हरिद्वार और ऋषिकेश में एक-एक दिन घूमने के बाद हमारी यात्रा शुरू होती है चार धाम की जिसमें हम लोग यमुनोत्री गंगोत्री केदारनाथ बदरीनाथ और उनके आसपास के काफी स्थानों पर जाने वाले थे
2022 में चार धाम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बहुत अधिक थी फिर भी हम अगस्त के महीने में गए थे जिस समय हरिद्वार से यमुनोत्री की हमें डायरेक्ट बस उपलब्ध नहीं थी बस स्टैंड पर इंक्वायरी में जाकर पूछा तो पता चला कि हमें यहां से पहले देहरादून बस स्टॉप जाना पड़ेगा तो हमने हरिद्वार से देहरादून के लिए बस ले ली सुबह सुबह 6:00 और लगभग 9:30 बजे हम लोग देहरादून पहुंच चुके थे
देहरादून बस स्टॉप पहुंचने के बाद हमने देहरादून से यमुनोत्री की बस के बारे में पता किया जिसमें पता चला कि यहां से भी यमुनोत्री की डायरेक्टर कोई भी बात नहीं है यमुनोत्री जाने के लिए हमें पहले नव गांव जा बरकोट की बस लेना पड़ेगा काफी देर इंतजार करने के बाद हमें बरकोट के लिए बस मिल गई देहरादून से बड़कोट के रास्ते पर जाते हुए बाहर शुरू हो जाते हैं और काफी सुंदर नजारा देखने को मिलता है और बारकोड जाने का रास्ता काफी साकरा और छोटा है और नजारे बहुत ही खूबसूरत
देहरादून से हमारी बस विकास नगर होते हुए नौगांव होते हुए बारकोड पहुंची थी देहरादून से बारकोड की दूरी लगभग 136 किलोमीटर की है बरकोट पहुंचते-पहुंचते लगभग हमें शाम के 5:00 बज चुके थे वह बरकोट पहुंचते ही बस वाले भैया में हमें यमुनोत्री जाने वाली बस में बिठा दिया था जो लगभग आधे घंटे बाद बस निकलने वाली थी यमुनोत्री के लिए
बारकोड से यमुनोत्री की दूरी लगभग 50 किलोमीटर की है हमारी बात काफी खतरनाक रास्तों से होते हुए गुजर रही थी इसलिए हमें यमुनोत्री पहुंचने में लगभग 2 घंटे लगे यमुनोत्री पहुंचने वाले रास्ते में श्यान चट्टी हनुमान चट्टी आधी स्थान मिलते हैं
अगस्त का महीना था इसीलिए जगह जगह बारिश के कारण लैंडस्लाइड हुआ था और बारिश भी शुरू हो गई थी बीच रास्ते में पहुंचते-पहुंचते यमुनोत्री वाली बस में है हमें एक होटल वाले भैया मिल गए थे उन्होंने हमें बोला कि मेरे पास रूम उपलब्ध है आप चाहे तो देख सकते हैं अगर आपको पसंद आए तो आप रुक जाना हम बस से उतरते ही उनके साथ उनके होटल चले गए 1000 रुपए में हमने उन्हीं के वहां रूम बुक कर लिया और खाना ढाई 100₹ थाली के हिसाब से बात की रूम बढ़िया था और सुविधा भी बढ़िया थी लेकिन गरम पानी की कोई सुविधा नहीं थी
रात का खाना खाकर हम लोग सो गए सुबह जल्दी उठकर पैदल यात्रा शुरू करनी थी यमुनोत्री धाम के लिए सुबह हम लगभग 4:30 बजे उठ गए ठंड काफी जबरदस्त थी बिस्तर से निकलने की इच्छा नहीं हो रही थी लेकिन फिर भी उठना पड़ा जल्दी से अपना सामान पैक किया रेनकोट रखा बगैर नहाए ही हम पैदल यात्रा शुरू कर दी क्योंकि हमें रूम वाले भैया ने बताया था कि यमुनोत्री में गर्म कुंड का पानी है आप वहां आराम से नहा सकते हैं हमने बैग में अपने कपड़े रखे और रेनकोट पहनकर हम निकल गए यमुनोत्री की पैदल यात्रा के लिए
यात्रा शुरू करते ही तेज बारिश शुरू हो गई हमने रेनकोट पहले से ही रखे हुए थे रेन कोट पहने और निकल गए यमुनोत्री धाम की ओर रास्ते में काफी खूबसूरत नजारे देखने को मिलते हैं पहाड़ों के ऊपर मंडराते हुए बादल और जगह-जगह पर लैंडस्लाइड हुआ वाला रास्ते में काफी बारिश हो रही थी हम लगभग ढाई घंटे की पैदल यात्रा करते करते हम पहुंच गए यमुनोत्री धाम यमुनोत्री धाम में पहुंचते ही हमने सबसे पहले गर्म कुंड की तलाश की गर्म कुंड थोड़ी दूर से ही दिख जाता है मंदिर के पहले ही गर्म कुंड है वहां जाकर हमने गर्म कुंड में इत्मीनान से नहाया क्योंकि ठंड बहुत ज्यादा थी और हम लगभग आधे गीले भी हो चुके थे
गर्म पानी में लगभग आधे घंटे नहाने के बाद हम कपड़े बदलकर मां यमुना के दर्शन के लिए गए गर्म कुंड से लगभग 10- 20 कदम की दूरी पर ही मां यमुना का पवित्र मंदिर है मां यमुना के दर्शन करने के बाद और कुछ वहां की यादें कैमरे में कैद करके और यमुना जी का जल लेकर हम निकल चुके थे वापसी नीचे की ओर जहां पर हम 3:00 बजे हम वापस नीचे उतर चुके थे
यमुनोत्री में नीचे उतरने के बाद हम ने हमारे बैग पैक किए और बस के बारे में पता किया तो बस थोड़ी ही देर में बारकोड के लिए निकलने वाली थी हम उसी बस में बारकोड के लिए निकल गए लगभग दो ढाई घंटे के बाद हम शाम को बरकोट पहुंच गए उस दिन शाम को हम बड़कोट में ही रुके अगले दिन हमें गंगोत्री धाम के लिए निकलना था उस दिन हमने बड़कोट में ही रूम लेकर आराम किया