भाग 1
सतोपंथ नाम मतलब सत्यता का मार्ग। सतोपंथ नाम से लोगों के अंदर बहुत ही संदेह, दुविधा,शंका संशय हैं। लोग सतोपंथ ताल और सतोपंथ पर्वत दोनों को एक ही समझ लेते हैं। सतोपंथ पर्वत अलग है, जबकी सतोपंथ झील अलग है।
सतोपंथ ताल बद्रीनाथ से ऊपर वसुधारा फाल से आगे है। सतोपंथ पर्वत गंगोत्री नेशनल पार्क में है।इसके जाने का रास्ता गंगोत्री - भोजबासा - गौमुख - नन्दनवन - वासुकि ताल से जाता है।
एक बात और साफ कर देना चाहता हूँ, वासुकि ताल पर भी लोगों को संशय है। वासुकि ताल भी 2 हैं दूसरा वासुकि ताल केदारनाथ से 8 km ऊपर है। बहुत सारे लोग दोनों वासुकी ताल को एक समझते हैं।
एक बात और यहाँ पर स्पष्ट कर देना चाहूँगा। स्वर्गरोहिणी पर भी लोगों को बहुत संदेह है। स्वर्गरोहिणी भी 2 हैं। एक है स्वर्गरोहिणी पर्वत और दूसरा है स्वर्गरोहिणी मार्ग। सतोपंथ झील की यात्रा स्वर्गरोहिणी मार्ग से होती है। यानी जो मार्ग सतोपंथ झील को जाता है उसको स्वर्गरोहिणी मार्ग कहते हैं।
इसके उल्टा स्वर्गरोहिणी पर्वत हिमालय की सरस्वती रेंज में पड़ता है। यहाँ जाने का रास्ता सांकरी - तालुका - सीमा - रूनीसारा होते हुए जाता है। ये पर्वत बिल्कुल कालानाग पर्वत यानी ब्लैक पीक के सामने है। कहा जाता है यहाँ स्वर्ग की सीढियाँ हैं। यहाँ से ही हो कर युधिष्ठिर स्वर्ग गये थे। ये भी बोला जाता है की इस पर्वत पर बहुत सोना है। इस पर्वत का आरोहण करना बहुत मुश्किल है। ये पर्वत अभी तक अनारोहित है।आने वाले 2 सालों में हमारा प्रयास रहेगा इस पर्वत पर एक सफल आरोहण करना।
अब आते हैं मुद्दे पर यानी सतोपंथ पर्वत पर। सतोपंथ पर्वत गंगोत्री नेशनल पार्क का दूसरा सबसे ऊँचा पर्वत है। इसकी ऊँचाई 7075 मीटर है। पहला पर्वत है चौखम्बा जिसकी ऊँचाई 7138 मीटर है। सतोपंथ एक टेक्निकल पीक है और इसको चढ़ना बिल्कुल भी आसान नहीं है।
वासुकि ताल इसका बेस कैंप है जिसकी ऊँचाई 4845 मीटर है। 5203 मीटर पर ठीक सतोपंथ पर्वत के नीचे और सतोपंथ ग्लेशियर के ऊपर इसका कैंप 1 लगता है। कैंप 1 से कैंप 2 का रास्ता पूरा चट्टान वाला है जहाँ बिना रोप के मदद से जाना असंभव है। कैंप 2 जाते हुए पुरे रास्ते भर ऊपर से पत्थर गिरते रहते हैं। कैंप 2 की ऊँचाई 5800 मीटर के करीब है।
कुछ साल पहले कैंप 2 के बाद एक समिट कैंप लगता था 6300 मीटर की ऊँचाई पर लेकिन एवलांच आने से जब से उधर एक ग्रुप मौत के घाट उतर गया तबसे वो कैंप लगना बंद हो गया है। अभी कैंप 2 ही समिट कैंप हो गया है। कैंप 2, 5800 मीटर से सीधे 7075 मीटर जाना अब और भी ज्यादा मुश्किल हो गया है। रात को 2 बजे निकलना पड़ता है तब जा कर सुबह 10 बजे तक समिट हो पाता है वो भी तब जब चलने वाले तेज चलते हो तो।
कैंप 2 के एक दम बाद पड़ने वाली नाइफ रिज जानलेवा है। रिज के दोनों ओर गहरी खायी है। लेकिन ये ही तो पर्वतारोहण का असली रोमांच होता है।