पुणे का श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति ट्रस्ट है वास्तव में पहला सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडळ.

Tripoto
5th Sep 2022
Photo of पुणे का श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति ट्रस्ट है वास्तव में पहला सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडळ. by Trupti Hemant Meher
Day 1

भारत में गणेश उत्सव का महत्व क्या हैं ये आप कोंमलम ही होगा। मुंबई मे होणे वाला ये गणेश उत्सव के लिये दूर दूर से लोग आते है । लेकिन इसकी शुरुवात पुणे से हुवी थी।  पुणे के भूलभुलैया जैसी गलियों में इतिहास की कई कहानियां छुपी हुई हैं। इनमें से ही एक कहानी है, वाड़ा स्थित ऐतिहासिक ‘श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति ट्रस्ट’ की। वाड़ा स्थित यह ट्रस्ट लगभग 129 साल पुराना है। श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति ट्रस्ट को राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक माना जाता है। इतिहास के नजरिए से देखें, तो मालूम होता है कि श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति ट्रस्ट वास्तव में पहला सार्वजनिक गणेशोत्सव है, जिसकी स्थापना 1892 में भाऊसाहेब लक्ष्मण जावले उर्फ श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी नामक एक स्वतंत्रता सेनानी ने की थी।

सबसे पहला गणेश चतुर्थी उत्सव सन् 1892 में मनाया गया था। ऐसा माना जाता है कि जब पुणे निवासी कृष्णाजी पंत खासगीवाले ने मराठा शासित शहर ग्वालियर का दौरा किया था, तब उन्होंने पारंपरिक सार्वजनिक उत्सव देखा और इस उत्सव की जानकारी उन्होंने अपने दोस्त श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी और बालासाहेब नाटू को दी।

श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी स्वतंत्रता सेनानी के साथ-साथ, जाने माने शाही चिकित्सक भी थे। उन्होंने इस उत्सव में सभी लोगों की आस्था देखी, जिसके बाद उन्होंने अपने क्षेत्र शालुकार बोल (जिसे अब वाड़ा के तौर पर जाना जाता है) में सार्वजनिक गणेश मूर्ति की स्थापना की। थोड़े समय बाद, उन्होंने ठीक उसी जगह गणेश की एक अनूठी मूर्ति स्थापित की, जिसमें देवता को एक राक्षस को मारते हुए दिखाया गया था। लकड़ी के इस्तेमाल से बनाया गया यह चित्र बुराई पर अच्छाई की जीत को दर्शाता है।

भाऊसाहेब ने स्वतंत्रता संग्राम में दिया था अहम योगदान
श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी के इस कदम ने को प्रसिद्धि तब मिली, जब स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य बालगंगाधर तिलक ने 26 सितंबर 1893 को उस वक्त के सबसे लोकप्रिय समाचार पत्र ‘केसरी’ में एक लेख में उनके प्रयासों की प्रशंसा की। लोकमान्य बालगंगाधर तिलक 1894 में एक समाचार प्रकाशन के दफ्तर पहुंचे थे, जहां उन्होंने गणेश की मूर्ति स्थापित की। तब से गणेशोत्सव देशभर में मनाया जाने वाला उत्सव बन गया। अब हर साल सभी जाति और समुदायों के लोग बौद्धिक प्रवचनों, संगीत, लोकनृत्य, नाटक और कविता पाठ आदि के माध्यम से अपनी राष्ट्रीय पहचान का जश्न मनाने के लिए इकठ्ठा होते हैं।

श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी एक शाही चिकित्सक होने के साथ-साथ, अपने अनेक कौशलों के लिए देशभर में प्रसिद्ध थे। वह परंपरागत रूप से कपड़े की बुनाई और रंगाई के काम में भी शामिल थे। यह काम उनके समुदाय के सभी लोग किया करते थे। उनके इस काम के कारण उनका उपनाम ‘रंगारी’ पड़ गया। उनके पैतृक निवास, वाड़ा में जीवन रक्षक दवाइयां भी थी। साथ ही वाड़ा, ब्रिटिश इंडिया के खिलाफ रणनीति पर बातचीत करने के लिए क्रांतिकारियों का एक केंद्र था। इस जगह का निर्माण पुराने समय के किलों की तरह ही किया गया था।

ऐसा कहा जाता है कि स्वतंत्रता संग्राम के दौरान, स्वतंत्रता सेनानी यहां आकर रहा करते थे। यह जगह उनके लिए सुरक्षित थी। किले के बीचो-बीच, लॉकिंग सिस्टम बना हुआ था, जिससे आपात स्थिति में किले के तीन मुख्य दरवाजे बंद हो जाते थे।

किले के अंदर छोटे-छोटे कमरे बनाए गए थे। इन कमरों में हथियारों को छिपाया जाता था। किले के अंदर ही एक सुरंग बनाई गई थी, जिसका रास्ता किले से थोड़ी दूर स्थित नदी के किनारे पर जाकर खुलता था। वाड़ा के इस किले ने सैकड़ों क्रांतिकारियों की रक्षा की है। इस किले के साथ-साथ, भारत के स्वतंत्रता संग्राम में भाऊसाहेब रंगारी के योगदान के बारे में कम ही लोग जानते हैं, लेकिन उनके इस योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता। पुणे शहर में स्थित यह ऐतिहासिक इमारत भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों की याद दिलाती है।

लोकमान्य बालगंगाधर तिलक चाहते थे कि गणेश चतुर्थी को एक राष्ट्रीय त्यौहार के रूप में लोकप्रिय बनाया जाए, जो जातियों के बीच की खाई को खत्म कर सके और ब्रिटिश हुकुमत का विरोध करने के लिए लोगों में देशभक्ति का उत्साह पैदा कर सके। बदलाव की इस आग को सबसे पहले श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी ने जलाया था। आज भी वाड़ा स्थित श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति ट्रस्ट, उसी 129 साल पुरानी मूर्ति की पूजा करता है, जिसकी स्थापना श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी ने की थी।

Photo of पुणे का श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति ट्रस्ट है वास्तव में पहला सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडळ. by Trupti Hemant Meher
Photo of पुणे का श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति ट्रस्ट है वास्तव में पहला सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडळ. by Trupti Hemant Meher
Photo of पुणे का श्रीमंत भाऊसाहेब रंगारी गणपति ट्रस्ट है वास्तव में पहला सार्वजनिक गणेशोत्सव मंडळ. by Trupti Hemant Meher
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