मुहब्बत की निशानियों के तर्ज पर अगर एक लिस्ट बनाई जाए तो शायद ही कोई ऐसा हो जिसकी जुबान पर पहला नाम 'ताजमहल' का ना आए | ताजमहल एक ऐसी इमारत है जिसका दीदार करने की हसरत केवल हमारे देश के ही नहीं बल्कि विदेशी लोगों के दिलों में भी होती है, इसीलिए तो ताजमहल इंटरनेट पर सबसे ज्यादा सर्च की जाने वाली इमारत है | भारत के सबसे ज्यादा पर्यटक जहाँ जाते हैं वह जगह ताजमहल ही है.. |
बचपन में किताबों में देखा और पढ़ा था, थोड़े बड़े हुए तो किस्से सुने, थोड़े और बड़े हुए तो फिल्मों और धारावाहिकों में देखा, और बड़े हुए इंटरनेट का युग आया तो यूट्यूब पर या कहीं और देखा पर साक्षात ताजमहल का दीदार करने का अवसर अभी तक नहीं मिला था | बचपन की तमाम हसरतों में से एक हसरत ये भी थी कि कभी हम भी दीदार करें ताजमहल का | कई बार प्लान बनाया जाता परंतु किसी न किसी वजह से ट्रिप कैंसिल हो जाती थी | मेरे साथ अक्सर ऐसा होता है कि पहले से बनाए प्लान फेल हो जाते हैं और अचानक से बनायी योजना सफल हो जाती है | ऐसे ही दशहरे की छुट्टियां शुरू हुईं थीं, श्रीमती जी ने कहा कहीं घूमने चलते हैं फिर दिमाग में लिस्ट घूमने लगी कि कहाँ जा सकते हैं, आखिर में तय हुआ कि आगरा चलते हैं फिर क्या था तत्काल में ट्रेन की टिकट बुक हुयी अगले दिन की और लग गए तैयारी में....
अक्टूबर के महीने में सुबह और शाम का मौसम तो अच्छा होता है पर दोपहर में धूप काफी तेज होती है | तो हमने भी सुबह का समय चुना ताजमहल जाने के लिए | सुबह 6:30 बजे हम होटल से निकले | ताजमहल में प्रवेश के लिए फिलहाल 2 गेट हैं ईस्ट गेट और वेस्ट गेट | एक साउथ गेट भी है पर वो बंद रहता है | चूंकि हमारा होटल ईस्ट गेट के पास था तो हमने ईस्ट गेट से जाना मुनासिब समझा | गेट के पास ही टिकट काउंटर है जहाँ 50 रू का टिकट मिलता है | ताजमहल के मुख्य इमारत के अंदर जाने के लिए 200 रू का टिकट लगता है जोकि अंदर ही मिलता है | हम टिकट लेकर अंदर गये जहाँ पहले हमारी चेकिंग हुई फिर हमे जाने दिया |
ईस्ट गेट एक बहुत बड़ा गेट है जहाँ से अंदर जाने पर सामने एक बहुत बड़ा मैदान है जिसे बहुत ही करीने से फूल पौधों से सजाया गया है | आगे जाने पर ताजमहल का मुख्य गेट है जिसे शाही दरवाजा कहते हैं जो कि बहुत ही सुंदर बना हुआ है | यहाँ से अंदर जाने पर सामने दिखाई देता है खूबसूरत कारीगरी का नायाब नमूना 'ताजमहल'..| शाही दरवाजे और ताजमहल के बीच एक बड़ा मैदान है जिसके किनारे की तरफ पेड़ पौधे लगे हैं और बीच में फव्वारे और हरी घास के छोटे छोटे पार्क | ताजमहल की मुख्य इमारत एक बड़े से प्लेटफार्म पर स्थित है | पूरा ताजमहल सफेद संगमरमर से बना हुआ है जिसकी दीवारों पर बहुत ही खूबसूरत चित्रकारी की गयी है | हमने ताजमहल के अंदर जाने की टिकट कटाई जिसका मूल्य 200 रुपये था और साथ में शू कवर भी लिया जोकि जरुरी है लेना और अंदर प्रवेश किया | अंदर हमें दो कब्रें दिखाई देती हैं, बीच में एक छोटी कब्र है वह मुमताज की है और दायीं तरफ एक बड़ी कब्र है जोकि शाहजहाँ की है | हांलाकि ये कब्रें असली कब्रें नहीं हैं, मुख्य कब्रें इन कब्रों के नीचे हैं जहाँ जाना वर्जित है | ताजमहल के पीछे यमुना नदी बहती है जहाँ से आने वाली ठंडी हवा आपके ताजमहल घूमने से होने वाली थकान को दूर कर देती है | ताजमहल के चारों कोनों पर चार मीनारें हैं जो बाहर की झुकी हुई हैं ताकि कभी भूकंप या तूफान में मीनारें गिरें तो बाहर की ओर गिरें जिससे मुख्य इमारत को कोई नुकसान ना हो | मुख्य इमारत के दोनों तरफ मस्जिद बनी हुई हैं जिसमें शुक्रवार को आज भी नमाज होती है | हमने कुछ घंटे यहाँ बिताए और जी भर के ताज का दीदार किया | यकीन मानिए आप जितना इसे निहारेंगे यह उतना ही और खूबसूरत लगेगा |
और इस प्रकार हमारा ताजमहल देखने का सपना आखिरकार साकार हो ही गया और ताजमहल निहारते- निहारते अनायास ही हमारे मुंह से निकल पड़ा वाह ताज !!
ध्यान देने योग्य बातें -
(1) ताजमहल के मुख्य इमारत के अंदर जाने का अलग से 200 रू का शुल्क लगता है |
(2) आपको ताजमहल के सफेद संगमरमर वाले एरिया में शू कवर पहन के ही जाना होगा | शू कवर वहीं मिल जाएगा |
(3) मुख्य इमारत के अंदर जहाँ कब्रें हैं वहां फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी वर्जित है |
(4) भारतीय, सार्क देशों और विदेशियों के लिए टिकट दर अलग अलग है |
(5) ताजमहल शुक्रवार को बंद रहता है |
(6) 15 वर्ष तक के बच्चों की टिकट फ्री है |
(7) यहाँ फोन चार्जर, ट्राइपाड, खाने की चीजें वर्जित हैं केवल पानी की बोतल, मोबाइल और कैमरा ले जा सकते हैं |
(8) ठंड के मौसम में जब कोहरा हो तो ताजमहल देखने का प्लान ना बनाएं क्यों कि धुंध में ताजमहल की खूबसूरती अच्छे से नज़र नहीं आती |