अगर आप भी सर्दियों के मौसम में हर बार पहाड़ों में जाकर बोर हो चुके हो तो ये लेख आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकता है । गुजरात में स्तिथ कच्छ के रण के बारे में तो आप सबने जरूर सुना होगा । चलिए पहले थोड़ा इसके बारे में बात कर लेते है । की आखिर यह है क्या ? उत्तरी गुजरात में कच्छ नामक जिले में दुनिया का सबसे बड़ा नमक का रेगिस्तान है जिसे रण की संज्ञा दी जाती है । पुरानी जानकारी के अनुसार कभी इस इलाके में समुद्र बहा करता था । अब समुंद्र यहां से दूर हट गया । इस कारण से यहां की धरती में नमक ही नमक रह गया है । यह सारी धरती सफेद नमक का रेगिस्तान ही है । अत्यधिक लवणता के कारण यहां कोई पेड़ पौधे नही है । बरसात के मौसम में भी समुद्र का पानी इस इलाके में आ जाता है । तथा सर्दियों में जब यह पानी अवशोषित हो जाता है । तब बस यहां सफेद नमक ही नमक बचता है। गर्मियों के मौसम में यह जगह बहुत ही बियाबान, कष्टकारी होती है । यहां का तापमान 50 डिग्री तक पहुंच जाता है । लेकिन सर्दियों के मौसम में यह जगह स्वर्ग सरीखी हो जाती है । तापमान भी 20 से 25 के बीच ही रहता है।
आपने यहां के जैसा सूर्योदय तथा सूर्यास्त का नजारा पहले कही नही देखा होगा ।
आप कुछ तस्वीरे देखे । आप खुद ब खुद समझ जायेंगे।
आपको यहां क्यों आना चाहिए ––
अगर आपको या आपके किसी परिचित को चांद पर जाने की तमन्ना है । तो यकीन मानिए यहां आकर आपकी मनोकामना निश्चित ही पूरी हो जायेगी । यह जगह अपने आप में अनूठी है । और रात में पूर्ण चंद्रमा की रात्रि में तो ये जगह अविस्मरणीय हो जाती है
आपको लगेगा की आप या तो चांद पर हो या किसी अन्य ग्रह पर हो । ऐसा अनुभव लोगो को हुआ है । जिन्होंने इस जगह को पूर्ण चंद्रमा की ( पूर्णमासी ) की रात्रि को देखा है ।
रात में यह जगह और भी जीवंत हो उठती है ।
आप कल्पना कीजिए आप अपनी प्रेयसी के हाथो में हाथ डाल कर रण के मध्य घूम रहे हो चांदनी रात है । पूरा रण चांदी की तरह चमक रहा है । आप दोनो चांद को निहार रहे हो । कैसा पल होगा । क्या समा होगा । पूर्णमासी की रात में तो रण चांदनी में नहा उठता है । आप मिलो मिल साफ देख सकते हो । एक अलग ही अनुभूति होगी ।में दावे के साथ कह सकता हु ।
गुजरात की संस्कृति – यहां आकर गुजरात की संस्कृति से रूबरू हो सकते है । यहां के निवासी कैसे रहते है । क्या पहनते है। क्या खाते पीते है । कैसे अपना जीवन यापन करते है । इत्यादि । सर्दियों के मौसम में यहां का तापमान भी काफी ठंडा हो जाता है । इसीलिए सर्दियों का मौसम आदर्श है । यहां आने के लिए । आप आराम से इस पूरे खुले रण में घूम सकते हो । रण उत्सव के समय तो यहां तरह तरह के आयोजन होते है। गुजराती संस्कृति की संपूर्ण झलक आपको यहां मिल जायेगी ।
सन 2006 से यहां हर साल रण उत्सव का आयोजन होता है
हर साल नवंबर महीने से शुरू होकर फरवरी माह तक इसका आयोजन होता है । लगभग 3 महीने तक यह आयोजन चलता है। इन 3 महीनो में रण में अलग ही धूम रहती है । लोगो का तांता लगा रहता है । यहां रुकने के अनुभव को शब्दो में बयां नही किया जा सकता । विशेषकर रात में तो यह रण और भी जीवंत हो उठता है । इसीलिए कुछ विशिष्ट लोगो ने तो इसकी खुबसूरती की तुलना चांद से की तथा इसे मूनलैंड ( चांद की धरती ) की संज्ञा भी दी है ।
सफेद नमक के ऐसा खुले मैदान का विहंगम और विस्मयकारी नजारा शायद ही आपने पहले कभी देखा हो ।
आप आश्चयचकित हुए बिना रह ही नहीं सकते हो ।
ऊठ पर बैठकर आप घंटो खुले रण में घूम सकते हो ।
गुजरात की मेहमाननवाजी देख सकते हो । रण उत्सव के दौरान यहां पूरा तंबूओ का एक शहर बनाया जाता है ।
जहा पर आप रुक सकते हो । तथा रण उत्सव के मज़े ले सकते हो । पूर्णमासी की रात के लिए तो अलग स्पेशल बुकिंग होती है । ज्यादा तर लोग फुलमून की रात को यहां रुकना पसंद करते है। पूरा रण चांदनी रात में जगमगा उठता है।
अंत में सिर्फ इतना ही कहना चाहूंगा की अगर आप भी
वही पुराने घिसे पिटे हिल स्टेशनों पर जाकर पक चुके हो तो इन सर्दियों में कच्छ के रण का रुख कर सकते हो । यकीन के साथ के सकता हु आपका अनुभव शानदार रहेगा ।
यहां आप गुजरात की कला, हस्तशिल्प और लघु उद्योग के बारे में भी देख समझ सकते हो । परिवार या दोस्तो के लिए
गिफ्ट ( उपहार ) खरीद सकते हो । यहां के कुछ हस्तशिल्प उत्पाद तो सिर्फ आपको यहां ही मिल सकते है ।
""" क्या आप भी फसे हुए हो जिंदगी के जंजाल में ...
""" कुछ दिन तो गुजारिए गुजरात में ....
कैसे पहुंचे?
वायुमार्ग – सबसे नजदीकी एयरपोर्ट भुज में स्थित है। भुज से कच्छ की दूरी लगभग 60 किलोमीटर है ।
भुज से आसानी से बस , टैक्सी , कैब से कच्छ आया जा सकता है।
रेलवे – सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन भी भुज ही है । जहा से देश के अन्य कोनो के लिए ट्रेन आपको मिल जायेगी ।
सड़क मार्ग – कच्छ सड़क मार्ग से गुजरात तथा देश के सभी हिस्सों से जुड़ा हुआ है । आप आसानी से सड़क मार्ग से कच्छ आ सकते है ।