देश में हिंदू मंदिरों को संवारने और संरक्षित की एक मुहिम चल रही है।इसी क्रम में अब उज्जैन ( मध्य प्रदेश ) के विश्व प्रसिद्ध बाबा भोलेनाथ के महाकाल रूप को समर्पित
महाकालेश्वर मन्दिर परिसर को नया और भव्य रूप दिया जा रहा है । यह मंदिर भगवान भोलेनाथ के 12 ज्योतिर्लिंग में से एक है । जिसकी देश विदेश में काफी मान्यता है । यह मंदिर करोड़ों हिंदुओं की आस्था का प्रतीक भी हैं।
देश में सनातन संस्कृति के प्रतीकों को सजाने संवारने का काम किया जा रहा है । अभी हाल ही काशी में काशीविश्वनाथ मंदिर का भी जीर्णोद्वार हुआ था । तथा भव्य कोरिडोर विकसित किया गया था । अब इसी कड़ी में
मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकाल मंदिर तथा आस पास के पूरे क्षेत्र को विकसित करके एक भव्य महाकाल कोरिडोर विकसित किया गया है । जिसका उद्घाटन
देश के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का हाथो 11 अक्टूबर को किया जाना तय किया गया है ।
यह भव्य कोरिडोर काशी विश्वनाथ कॉरिडोर से लगभग 4 गुना ज्यादा बड़ा हैं। मंदिर को क्षिप्रा नदी से भी जोड़ा गया है। जिससे भक्त नदी में स्नान करके सीधे ही मंदिर पहुंच सके । मंदिर के आस पास के पूरे क्षेत्र को सरकार द्वारा अधिगृहीत करके सजाया और संवारा गया है ।
अब यह पूरा क्षेत्र काफी बड़ा और भव्य हो गया है ।
कालान्तर से भी महाकाल मंदिर हिंदुओं की आस्था का केंद्र रहा है । अब इस कोरिडोर के विकसित हो जाने से यहां की व्यवस्था सुगम रूप से सुचारू हो सकेगी । अब यह मंदिर त्योहारों पर आने वाले लाखों करोड़ों श्रद्धालुओं का ठीक से परिचालन कर सकेगा ।
क्या है खास – भक्तो के लिए धर्मशाला , ज्यादा बड़े अहाते, बैठने के लिए ज्यादा जगह , रात्रि लेजर शो , पढ़ने के लिए लाइब्रेरी, कीर्तन करने की अलग जगह , यात्री सुविधाएं, आकर्षक पार्क , सुंदर मूर्तियां, आकर्षक झांकियां, पार्किंग इत्यादि
यहां भगवान शिव के रौद्र रुप महाकाल जी की पूजा की जाती है ! यहां की भस्म आरती विश्व प्रसिद्ध हैं। इस आरती को देखने भक्त दूर दूर से आते है । कहने में कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी की यह मंदिर दुनिया भर के हिंदुओं की आस्था का केंद्र बिंदु है । अब यह कोरिडोर विकसित हो जाने के बाद
भक्त यहां आसानी से दर्शन कर सकते हैं ।
11 अक्टूबर को प्रधान मंत्री मोदी जी के उद्घाटन करने के बाद भक्त इस नए कोरिडोर के माध्यम से नव निर्मित मंदिर परिसर में आ सकेंगे ।
नव निर्मित महाकाल कोरिडोर को एक नया नाम भी दिया गया है । इसे "श्री महाकाल लोक " के नाम से भी जाना जाएगा । अब यहां की सभी व्यवस्था सुचारू रूप से चल सकेगी । भविष्य में कोई भी बड़ा धार्मिक आयोजन अब यह मंदिर परिसर संभाल सकता है ।
कैसे पहुंचे – उज्जैन रेलवे और सड़क मार्ग से देश के सभी शहरों से जुड़ा हुआ है ।
सबसे नजदीकी एयर पोर्ट इंदौर है ।
क्या देखे – उज्जैन में महाकाल मंदिर दर्शन के बाद आप पास ही के हर सिद्धि मंदिर भी जा सकते है । जो देवी का सिद्ध पीठ भी है । एक प्रसिद्ध गणेश मंदिर भी पास ही है ।
शिप्रा नदी के तट पर भी कुछ प्रसिद्ध मंदिर है ।
उज्जैन को मंदिरों का शहर भी कहा जाता है ।
यह हिंदुओं के लिए एक पवित्र शहर है ।
उज्जैन के ही निकट ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग भी है ।
सामान्यतः भक्त महाकाल मंदिर दर्शन करने के उपरांत
ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर दर्शन भी करते है ।
कहा ठहरे – मंदिर परिसर के ही नजदीक काफी सारे होटल ,धर्मशाला आपको वाजिब दाम पर मिल जायेगी।
अब तो आप नव निर्मित महाकाल कोरिडोर में ही रुक भी सकते है।
अकाल मृत्यु वो मरे । जो काम करे चंडाल का ।
काल भी उसका करे । जो भक्त हो महाकाल का ।
जय महाकाल । .....