राजस्थान का खजुराहो- किराड़ू के मंदिर जिला बाड़मेर

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Photo of राजस्थान का खजुराहो- किराड़ू के मंदिर जिला बाड़मेर by Dr. Yadwinder Singh
Day 1

सुबह के 9 बजे थे मैं बाड़मेर शहर घूमकर रेलवे स्टेशन के बाहर खड़ा था | एक ठेले पर बाड़मेर शहर का मशहूर दाल पकवान के साथ मैंने ब्रेकफास्ट कर लिया था| तभी मैंने संजय जैन भाई के दिए एक मोबाइल नंबर पर फोन किया जो आटो ड्राइवर का था
आटो ड्राइवर को मैंने फोन पर बताया कि मैं बाड़मेर रेलवे स्टेशन के बाहर हूँ| उसने बताया मैं दस मिनट में आता हूँ| संजय जैन भाई ने मुझे बाड़मेर से 40 किमी दूर ईतिहासिक मंदिर दिखाने के लिए आटो बुक करवा दिया था हालांकि संजय जैन भाई मेरे साथ किराड़ू मंदिर नहीं जा रहे थे कयोंकि उनको जोधपुर जाना था| कुछ देर बाद आटो आ गया जिसमें बैठ कर मुझे किराड़ू मंदिर देखने जाना था| कुछ ही देर में हम शहर से बाहर निकल कर बाड़मेर- मुनाबाव राष्ट्रीय मार्ग पर चलने लगे| मुनाबाव भारत पाकिस्तान बार्डर पर एक छोटा सा कसबा है| जोधपुर से कराची तक जाने वाली थार एकसप्रेस रेलगाड़ी भी मुनाबाव रेलवे स्टेशन से गुजर कर जाती थी| अभी भी बाड़मेर से मुनाबाव तक मुसाफिर रेलगाड़ी चलती है| खैर हमें मुनाबाव नहीं जाना था हम तो बाड़मेर से मुनाबाव वाले हाईवे पर जा रहे थे| इस हाईवे का नवीनीकरण हो रहा था नयी सड़क बन रही थी इसलिए जगह जगह पर नये पुल बन रहे थे | कभी पत्थर वाली टूटी सड़क आ रही थी कभी कुछ हिस्सा सही आ रहा था सड़क का | हमें बाड़मेर से किराड़ू मंदिर तक पहुंचने के लिए बहुत समय लगा तकरीबन दो घंटे के आसपास सिर्फ टूटे हुए रोड़ की वजह से| धीरे धीरे चलते हुए हम किराड़ू मंदिर के मेन गेट के सामने पहुँच गए| किराड़ू मंदिर अभी भारत सरकार के पुरातत्व विभाग के पास है| किराड़ू मंदिर कंपलैकस के अंदर जाने के लिए भारतीय नागरिक को 50 रुपये फीस देनी पड़ती है| आटो ड्राइवर ने किराड़ू मंदिर के गेट के पास एक साईड में एक वृक्ष के नीचे आटो को पार्क कर दिया| सामने एक पहाड़ी पर चामुण्डा  माता का मंदिर दिखाई दे रहा था आटो ड्राइवर और मैं बाड़मेर से चलते हुए रास्ते में काफी बातें करते हुए आए थे| आटो ड्राइवर ने मुझे कहा भाई किराड़ू मंदिर देखने से पहले कयों न हम पहाड़ी पर बने हुए चामुण्डा   माता के मंदिर के दर्शन कर आए| मैंने कहा ठीक है चलो | सामने बने खुले कमरे में प्रवेश करते हुए हम सीढियों को चढ़ने लगे| दोपहर का समय था धूप काफी तेज़ थी सीढियों को चढ़ते हुए काफी पसीना निकल रहा था| थोड़ी देर बाद हम उस पहाड़ी पर बने हुए चामुण्डा मंदिर के द्वार पर पहुँच गए| मंदिर का दरवाजा बंद था लेकिन दर्शन करने के लिए छोटा सा झरोखा रखा था जिससे जाली का कुछ हिस्सा कटा हुआ था जिसमें हमने चामुण्डा माता के दर्शन किए| चामुण्डा माता मंदिर के आंगन से आसपास के पहाड़ों और किराड़ू मंदिर के खूबसूरत दृश्य दिखाई दे रहे थे| मंदिर का वातावरण बहुत शांत था | हम कुछ देर वहाँ बैठे रहे और आसपास के खूबसूरत नजारों को निहारते रहे| फिर हम सीढियों को उतर कर दुबारा किराड़ू मंदिर के मेन गेट के सामने आ गए|

