मध्यप्रदेश के ग्वालियर में मौजूद ग्वालियर किले का निर्माण 8वीं शताब्दी में किया गया था. तीन वर्ग किलोमीटर के दायरे में फैले इस किले की ऊंचाई 35 फीट है यह सिर्फ ग्वालियर की नहीं बल्कि पूरे भारत की शान है जो की वर्तमान में एक ऐतहासिक संग्रहालय के रूप में जाना जाता है।
• ग्वालियर किले का इतिहास व जानकारी
किसने बनवाया – मानसिंग तोमर
कब बनवाया – 8 वीं शताब्दी में
ऊँचाई – 35 फ़ीट
दो मुख्य दरवाजे – पहला उत्तर-पूर्व (हाथीपूल) और दूसरा दक्षिण-पश्चिम (बदालगढ़ द्वार)
क्षेत्रफल – 3 किलोमीटर
• 3 अगस्त 1780 को कैप्टेन पोफान और ब्रूश के समय अग्रजो ने इस किले पर अपना कब्जा कर लिया पर उसी साल गवर्नर वारेन हास्टिंग ने गोहण राणा को उनका किला वापिस दिलाया। पर करीब 4 साल बाद मराठाओ ने ग्वालियर किले पर कब्जा कर लिया पर कुछ समय बाद फिर से इस किले को अग्रेजो ने अपने अधीन कर लिया।
• ग्वालियर का किला घूमने की जानकारी और इतिहास
ग्वालियर का किला मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले में है। यहाँ पर आप हवाई जहाज, ट्रेन और बस तीनो तरीके से पहुंच सकते हैं, जिसकी जानकारी हम आपको बताने जा रहे हैं
ग्वालियर से आपको दिल्ली, आगरा, इंदौर, भोपाल, मुंबई, जयपुर और वाराणसी के लिए फ्लाइट मिल जाएगी। ग्वालियर से लगभग 321 किमी दूर दिल्ली अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है। यह दूसरे देशो से ग्वालियर फोर्ट घूमने आने वाले यात्रियों के लिए सबसे अच्छा हवाई अड्डा है।
यहाँ पर भारत के लगभग सभी महत्वपूर्ण शहरों और पर्यटन स्थलों से ट्रेन आती है। दक्षिण भारत और पश्चिमी भारत से आने वाली ट्रेनें ग्वालियर शहर से होकर गुजरती और रूकती भी हैं। जो भी लोग ग्वालियर किला घूमने का प्लान बना रहे हैं उन्हें दिल्ली, आगरा, वाराणसी, इलाहाबाद, जयपुर, उदयपुर, चित्तौड़गढ़, अजमेर, भरतपुर, मुंबई, जबलपुर, इंदौर, बैंगलोर, हैदराबाद, चेन्नई, नागपुर, भोपाल, आदि से सीधी ट्रेन मिल जाएगी।