
हर हर महादेव
हेलो दोस्तो केसे हो आप सब आशा करता हूं कि सब कुशल मंगल होगा आज में आपको अपने एक ज्योतिर्लिग की यात्रा के बारे मे जानकारी देना चाहता हूं
भगवान भोले शंकर के ज्योतिर्लिंगों में आज में आपको मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में स्थित ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिग की जानकारी दूंगा जह ज्योतिर्लिग नर्मदा नदी में मांधाता द्वीप पर स्थित एक मनोरम स्थान पर है। ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिग भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक ज्योतिर्लिंग है यह स्थान प्राचीन काल से ही तीर्थस्थल के रूप में प्रख्यात है। इसके आसपास अनेक छोटे मोटे तीर्थस्थल है द्वीप का आकार ॐ अक्षर की तरह है, इसलिए इस ज्योतिर्लिंग का नाम ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग है। मान्यता है कि ओंकारेश्वर में स्थापित लिंग मनुष्य के द्वारा गढ़ा, तराशा लिंग नही है, बल्कि यह प्राकृतिक शिवलिंग है। मन्दिर में ओंकार शिवलिंग एक तरफ है तथा दूसरी तरफ पार्वती जी तथा गणेश जी की मूर्तियां हैं। शिवलिंग के चारों ओर हमेशा पानी भरा रहता है।
ओंकारेश्वर मंदिर पूर्वी निमांड (खंडवा) जिले में नर्मदा के दाहिने तट पर स्थित है जबकि बाएं तट पर ममलेश्वर है जिसे कुछ लोग इसे प्राचीन ज्योतिर्लिग बताते है।कहा जाता है कि शिव के जो 12 ज्योतिर्लिंग है वो भगवान शिव ने खुद साथापित किए हैं और उन सभी में शिव ज्योती आकर में समा गए थे इसलिए उनको ज्योतिर्लिंग कहा जाता है
अगर आप ओंकारेश्वर जा रहे हैं तो आपको आंदकेश्वर, झुमेश्वर , नवग्रहेश्वेर नाम से शिवलिंगों के दर्शनों का अवसर मिलेगा। यहां अविमुक्तेश्वर, महात्मा दर्याइनाथ की गद्दी, श्री बटुक भैरव, मंगलेश्वर, नागचन्द्रेश्वर, दत्तात्रेय तथा काले-गोरे भैरव प्रमुख स्थान हैं। अगर आप हवाई यात्रा से ओंकारेश्वर मंदिर पहुंचना चाहते हैं तो ओंकारेश्वर से 77 किलोमीटर की दूरी इंदौर हवाई अड्डा है। यहां से आप बस या टैक्सी के जरिए मंदिर तक पहुंच सकते हैं। वैसे इंदौर के अलावा 133 किलोमीटर की दूरी पर उज्जैन हवाई अड्डा भी है। आप यहां से भी असानी से ओंकारेश्वर मंदिर के दर्शन कर सकते हैं।
अगर आप रेल से इस ज्योतिर्लिग का दर्शन करना चाहते हैं तो यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन रतलाम-इंदौर-खंडवा लाइन पर स्थित ओंकारेश्वर रोड रेलवे स्टेशन है जहां से मंदिर की दूरी मात्र 12 किमी की है। वैसे सड़क मार्ग से भी आप ओंकारेश्वर मंदिर पहुंच सकते हैं। राज्य परिवहन निगम की बसें यहां तक चलाई जाती हैं। में अपने चार दोस्तों के साथ इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने के लिए गया था हम लोग by air गए थे हम ने दिल्ली से इंदौर मध्यप्रदेश तक by air उसके बाद हम ने इंदौर से टैक्सी करवा कर यहां आए थे हम लोगो ने नर्मदा नदी के इस तरफ अपनी गाड़ी रोक कर नाव के द्वारा दूसरी तरफ गए जहा पर ज्योतिर्लिंग स्थापित है इस द्वीप को om के आकर में है जो की इसका दृश्य बहुत ही खूबसूरत है दूसरी तरफ जाने के लिए आप पुल से भी जा सकते है लेकिन एक बार नाव में जाकर देखना की कितना खूबसूरत नजारा है नाव में आपको नर्मदा नदी और शिप्रा नदी दोनो के संगम का नजारा देखने को मिलेगा और डेम भी देख सकते हो इस तरफ से उस और जाने के लिए आपको नाव वाले को 50रूप per person देने होंगे ज्योतिर्लिंग की तरफ जाने के बाद हम लोगो ने पहले नदी में स्नान किया और फिर ज्योतिर्लिंग के दर्शन किए दर्शन करने का time दुपहर के 12 बजे तक का ही होता है उसके बाद मंदिर के कपाट बंद हो जाते है । दर्शन करने के बाद हम ने ममलेश्वर शिवलिंग पर माथा टेका और भी कई छोटे बड़े मंदिर थे सब में माथा टेकने के बाद हम ने शॉपिंग की ओर पुल के उपर चढकर कुछ खाने पीने की चीजों का आनंद लिया इस जगह को देख कर ऐसा लगता था जैसे कि इस जगह पर ही स्वर्ग है। इस के बाद हम लोग गाड़ी लेकर उज्जैन की ओर चल पड़े जिसका वर्णन में अपने अगले ब्लॉग में करूंगा ।
में आशा करता हूं कि आप सब को इस ब्लॉग से कुछ जानकारी प्राप्त हुई है
Thanks you 🎉









