हर हर महादेव 🔱❤️🙏
हेलो दोस्तो केसे हो आप सब आशा करता हूं कि सब कुशल मंगल होगा आज में आपको अपने त्रयंबकेश्वर ज्योर्तिलिंग की यात्रा के बारे में बताने बाला हूं इस यात्रा का आज चौथा दिन है मैने अपने पिछले ब्लॉग में आपको बताया था कि हम पांच दोस्तो ने महाराष्ट्र घूमने का प्लैन बनाया था और नासिक में हमारे दो दिन लगे थे पहले दिन का मैने अपने पिछले ब्लॉग मे बताया था कि हम ने पूरा दिन नासिक घूमने में बिताया था आज हम लोग दूसरे दिन त्रयंबकेश्वर ज्योर्तिलिंग के दर्शन के लाए चुना
पहले में आपको त्रयंबकेश्वर ज्योर्तिलिंग के बारे में जानकारी देना चाहता हू त्रयंबकेश्वर ज्योर्तिलिंग मन्दिर महाराष्ट्र के नासिक जिले में त्रयंबक गांव में हैं। यहां के निकटवर्ती ब्रह्म गिरि नामक पर्वत से गोदावरी नदी का उद्गम है। इन्हीं पुण्यतोए गोदावरी के उद्गम-स्थान के समीप स्थित त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग की भी बड़ी महिमा हैं गौतम ऋषि तथा गोदावरी के प्रार्थनानुसार भगवान शिव इस स्थान में वास करने की कृपा की और त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग नाम से विख्यात हुए। मंदिर के अंदर एक छोटे से गढ्ढे में तीन छोटे छोटे लिंग है, ब्रह्मा, विष्णु और शिव- इन तीनों देवों के प्रतीक माने जाते हैं। शिवपुराण के अनुसार ब्रम्ह गिरी पर्वत के ऊपर जाने के लिऐ चौड़ी-चौड़ी सात सौ सीढ़िया बनी हुई हैं। इन सीढ़ियों पर चढ़ने के बाद 'रामकुण्ड' और 'लष्मणकुण्ड' मिलते हैं और शिखर के ऊपर गोमुख से निकलती हुई भगवती गोदावरी के दर्शन होते है नासिक से त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग की दूरी करीब 35 km on road पड़ती है अगर आप शिरडी से आते है तो इसकी दूरी 125km है त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग के आस पास का जो प्राकर्तिक नजारा है उसके बारे में में आपको क्या बताऊं बस इतना समझ लीजिए की अगर कोई मोक्ष प्राप्त करना चाहता है तो इस जगह पर चला जाए ( paradise in trimbakeshwer jyotirling) इसका मतलब तो आप लोग जानते ही है । जब हम लोग उस जगह पर गए तो हम ये अंदाजा नही था कि इस जगह पर इतना आनंद मिलेगा चारों तरफ पहाड़ ही पहाड़ और पहाड़ों से निकलते पानी के झरने इसको और भी खूबसूरत बनाते हैं हम लोगो ने नासिक से ही गाड़ी लेकर चले थे क्योंकि गाड़ी वाले भईया ने हम लोगो से नासिक गुमने के 2000rup लिए थे हम लोगो ने पहले प्रसाद लिया और मंदिर की लाइन में खड़े हो गए लाइन काफी लम्बी थी सभी भक्त हर हर महादेव के जय कारों के साथ चलते रहे मंदिर के प्रांगण का दृश्य बहुत ही सुंदर और अलौकिक था । जैसा कि मैंने आपको ऊपर मंदिर के बारे मे जानकारी दी है की मंदिर की ज्योतिर्लिंग में भगवान शिव, भगवान विष्णु, और भगवान ब्रह्मा, तीनों देव विराजमान हैं मंदिर के अंदर और भी बहुत छोटे छोटे मंदिर है जैसे माता पार्वती, गणेश जी, ओर कार्तिक जी , मंदिर के बाहर बहुत ही बड़ी मार्किट लगती है जहां पर आप प्रसाद और लकड़ी का बना हुआ समान खरीद सकते है इस मार्किट में आपको सबसे यादा रुद्राक्ष माला और छोटे बड़े शिवलिंग भी मिल जाए गय। हम लोगो ने मंदिर में माथा टेकने के बाद कुछ शॉपिंग की ओर बहा पर पूरी कचोरी खाई जो की इस जगह की सबसे अच्छी डिश मानी जाती है जहा के मौसम के बारे में बताना चाहता हूं कि यहां कभी भी बारिश शुरू हो सकती है क्योंकि जहां का मौसम कभी ठंडा और कभी गरम होता रहता है इस जगह से जाने का मन नही कर रहा था लेकिन क्या कर सकते है हम लोग तो परदेसी थे इसलिए हम लोग बापिस नासिक की ओर निकल गए
में आशा करता हूं की आप लोग pls एक बार जरूर इस ज्योतिर्लिग के दर्शन करने जाए । हम लोगो की रात को नासिक से बापसी की ट्रेन थी तो हम लोगो ने होटल में चक आउट किया और स्टेशन को और चल पड़े में आशा करता हूं कि आप लोगों को इस स्टोरी से कुछ जानकारी प्राप्त हुई होगी और आपको ये पसंद भी आएगी
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