरीके की ही जगह है । इस गली में आने पर आपको लगेगा की आप शायद गोवा की मशहूर टीटो लेन
में आ गए हो । या आप पांडिचेरी की किसी मशहूर फ्रेंच गली में हो । यहां आने का अनुभव कुछ अलग ही है ।
इस गली को बड़े प्यार से सजाया और संवारा गया है ।
खास कर मेरे युवावर्ग के साथियों के हिसाब से ।
चंपा गली में एक से बढ़कर एक बेहतरीन रेस्ट्रो, कैफे है ।
इन कैफे और रेस्ट्रो को बड़े अनूठे तरीके से सजाया गया है।
यहां का खाना भी बहुत अच्छा है । यहां के कैफे और रेस्ट्रो
अलग अलग थीम के हिसाब से अपना मेनु रखते है ।
अगर आप फोटो ग्राफी का शौक रखते हैं। तो ये जगह आपको निश्चित ही पसंद आएगी । यहां की आर्ट, ग्राफिटी,
और सुंदरता आपका दिल जीत लेगी । शाम के समय तो चंपा गली और भी गुलजार हो जाती है । यहां के कैफेस में लाइव म्यूजिक का भी आनंद लिया जा सकता है । दिल्ली के आधुनिक तथा भद्र समाज के नौजवान वर्ग के युवक युवतियों का तो ये नया आशियाना है । अच्छा खाना , लाइव म्यूजिक , बेहतरीन सजावट , आज के युवा वर्ग के लोगो को और क्या चहिए।
जब ये गली बन रही थी । तब एक कैफे ने काफी सारे चंपा के पौधे अपने यहां रखे हुए थे । ताकि वो कैफे इन फूलों की वजह से और भी सुंदर दिखे । इन फूलों की वजह से इस पूरी गली में चंपा के फूलों की महक भी रहने लगी। बस इन चंपा के फूलों की वजह से इस गली का नाम चंपा गली पड़ गया ।
तो अगर आप भी दिल्ली की वही पुरानी जगह देख देख कर ऊब चुके है तो आप गली का रुख कर सकते है।
पता – चंपा गली साकेत नई दिल्ली ।
मेट्रो – नजदीकी मेट्रो स्टेशन साकेत पीली लाइन ।