खजुराहों को कौन नहीं जानता बल्कि सभी जानते हैं। क्यूंकि यहां के सुप्रसिद्ध मंदिरो को दुनिया भर से लोग देखने आते हैं। खजुराहों की सुन्दरता, कला सैली अविस्मरणीय हैं जिसकी सुन्दरता तो सबको भाती हैं। इन्ही कला साहित्यों, स्थापत्य कला से दूर नवनिर्मित आइलैंड की बात करने वाले है जोकि *खजुराहों मंदिर* के बाद यह *कुटनी आइलैंड रिसॉर्ट* काफी चर्चे में है।
*कुटनी आइलैंड रिसॉर्ट*
वैसे आय थे खजूराहो घूमने परंतु हमारे कैब ड्राइवर ने बताया कि पास मे एक आइलैंड है जो काफ़ी चर्चे में है बस इतना सुना और निकल पड़े आईलैंड देखने।
खजुराहों से निकल कर जब पहुंचे तो लगा कुछ खास नहीं है क्यूंकि आईलैंड के द्वार पर कोई पानी नही बल्कि सुखा पड़ा हुआ था एक पुल के माध्यम से कुटनी आईलैंड रिजॉर्ट जाया जाता है। जाने के बाद पता चला वहा की खूबी, जिसे देख कर मन गदगद हो गया।
वहा पहुंचने के बाद देखते है वाकई एक आईलैंड से मिलता जुलता दृश्य देखने को मिलता है जहां एक तरफ़ पानी भलाई न था परंतु दूसरी तरफ़ कुटनी नदी का पानी लबलाबा रहा था जहां लोगो द्वारा नौका विहार का आनंद लिया जा रहा था जो काफ़ी सुंदर नजारा देखने को मिला। शाम के वक्त लोगों की काफी भीड़ होती है।
कुटनी आईलैंड रिजॉर्ट कुटनी डैम के रूप में भी जाना जाता है। यह आईलैंड कुटनी नदी पर डैम बना कर बनाया गया है यह जगह खजुराहो के सबसे नवीनतम जगहों में से एक है| यह बहुत लोग आते हैं और यहां की सुंदरता का आनंद उठाते हैं| इस खूबसूरत जगह सिर्फ नववरवधू के लिए नहीं है, बल्कि सभी अपने परिवार और दोस्तों के लिए एक आदर्श स्थल है। आप यहां अपने बच्चों के साथ आ सकते हैं और इस द्वीप के आसपास नौका विहार के अनुभव का आनंद ले सकते हैं। नौका बिहार कुटनी नदी में किया जाता है जोकि काफी आनद मय होता है।
*कुटनी आईलैंड रिसॉर्ट की कुछ ख़ास बातें*
इस आईलैंड में रहने की लिए कमरे, और खाने के लिए रेस्टोरेंट उपलब्ध है। कमरे भी एक लक्जरी फार्मेट में है जिनका रेंट नॉर्मल होटल के सामान है। पर रात्रि 3200+ GST , से स्टार्ट होता है। खजूराहो के बाद यहां ठहर सकते है और नदी का लुत्फ उठा सकते हैं।
**रेस्टोरेंट*(Restaurant)*
यहां आपको सभी प्रकार के व्यंजन उपलब्ध है।
हाइजेन का बहुत ध्यान देते है जो अपने आप मे बहुत बढ़िया क्यूंकि बाकी जगहों पर लापरवाही कर देते है पंरतु यहां साफ़ सफाई को बहुत अहमियत दी जाति है।
दिनभर खजुराहो के मंदिरों का दौरा करने के बाद अब शाम को यहां आकर अपनी थकान मिटा सकते हैं और नदी में *बोटिंग* का मजा भी उठा सकते हैं| यहां पर रुकने के लिए उत्तम व्यवस्था है, यहां के *हेरिटेज कॉटेज बहुत ही उम्दा तरीके* से बनाए गए हैं, इसमें जो बात करनी है उससे आप सीधा नदी का नजारा देख सकते हैं| यहां पर आप रात में खाना खाने के बाद नदी के किनारे चलकर वातावरण का आनंद ले सकते हैं|
*कब और कैसे पहुंचे*
हमारा अनुभव कहता है यहां जाने का समय *जुलाई से फरवरी के बीच का समय काफ़ी नॉर्मल तापमान रहता है,* गरमी के दिनों काफ़ी दिक्कत उठानी पड़ती है गरमी को लेकर।
वैसे लोग तो खजूराहो घूमने आते रहते हैं। अगर आप बस से, या फिर ट्रेन से या फिर एयर *(खजुराहों एयर स्टेशन* main से 9km) से आएंगे तो पहले खजुराहों तक आना होगा फिर आप taxi लेकर जा सकते है आईलैंड खजुराहों से लगभग *12 कि.मी.,* और *छतरपुर से 40 कि.मी.* दूूर है यहां पहुंचना आसान है।
यह नवनिर्मित आइलैंड वाकई कुछ अलग छवि देता है।