सोमेश्वर मंदिर किराड़ू बाड़मेर

Photo of Kiradu Historical Temple Parmar Era by Dr. Yadwinder Singh

किराड़ू मंदिर में घुमक्कड़

Photo of Kiradu Historical Temple Parmar Era by Dr. Yadwinder Singh

किराड़ू मंदिर के आसपास की पहाडि़यों का नजारा

Photo of Kiradu Historical Temple Parmar Era by Dr. Yadwinder Singh

चामुण्डा मंदिर किराड़ू

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चामुण्डा मंदिर किराड़ू

Photo of Kiradu Historical Temple Parmar Era by Dr. Yadwinder Singh

चामुण्डा मंदिर से किराड़ू मंदिर का दृश्य

Photo of Kiradu Historical Temple Parmar Era by Dr. Yadwinder Singh
Day 2

किराड़ू मंदिर के लिए टिकट लेकर मैं और आटो ड्राइवर दोनों मंदिर देखने के लिए आगे बढ़ने लगे| किराड़ू मंदिर को राजस्थान का खजुराहो भी कहा जाता है कयोंकि इन मंदिरों पर की हुई कलाकारी खजुराहो के समान लगती है हालांकि यह मंदिर खजुराहो जितने प्रसिद्ध नहीं है| किराड़ू मंदिर कंपलैकस में कुल पांच मंदिर बने हुए हैं| इसमें पहले तीन मंदिर पहले आते हैं जिसमें दो मंदिर एक साथ ही है और तीसरा मंदिर पहले मंदिर के सामने है| चौथा मंदिर थोड़ी दूर है और पांचवा मंदिर भी थोड़ा साईड में है| हमने सबसे पहले पहला मंदिर देखा जो एक चबूतरे पर बना हुआ है और खंडित हो चुका है| उसके बाद दूसरे मंदिर को देखने के लिए दूसरे चबूतरे पर सीढियों को चढ़ कर गए| इस मंदिर का नाम सोमेश्वर मंदिर है जो भगवान शिव को समर्पित है| सभी मंदिरों में यह मंदिर ही अच्छी हालत में है| किराड़ू गियारवीं शताब्दी में एक समृद्ध शहर था जिसमें बहुत सारे शानदार मंदिर बने हुए थे| इन खूबसूरत मंदिरों का निर्माण परमार और चौहान वंश के राजाओं ने करवाया था हालांकि इनको कब बनाया गया इसके बारे में सही जानकारी अभी तक नहीं पता| सोमेश्वर मंदिर पर की हुई मूर्ति कला अद्भुत है जो आपको मंत्रमुग्ध कर देगी| मैंने काफी बारीकी से इस शानदार मूर्ति कला को निहारा और बहुत सारी तसवीरें खींच ली इन मंदिरों की| फिर हम कुछ दूर चलते हुए अगले मंदिर को देखने के लिए चल पड़े| यह मंदिर भी खंडित हो चुका है लेकिन इसकी कलाकारी कमाल की है| इस तरह बाकी बचे दोनों मंदिरों को देखकर हम वापस किराड़ू मंदिर कंपलैकस से बाहर आ गए| किराड़ू मंदिर के बारे में बहुत सारी लोकल कथा कहानियाँ प्रचलित हैं| यहाँ के लोग किराड़ू मंदिरों को हाटेंड जगह मानते हैं| ऐसा कहा जाता है किराड़ू मंदिर में रात को कोई नहीं रुकता| जो यहाँ रात रुकेगा वह पत्थर का बन जाएगा| किराड़ू मंदिर कंपलैकस में बहुत सारे पत्थर की कलाकृतियों को आप देख सकते हैं| ऐसा भी माना जाता है गियारवीं सदी के बाद किराड़ू मंदिर कंपलैकस को विदेशी आक्रमणकारियों ने खंडित कर दिया| लोकल लोग किराड़ू मंदिरों के खंडहरों में तब्दील होने के लिए एक साधू के शराप को मानते हैं| लोकल कथा के मुताबिक किराड़ू एक भव्य शहर था | वहाँ एक साधू अपने शिष्यों के साथ रहते थे| एक बार साधू अकेले ही किराड़ू से बाहर किसी यात्रा पर चले जाते हैं| उनके किराड़ू से बाहर जाने के बाद किराड़ू में एक बिमारी फैली जाती है जिससे सारे लोग बिमार हो जाते हैं| उस समय शहर में एक कुम्हारिन औरत को छोड़कर शहर में बाकी लोगों ने साधू के शिष्यों की देखभाल नहीं की | जब साधू वापस आए तो उनको जब यह बात पता लगी तो साधू ने गुस्से में आकर पूरे किराड़ू को  पत्थर में तबदील हो जाने का श्राप दे दिया| उस कुम्हारिन औरत को शाम होने से पहले किराड़ू छोड़ जाने के लिए कह दिया और साथ में पीछे न मुड़कर देखने के लिए भी बोला| ऐसा कहा जाता है उस औरत ने किराड़ू से जाते समय कुछ देर बाद पीछे मुड़ कर देख लिया जिससे वह पत्थर बन गई| किराड़ू के बारे में ऐसी बहुत सारी कहानियाँ मिल जाऐगी आपको| राजस्थान के खजुराहो किराड़ू को देखने के बाद हम वापस बाड़मेर के लिए चल पड़े| रास्ते में हमने जसाई नाम के गाँव में माता हिंगलाज के मंदिर के दर्शन किए | यह मंदिर भी एक गुफा रुप में पहाड़ी के नीचे एक कुदरती झरने के पास बना हुआ है| बाड़मेर और उसके आसपास की ढेर सारी यादों को पिटारा लेकर मैं शाम को बाड़मेर वापस आ गया| बाड़मेर से शाम को 6 बजे की प्राईवेट सलीपर बस से मैं राजकोट गुजरात के लिए निकल गया|

किराड़ू मंदिर

Photo of किराडू प्राचीन मंदिर परमारकालीन by Dr. Yadwinder Singh

किराड़ू मंदिर में घुमक्कड़

Photo of किराडू प्राचीन मंदिर परमारकालीन by Dr. Yadwinder Singh

किराड़ू मंदिर की मूर्ति कला

Photo of किराडू प्राचीन मंदिर परमारकालीन by Dr. Yadwinder Singh

किराड़ू मंदिर

Photo of किराडू प्राचीन मंदिर परमारकालीन by Dr. Yadwinder Singh

किराड़ू मंदिर की मूर्ति कला

Photo of किराडू प्राचीन मंदिर परमारकालीन by Dr. Yadwinder Singh

माता हिंगलाज मंदिर

Photo of किराडू प्राचीन मंदिर परमारकालीन by Dr. Yadwinder Singh

माता हिंगलाज मंदिर

Photo of किराडू प्राचीन मंदिर परमारकालीन by Dr. Yadwinder Singh

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