" हर कोई शायर नहीं जो कोई
किताब लिखेंगे,
हम बादशाह है जब भी लिखेंगे
इतिहास लिखेंगे" !
दोस्तों, आज हम बात करेंगे बिहार की राजधानी पटना की शान - "बुद्ध स्मृति पार्क"
बुद्ध स्मृति पार्क पटना जंक्शन के फ्रेजर रोड पर स्थित दुनिया भर के बौद्ध धर्मानुयायियो के साथ ही पटना के वासियों के लिए भी आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। गर्मी के मौसम में यहां की शांति और हरियाली काफी सुकून देती है।
बुद्ध स्मृति पार्क "भगवान बुद्ध" के 2554 वें जन्मदिन के उपलक्ष्य में बिहार सरकार द्वारा विकसित किया गया था। बुद्ध स्मृति पार्क 22 एकड़ में 125 करोड़ की लागत से विकसित हुआ है। 200 फीट ऊंचा पाटलिपुत्र करुणा स्तूप एक गोलाकार संरचना है जो पार्क की सबसे प्रमुख विशेषता है।
बुद्ध स्मृति पार्क में कई प्रवेश द्वार है । भगवान बुध का एक अवशेष है जो एक कांच के बाड़े में वैशाली से खुदाई में मिले 8 मूल्य अवशेषों में से एक है। परम पावन दलाई लामा और थाईलैंड म्यांमार, जापान ,दक्षिण कोरिया और श्रीलंका के कई भिक्षुओं द्वारा लाए गए कई अन्य अवशेष अलग-अलग ताबूतों में रखे गए हैं ।पार्क में 60 कक्ष है और उनमें इतनी सुंदर स्तूप है कि आप उस स्तूप को देख सकते हैं।
27 मई 2010 को इसका उद्घाटन "धर्मगुरु दलाई लामा" के द्वारा किया गया था। पार्क का मुख्य आकर्षण दलाई लामा के द्वारा लगाया गया दो बोधि पेड़ है जो "भगवान बुद्ध" की एक मूर्ति के बगल में है। दलाई लामा के द्वारा ही इस स्तूप का नाम "पाटलिपुत्र करुणा स्तूप "रखा गया है। अब यह विश्व भर के बौद्ध पर्यटकों की आस्था का केंद्र है।
इस पार्क में मेडिटेशन सेंटर , पार्क ऑफ़ मेमोरी , म्यूजियम लेजर शो, बोधी ट्री , लाइब्रेरी और बांकीपुर जेल के अवशेष के अलग-अलग कांड है।" कलाकृतियों" के साथ ,संग्रहालय में बुद्ध के "जीवन और शिक्षाओं "के बारे में ऑडियो वीजुअल और मल्टीमीडिया प्रस्तुत है। अगर आप कभी पटना आए तो आप पटना की शान बुद्ध स्मृति पार्क का भ्रमण जरूर करें "बाय" "हैव ए गुड डे" 🤗🥰