नमस्ते ,दोस्तो
ब्लॉग शुरू करने से पहले हम आपको ये बताते है कि आज हम बिहार की उन मंदिरों की बात करेंगे जो अपने - अपने इतिहास के कारण प्रसिद्ध है । वैसे भी आज कल के लोग ज्यादा तर" हिल स्टेशन और पहाड़ों" में जाना पसंद करते है ।पर मेरी मानिए तो जो शांति या आनंद आपको मंदिरों में जाकर मिलेगा वो और किसी चीज में नही मिलेगा ।तो आप अगर हमारे बिहार में आयेगे तो सच में आपको बहुत आनंद आएगा तो ये शायरी आपके लिए ,
"अपने दिल को एक मंदिर बना रखा है ,
उस के अंदर बस तुझ को बसा रखा है ,
रखता हु तेरी चाहत कि तमन्ना रात दिन ,
तेरे आने कि उम्मीद का नया दिया जला रखा है "
बोधगया का महाबोधी मंदिर दुनिया का सबसे प्रसिद्ध मंदिर है ।यह मंदिर बोधगया में निरंजना नदी के तट पर स्थित है यह मंदिर बौद्धों के लिए सबसे पवित्र स्थान के रूप में माना जाता है ।यह जगह इतनी आकर्षित है की यह दुनिया भर के लाखो पर्यटकों को भी आकर्षित करती है ।इस प्रसिद्ध मंदिर के अलावा ,भी यहां के फेमस बोधि वृक्ष को भी आप देख सकते है ।मन की शांति के लिए आपको बोधगया जरूर आना चाहिए ।
समय :: सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक खुला रहता है ।
हमारे बिहार के मिथिला शक्ति पीठ मंदिर भी अपने इतिहास के कारण प्रसिद्ध है । यह भारत - नेपाल की सीमा पर मिथिला दरभंगा में स्थित है ( जो जनकपुर स्टेशन के पास है )।
पौराणिक कथाओं की माने तो यह 52 पौराणिक शक्ति पीठों में से एक है । कहा जाता है कि देवी सीता का बायां कंधा यहां गिरा था। अगर आप इस मंदिर को देखना चाहते है तो आ जाइए हमारे बिहार में ।
समय :: सुबह (6 बजे से रात 8 बजे ) तक खुला रहता है।
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विष्णुपद मंदिर हमारे बिहार राज्य के प्रसिद्ध मंदिर में से एक है । इस मंदिर में भगवान विष्णु के पैरों के निशान रखे गए हैं। जिसे लोग पूजते हैं। पूरे भारत भर के लोग विपक्ष के दौरान दिवंगत आत्माओं के पिंड दान अनुष्ठान को करने के लिए आते हैं।
मंगला गौरी मंदिर गया का सबसे पवित्र मंदिर है और इसी कारण गया सबसे पवित्र शहर के रूप में जाना जाता है। तो आप कभी बिहार आए तो आप बिहार के सबसे प्रतिष्ठित मंदिर मंगला गौरी मंदिर के दर्शन जरूर करें। यह मंदिर भारत के 18 शक्तिपीठों में से एक है। ऐसा माना जाता है कि यहां सती के शरीर का एक अंग गिरा था और इस जगह को कोस्तनो के रूप में पूजा जाता है।