मैं मन से घुमक्कड़ हूँ.. घुमक्कड़ होने के नाते ,जब भी मुझे अवसर मिलता है .. मिस नहीं करता हूं | इसी क्रम में मुझे भोपाल जाना पड़ा अब क्या था.. मुझे भोपाल की प्रसिद्ध आसपास के स्थलों को विजिट जरूर करना था| ऐसे ही एक प्रसिद्ध सांची का स्तूप है ,मैं वहां जाने का सोचा जो कि भोपाल से 55 से 60 किलोमीटर के आसपास है| यहाँ भोपाल के हबीबगंज स्टेशन से या भोपाल जंक्शन से आसानी से पहुंचा जा सकता है। मैंने एक निजी बाइक राइडर खोजा जो ₹400 में मुझे आसानी से सांची घुमाने का जिम्मा उठा लिया था |..अब क्या उसके साथ में चल पड़ा और कर्क रेखा से गुजरते हुए राष्ट्रीय हाईवे पर से आगे बढ़ते हुए करीब 1 घंटे का सफर करने के बाद पहाड़ी के ऊपर स्थित सांची पहुंच गया |जैसे ही मैं पहुंचा ...
सारी थकान जैसे मिट चुकी थी मैं गेट के पास पहुंचा। मुझे पता चला इस स्मारक समूह के अंदर प्रवेश करने के लिए ₹40 का टिकट लगता है .मैंने अपना और साथी बाइक राइडर का दोनों का टिकट ले लिया और अंदर प्रवेश कर गए |
अंदर प्रवेश करते ही प्राचीन विशाल स्तूप दिखाई दिया जो सुसज्जित बाग शैली के मध्य स्थित था ।
स्तूप के कुछ अन्य विशेषताएं इस प्रकार हैं.....
प्रेम, शांति, विश्वास और साहस का प्रतीक है साँची का स्तूप
बचपन से भारत के चक्रवर्ती सम्राट अशोक महान का जीवन चरित्र पढ़ता आ रहा हूँ ।बेहद सुलझा हुआ पराक्रमी सम्राट जिसने भारतीय संस्कृति को समूचे विश्व में विख्यात बनाया। भोपाल पहुँचकर आज साँची का स्तूप देखने कि अवसर प्राप्त हुआ । सांची भारत में सबसे अच्छी तरह से संरक्षित और अध्ययन किए गए बौद्ध स्थलों में से एक है। यह मध्य प्रदेश के सांची शहर में एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है। यह पूर्व और पश्चिम में सत्रह मील और उत्तर और दक्षिण में लगभग दस मील तक फैला हुआ है। साइट पर कई स्तूप हैं, जिनमें से सबसे प्रसिद्ध सांची स्तूप है, जिसे महान स्तूप भी कहा जाता है। ईसा पूर्व तीसरी शताब्दी में अशोक ने महान स्तूप का निर्माण करवाया था। इसमें बुद्ध और उनके सबसे प्रसिद्ध शिष्यों के पवित्र अवशेष या राख हैं। यह भारत की सबसे पुरानी पत्थर की संरचना है। सांची प्रसिद्ध अशोक स्तंभ का भी घर है, जिसमें चार शेर हैं। इन स्तंभों में ग्रीको-बौद्ध शैली है।1989 में, सांची स्तूप की वास्तुकला को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल के रूप में नामित किया गया था।
अगर आप घूमने के शौकीन है अगर आपको अवसर मिले भोपाल या मध्य प्रदेश जाने का तो भोपाल से कुछ दूर स्थित सांची के प्रसिद्ध स्मारक समूह और स्तूप अवश्य जाएं सच में हमको अपने ऐतिहासिक धरोहर स्थलों को जाना चाहिए और उनसे संस्मरण प्राप्त करते हुए आगे बढ़ना चाहिए धन्यवाद आपका संदीप सिंह