शिमला भारत के प्रसिद्ध हिल स्टेशनों में से एक है जहाँ सारा साल टूरिस्ट घूमने आते रहते हैं | शिमला में घूमने और देखने के लिए बहुत कुछ है| बहुत सारे टूरिस्ट शिमला के माल रोड़ पर घूमकर फैमिली के साथ पिज़्ज़ा, आईसक्रीम आदि खाकर सैलफी खींच कर शोशल मीडिया पर डाल कर शिमला टूर करके वापस आ जाते हैं| शिमला का ब्रिटिश भारत काल का अपना सुनिहरी ईतिहास है | इस ईतिहास से जुड़ी हुई बहुत सारी ईमारतें है शिमला में जो देखने लायक है | ऐसी ही एक शिमला की खूबसूरत ईमारत है वाईस रीगल लॉज जिसको पहले राष्ट्रपति निवास भी कहा जाता था| अब इसको इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ अडवांस सटृडीस के नाम से भी जाना जाता है| यह खूबसूरत ईमारत 1884 - 1888 ईसवीं के दौरान बनाई गई थी| इस खूबसूरत ईमारत के सामने बने हुए बाग और वृक्ष इसकी सुंदरता को चार चांद लगा देते हैं| इस खूबसूरत ईमारत की गिनती शिमला की तीन चार बहुत सुन्दर और भव्य भवनों में की जाती है | इस खूबसूरत ईमारत को अंग्रेजों ने बनाया है और अब इसे एक संग्रहालय में तब्दील कर दिया है| इस खूबसूरत भवन में ऐतिहासिक वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया है| शिमला को 1864 ईसवीं में भारत की समर कैपीटल घोषित कर दिया था| शिमला में अंग्रेजों ने बहुत सारी हैरीटेज ईमारतों का निर्माण किया था | यह हैरीटेज ईमारत शिमला के सकैंडल पुवाईट से चार किलोमीटर दूर है| यह जगह ब्रिटिश भारत में ब्रिटिश वाईस राय का निवास स्थान हुआ करती थी| इस हैरीटेज ईमारत के आसपास खूबसूरत बागों का निर्माण करवाया गया| इस खूबसूरत ईमारत की भवन निर्माण कला इंग्लिश सटाईल में की गई है| इस खूबसूरत हैरीटेज ईमारत को देखने के लिए अब टिकट लेनी पड़ती है|
वाईस रीगल की ईमारत को भारतीय सरकार ने एक संग्रहालय में तब्दील कर दिया| 20 अकतूबर 1965 से अब यह काम कर रहा है और इसका नाम भी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ अडवांस स्टडीज शिमला रख दिया गया| इस ईतिहासिक ईमारत में ब्रिटिश भारत के वायसराय रहा करते थे| इस हैरीटेज ईमारत में 1888 ईसवीं में बिजली की सप्लाई शुरू हो गई थी जो शिमला में सबसे पहली ईमारत थी जहाँ बिजली सपलाई थी | यह ईतिहासिक ईमारत भारतीय ईतिहास से जुड़ी हुई बहुत सारी बातों की गवाही भरती है | भारत की आज़ादी के साथ साथ भारत और पाकिस्तान के बंटवारे का फैसला भी यही लिया गया| शिमला कंनफ्रेस भी यहाँ हुई| भारत की आज़ादी के बाद भारत के राष्ट्रपति इसको समर रीट्रीट के रूप में ईसतमाल करते रहे| तब इसे राष्ट्रपति निवास कहा जाने लगा | आज यहाँ बहुत सारे विषयों पर सैमीनार होते रहते हैं| मुझे भी शिमला यात्रा के दौरान इस हैरीटेज ईमारत में जाने का मौका मिला| इस हैरीटेज ईमारत की भवन निर्माण कला सच में काबिल ए तारीफ है | आप जब भी शिमला जाए तो इस हैरीटेज ईमारत को देखना मत भूलना |
कैसे पहुंचे - शिमला शहर सात अलग अलग पहाड़ियों के ऊपर बसा हुआ है| इन सात पहाड़ियों में ही एक पहाड़ी है ओबज्रवेटरी हिल जिसके ऊपर यह हैरीटेज ईमारत बनी हुई है|
कहाँ ठहरे- शिमला हिमाचल प्रदेश की राजधानी है और जहाँ आपको हर बजट और सहूलत के अनुसार रहने के लिए होटल, गैसट हाऊस आदि आराम से मिल जाऐगे|