ब्रह्मपुत्र
जहाँ में खड़ा हूँ ये वो जगह है जहाँ से ब्रह्मपुत्र नदी भारत में प्रवेश करती है। मेरे पीछे आपको जो नदी दिखाई दे रही है वो सियाँग नदी यानी की ब्रह्मपुत्र ही है।
जिस जगह पर मैं खड़ा हूँ वो अरुणाचल तिब्बत यानी की चाइना बॉर्डर पर लास्ट गाँव गेलिंग है। मेरे पीछे जो गाँव दिख रहा है वो है नोरबूलिंग। यहाँ सब जगज के पीछे ing लगता है क्यों लगता है मुझे नहीं पता।
ब्रह्मपुत्र नदी तिब्बत के पुरंग जिले में स्थित मानसरोवर झील के निकट से निकलती है। जहाँ इसे यरलुङ त्सङ्पो कहा जाता है अगर आप गूगल मैप में देखेंगे तो वहाँ पर इसको yarlung zamgbo दिखाया गया है।
वैसे तिब्बत में इसको त्संगपो नाम से जाना जाता है। नामचा बरवा पर्वत जो की तिब्बत में है जिसकी ऊँचाई 7782 मीटर है असम हिमालय की सबसे बड़ी चोटी है।उसका बहुत बड़ा योगदान है इस नदी को भारत में लाने का। नामचा बरवा की जड़ से टकराकर ये नदी U turn लेती है और भारत के अरुणाचल में प्रवेश करती है।
आप गूगल मैप में ये U TURN देख सकते हैं।अगर नामचा बरवा न होता तो शायद ये तिब्बत में ही बहती। जैसे ही ये अरुणाचल में आ जाती है इसका नाम बदल जाता है और ये हो जाती है सियाँग नदी। सियाँग को ही ब्रह्मपुत्र की मुख्य धारा बोला जाता है। ब्रह्मपुत्र बहुत सारी नदियों और नालों से मिल कर बनी है। जिनमें से प्रमुख है लोहित नदी, दिबांग नदी, सुबानसीरी, धनसीरी, कामेंग और मानस। लोहित बहुत बड़ी नदी है जो की चीन से निकलती है और भारत के पहले गाँव काहो जो की अरुणाचल प्रदेश के अंजाव जिले में हैं उसके पास से भारत में प्रवेश करती है।
उसके बाद वालोंग, हवाई और तेजू होते हुऐ पासीघाट के आगे सियाँग से मिलती है। दिबांग नदी भी पासीघाट के पास ही सियाँग से मिलती है। दिबांग निकलती है अरुणाचल और चीन के एक और बॉर्डर अननी के ऊपर गल्शियर से यहाँ पर सेवन लेक का एक सुन्दर ट्रेक भी है। अब आते है सुबानसीरी नदी पर ये नदी भी अरुणाचल के अपर हिमालय गल्शियर से निकल कर गोगामुख के पास ब्रह्मपुत्र से मिलती है। ब्रह्मपुत्र जब तक अरुणाचल में बहती है तब तक सियांग कहलाती है जैसे ही असम में आती है इसका नाम बदलकर ब्रह्मपुत्र हो जाता है। कामेंग नदी जो की अरुणाचल के वेस्ट कामेंग जिले के मीराथांग गल्शियर से निकलती है तेज़पुर में आ कर ब्रह्मपुत्र से मिलती है। इस नदी को जिया भरोली भी बोला जाता है।
भूटान से आने वाली धनसरी नदी ब्रह्मपुत्र में उदालगुरी के पास मिलती है जबकी भूटान से ही आने वाली मानस नदी इसमें मानस नेशनल पार्क के पास मिलती है। इसके बाद ये नदी बांग्लादेश में जाती है जहाँ इसको मेघना नदी बोला जाता है। गंगा नदी से मिलने से पहले ये नदी सुंदरवन नाम का डेल्टा बनाती है। इस से बना असम का माजुकी दीप भी दुनियाँ का नदी द्वारा बना सबसे बड़ा आइलैंड है। एक बात और बताता हूँ। अंग्रेज जब भारत में थे तब उन्होंने ब्रह्मपुत्र पर बहुत रिसर्च किये। उनको शक था की हो न हो कैलाश मानसरोवर से निकलने वाली नदी ब्रह्मपुत्र ही है। इसके लिए उन्होंने एक सर्वे किया। उन्होंने कैलाश मानसरोवर के पास इस नदी में कुछ लकड़ी के लॉग्स डाल दिए और उनका इंतजार असम में किया। जब वो लकड़ी के टुकड़े असम पहुंचे तो उनका संदेह पूरा क्लियर हो गया। कैसी लगी जानकारी अच्छी लगी तो शेयर कीजिये और दूसरों को भी लाभान्वित कीजिये।