शिमला की हैरीटेज इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ अडवांस स्टडीज - जानिए कया है इसकी खासियत

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Photo of शिमला की हैरीटेज इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ अडवांस स्टडीज - जानिए कया है इसकी खासियत by Dr. Yadwinder Singh
Day 1

शिमला भारत के प्रसिद्ध हिल स्टेशनों में से एक है जहाँ सारा साल टूरिस्ट घूमने आते रहते हैं | शिमला में घूमने और देखने के लिए बहुत कुछ है| बहुत सारे टूरिस्ट शिमला के माल रोड़ पर घूमकर फैमिली के साथ पिज़्ज़ा, आईसक्रीम आदि खाकर सैलफी खींच कर शोशल मीडिया पर डाल कर शिमला टूर करके वापस आ जाते हैं| शिमला का ब्रिटिश भारत काल का अपना सुनिहरी ईतिहास है | इस ईतिहास से जुड़ी हुई बहुत सारी ईमारतें है शिमला में जो देखने लायक है | ऐसी ही एक शिमला की खूबसूरत ईमारत है वाईस रीगल लॉज जिसको पहले राष्ट्रपति निवास भी कहा जाता था| अब इसको इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ अडवांस सटृडीस के नाम से भी जाना जाता है| यह खूबसूरत ईमारत 1884 - 1888 ईसवीं के दौरान बनाई गई थी| इस खूबसूरत ईमारत के सामने बने हुए बाग और वृक्ष इसकी सुंदरता को चार चांद लगा देते हैं| इस खूबसूरत ईमारत की गिनती शिमला की तीन चार बहुत सुन्दर और भव्य भवनों में की जाती है | इस खूबसूरत ईमारत को अंग्रेजों ने बनाया है और अब इसे एक संग्रहालय में तब्दील कर दिया है| इस खूबसूरत भवन में ऐतिहासिक वस्तुओं को प्रदर्शित किया गया है| शिमला को 1864 ईसवीं में भारत की समर कैपीटल घोषित कर दिया था| शिमला में अंग्रेजों ने बहुत सारी हैरीटेज ईमारतों का निर्माण किया था | यह हैरीटेज ईमारत शिमला के सकैंडल पुवाईट से चार किलोमीटर दूर है| यह जगह ब्रिटिश भारत में ब्रिटिश वाईस राय का निवास स्थान हुआ करती थी| इस हैरीटेज ईमारत के आसपास खूबसूरत बागों का निर्माण करवाया गया| इस खूबसूरत ईमारत की भवन निर्माण कला इंग्लिश सटाईल में की गई है| इस खूबसूरत हैरीटेज ईमारत को देखने के लिए अब टिकट लेनी पड़ती है|

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ अडवांस स्टडीज शिमला की दिलकश ईमारत

Photo of Indian Institute of Advanced Study by Dr. Yadwinder Singh
Photo of Indian Institute of Advanced Study by Dr. Yadwinder Singh
Photo of Indian Institute of Advanced Study by Dr. Yadwinder Singh
Day 2

वाईस रीगल की ईमारत को भारतीय सरकार ने एक संग्रहालय में तब्दील कर दिया| 20 अकतूबर 1965 से अब यह काम कर रहा है और इसका नाम भी इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ अडवांस स्टडीज शिमला रख दिया गया| इस ईतिहासिक ईमारत में ब्रिटिश भारत के वायसराय रहा करते थे| इस हैरीटेज ईमारत में 1888 ईसवीं में बिजली की सप्लाई शुरू हो गई थी जो शिमला में सबसे पहली ईमारत थी जहाँ बिजली सपलाई थी | यह ईतिहासिक ईमारत भारतीय ईतिहास से जुड़ी हुई बहुत सारी बातों की गवाही भरती है | भारत की आज़ादी के साथ साथ भारत और पाकिस्तान के बंटवारे का फैसला भी यही लिया गया| शिमला कंनफ्रेस भी यहाँ हुई| भारत की आज़ादी के बाद भारत के राष्ट्रपति इसको समर रीट्रीट के रूप में ईसतमाल करते रहे| तब इसे राष्ट्रपति निवास कहा जाने लगा | आज यहाँ बहुत सारे विषयों पर सैमीनार होते रहते हैं| मुझे भी शिमला यात्रा के दौरान इस हैरीटेज ईमारत में जाने का मौका मिला| इस हैरीटेज ईमारत की भवन निर्माण कला सच में काबिल ए तारीफ है | आप जब भी शिमला जाए तो इस हैरीटेज ईमारत को देखना मत भूलना |
कैसे पहुंचे - शिमला शहर सात अलग अलग पहाड़ियों के ऊपर बसा हुआ है| इन सात पहाड़ियों में ही एक पहाड़ी है ओबज्रवेटरी हिल जिसके ऊपर यह हैरीटेज ईमारत बनी हुई है|
कहाँ ठहरे- शिमला हिमाचल प्रदेश की राजधानी है और जहाँ आपको हर बजट और सहूलत के अनुसार रहने के लिए होटल, गैसट हाऊस आदि आराम से मिल जाऐगे|

Photo of Indian Institute of Advanced Study by Dr. Yadwinder Singh
Photo of Indian Institute of Advanced Study by Dr. Yadwinder Singh

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